बॉलीवुड में कंगना रानौत द्दारा उठाया गया सबसे विवादित मुद्दा, नेपोटिज़्म अभी तक चर्चा का विषय बना हुआ है । कंगना रानौत ने कहा कि कलाकारों के बच्चों को बॉलीवुड में जल्दी ब्रेक मिलता है बजाए स्ट्रगलिंग एक्टर्स के । कंगना द्दारा सुलगाई गई इस बहस में हर किसी ने अपनी-अपनी राय रखी और अब इसी मुद्दे पर ब्लॉकबस्टर फ़िल्म गदर के निर्देशक अनिल शर्मा ने एक अलग एंगल दिया है । अनिल शर्मा, जो अपनी आगामी फ़िल्म जीनियस से अपने बेटे उत्कर्ष को बॉलीवुड में लॉंच कर रहे हैं,ने अपनी फ़िल्म के प्रमोशन के दौरान ने्पोटिज्म पर कंगना रानौत को दो टूक जवाब दिया । बॉलीवुड हंगामा के साथ एक्सक्लूसिवली बात करते हुए अनिल कंगना पर जमकर बरसे ।

कंगना रानौत के नेपोटिज़्म मुद्दे पर हमला करते हुए गदर के निर्देशक अनिल शर्मा बोले, 'जब कंगना के बच्चे होंगे तब हम उनसे पूछेंगे'

अनिल शर्मा ने कहा कि कंगना रानौत का नेपोटिज्म मुद्दा बेकार की बात है

अपनी फ़िल्म जीनियस के प्रमोशन के लिए आए अनिल शर्मा से जब पूछा गया कि उनकी नेपोटिज़्म पर क्या राय है, तो उन्होंने कहा कि, ''जब कंगना के बच्चे होंगे और वो बड़े होंगे तब उनसे ये सवाल पूछा जाएगा । जब कंगना इस इंडस्ट्री में आईं तो बतौर स्ट्रगलर उन्हें काम मिला न, मैं भी इंडस्ट्री में आया तो मुझे भी ब्रेक मिला न ।''

इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि, कंगना को लगता है कि स्टार किड की तुलना में इंडस्ट्री से बाहर वालों को काम मिलने में समय लगता है, इस पर आपकी क्या राय है, इस पर अनिल ने कहा कि, ''मुझे इस बात से एतराज है । क्योंकि मैं भी मथुरा से आया था और मुझे भी यहां कोई नहीं जानता था । मेहनत तो हर लाइन में करनी है, मेहनत से क्यों कोई जी चुराए । फ़िल्म लाइन में मेहनत करने से कुछ नहीं होता, क्योंकि मेहनत के साथ-साथ काम आना बहुत जरूरी है,फ़ोकस होना भी जरूरी है और साथ ही सिनेमा की समझ होना सबसे जरूरी है ।

मुझे भी यहां काम मिला

जब मैं फ़िल्म इंडस्ट्री में आया तो मुझे यहां कोई नहीं जानता था । अमिताभ बच्चन आए तो उन्हें कोई नहीं जानता था । धर्मेंद्र, शाहरुख, प्रियंका चोपड़ा, इन सभी को अपने टेलेंट के अनुसार काम मिला । जो लोग बेकार की पब्लिसिटी लेना चाहते हैं वे ही इस तरह की बेफ़िजुल की बातें करते है । यदि कोई बच्चा फ़िल्म एक्टर का बच्चा है तो क्या उसे फ़िल्म इंडस्ट्री में काम करने का हक नहीं है । यदि आप में टैलेंट है तो वो दिखता है । इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि ये बेमतलब की बातें हैं,इन सब बेकार की बहसों से बाहर आए ।

कंगना के नेपोटिज़्म को गलत करार करते हुए अनिल ने कहा कि मेरी फ़िल्म जीनियस की अभिनेत्री इशिता, एक सॉफ़्टवेयर इंजीनियर की फ़ैमिली से आती है लेकिन उन्हें एक्टिंग में शौक था और इसके लिए उन्होंने 10-12 ऑडिशन दिए और नतीजतन वह अपने टैलेंट के बूते फ़िल्म में आई । इसलिए यह नेपोटिज्म की बातें एकदम बेकार है ।

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इसके बाद अनिल ने कहा, 'कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना' इसलिए लोगों को कहने दीजिए ।