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आपको बता दें कि, कुछ साल पहले बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने स्वीकार किया था कि वह साल 2000 में संयुक्त क्षय रोग (टीबी) के रोग से पीड़ित हुए थे । और ये, वो ही समय था जब अमिताभ ने सुपरहिट क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति' (केबीसी) की शूटिंग शुरू की थी । बीएमसी द्दारा चलाए गए टीबी जागरूकता अभियान, जिसके लिए अमिताभ को ब्रांड एंबेसडर चुना गया, कार्यक्रम के दौरान अमिताभ बच्चन ने खुद इस बात को स्वीकार किया था । कार्यक्रम के दौरान अमिताभ ने कहा कि, कुछ साल पहले वह टीबी के रोग से पीड़ित थे, लेकिन उन्होंने पब्लिक प्लेटफ़ॉर्म पर, कभी भी इस बात नहीं बोला । उन्होंने यह भी कहा कि यदि टीबी का रोग उन्हें हो सकता है, तो फ़िर यह किसी को भी हो सकता है ।

भारत-अमेरिका के बीच संयुक्त क्षय रोग (टीबी) जागरूकता अभियान में अमिताभ बच्चन के योगदान के लिए अमेरिकी दूतावास ने उन्हें पुरस्कृत किया । भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड आर वर्मा ने इस नेक काम के लिए टीबी रोग के ब्रांड एम्बेसडर अमिताभ बच्चन को कल यानी 8 जनवरी को सम्मानित किया गया । अमिताभ बच्चन ने रिचर्ड आर वर्मा के साथ इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग पर चर्चा करने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक चर्चा की । फेसबुक यूजर्स से लाइव चैट के दौरान अमिताभ और वर्म ने अमेरिकी दूतावास की भारत में टीबी खत्म करने के लिए पार्टनरशिप को लेकर यूजर्स से बातचीत की । वर्मा ने कहा, “मैं एक टीबी सर्वाइवर के तौर पर अपनी कहानी शेयर करने के लिए और टीबी से जुडे़ इस खौफ को कम करने के लिए मिस्टर बच्चन का शुक्रिया अदा करता हूं ।”

टीवी रोग के बारें में अपने योगदान के बारें में बोलते हुए अमिताभ ने बताया कि, इस हेतु रिचर्ड आर वर्मा ने इस क्षेत्र में उनके समर्पण के लिए न केवल उनका धन्यवाद किया बल्कि एक टीवी रोगी होने की अपनी कहानी सबसे शेयर की, जो टीवी रोगियों को इस रोग से लड़ने में मदद करेगी, की भी खूब सराहना की । इस मौके पर अमिताभ ने कहा कि यह बहुत प्ररित करने की बात है कि टीबी की रोकथाम, बचाव, रिसर्च और उपचार को लेकर भारत और अमेरिका का इतिहास बहुत

लंबा रहा है । मैं उम्मीद करता हूं कि भारत में टीबी को खत्म करने को लेकर मैं अपना कुछ न कुछ योगदान देता रहूंगा ।