इस साल की सबसे बड़ी फ़िल्मों से एक आनंद एल राय और शाहरुख खान की फ़िल्म जीरो को, सोशल मीडिया पर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई । सोशल मीडिया पर झूठे ट्वीट्स और मनगढ़ंत समीक्षाओं के साथ जीरो को नुकसान पहुंचाया गया ।

सोशल मीडिया पर जीरो को नुकसान पहुंचाने की पूरी कोशिश की गई ?

जीरो के खिलाफ़ फ़ेक न्यूज फ़ैलाई गई

लोकप्रिय ट्रेड एंड मूवी एनालिस्ट तरन आदर्श ने पाया कि जीरो को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से उनके नाम से किसी ने झूठा ट्वीट किया है । बड़े नामों का उपयोग करके एक बड़ी फिल्म को बदनाम करने के लिए वह इस दुर्भावनापूर्ण अभियान में अकेले नहीं थे । अनुपम चोपड़ा, राजीव मसंद, कोमल नाहटा जैसे अन्य समीक्षक / ट्रेड विश्लेषकों का भी जीरो के खिलाफ इस नफरत अभियान में उपयोग किया जा रहा है ।

जीरो के खिलाफ़ नफ़रत वाले इस अभियान में इन समीक्षकों के नाम से फ़िल्म के खिलाफ़ नेगेटिव रिव्यू जारी कर दिए गए जबकि हकीकर में किसी भी मीडिया पर्सन ने अभी तक फ़िल्म देखी तक नहीं है क्योंकि गुरुवार को इसका पहला प्रेस शो आयोजित किया जा रहा है ।

लेकिन निर्देशक को इससे एकदम बेफ़िक्र हैं

इससे स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया पर कोई तो जीरो के खिलाफ़ नफ़रत से भरी कैम्पेनिंग कर रहा है ताकि फ़िल्म को नुकसान पहुंचे ।

लेकिन निर्देशक आनंद एल राय इसको लेकर एकदम बेफ़िक्र है । 'हर इंसान की तरह फ़िल्म भी अपना भाग्य लेकर आती है । फ़िल्म के खिलाफ़ कोई नकारात्मकता दर्शकों के लिए उनके सकारात्मक अनुभव को बर्बाद नहीं कर सकती है ।"

फिल्म निर्माता हंसल मेहता, जो खुद सोशल मीडिया पर ऐसे निंदनीय अभियानों का शिकार हो चुके हैं, कहते हैं कि, ''जो ट्विटर अकाउंट ऐसी नकारात्मकता फ़ैला रहे हैं दरअसल, उनमें जीरो विश्वसनीयता है और समीक्षा उन लोगों द्दारा की गई है जिन्होंने एक बार भी फ़िल्म नहीं देखी है । वैसे भी ट्विटर अब जीरो आईक्यो और जीरो डिग्निटी वाला प्लेटफ़ॉर्म बन गया है ।

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उद्योग प्रवक्ता अशोक पंडित इस बात से सहमत हैं । " एक अच्छी फिल्म और उसके निर्माता को शायद ही ऐसी नेगेटिव पब्लिस्टी से कोई फ़र्क पड़ता है । इस तरह की चीजें आनंद राय और शाहरुख खान जैसे लोगों के शायद ही मायने रखती हैं । क्योंकि फिल्म मायने रखती है । ट्विटर के माध्यम से कोई भी फ़िल्म देखने जाने, या नहीं जाने का फ़ैसला नहीं करता है । हमारे पास उद्योग के भीतर और बाहर बहुत सारे परपीड़क हैं जो दूसरों की सफलता में विश्वास नहीं करते हैं ।"