जब राजकुमार राव अभिनीत न्यूटन को ऑस्कर में भारत की ऑफ़िशियल एंट्री के तौर पर घोषित किया गया तो हर जगह खुशी की लहर दौड़ गई । आखिरकार, यह एक ऐसी फिल्म थी जिसे वर्ड ऑफ़ माउथ, यानी मुंहजवानी तारीफ़ का बहुत फ़ायदा मिला था, यहां तक कि इसने अच्छा खासा कारोबार भी किया था । लेकिन ऑस्कर की राह आसान नहीं है । आखिरकार, लगभग 90 देशों ने बेस्ट फ़ॉरेन लैंग्वेज फिल्म श्रेणी में प्रत्येक एक फिल्म को भेजा था, जिनमें से 9 को पहले दौर में शॉर्टलिस्ट किया गया था । लगभग हर बार, हमारी भारतीय फिल्में कभी शीर्ष 9 में नहीं पहुंच पातीं हैं । और इस बार भी ऐसा ही हुआ, और इतिहास दोहराते हुए न्यूटन ऑस्कर की रेस से बाहर हो गई । जूरी की कसौटी पर खरा न उतर पाने की वजह से यह फ़िल्म ऑस्कर की रेस से बाहर हो गई ।

एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स ऐंड साइंस (एएमपीएएएस) ने अगले राउंड में जाने वाली नौ फिल्मों की लिस्ट जारी की है । और वो फ़िल्में है,- अ फैंटास्टिक वूमन (चिले), इन द फेड (जर्मनी), ऑन बॉडी ऐंड सोल (हंगरी), फॉक्सट्रॉट (इस्राइल), द इनसल्ट (लेबनान), लवलेस (रूस), फेलिसिटे (सेनेगल), द वूंड (साउथ अफ्रीका) और द स्कवायर (स्वीडन). इस तरह ऑस्कर जीतने का भारत का ख्वाब एक बार फिर टूट गया है. ऑस्कर पुरस्कारों की अंतिम सूची 23 जनवरी को जारी होगी । ऑस्कर पुरस्कारों की घोषणा लॉस एंजिल्स में डॉल्बी थिएटर में 4 मार्च को की जाएगी ।

अब तक, केवल तीन भारतीय फिल्म बेस्ट फ़ॉरेन लैंग्वेज फिल्म श्रेणी में नामांकन की अंतिम सूची में पहुंच पाई हैं: नरगिस-सुनील दत्त की क्लासिक फ़िल्म मदर इंडिया, मीरा नायर की सलाम बॉम्बे और आमिर खान अभिनीत पंथ स्पोर्ट्स ड्रामा फ़िल्म लगान ।

राजकुमार राव, पंकज त्रिपाठी, अंजली पाटील और रघुवीर यादव के अभिनय से सजी फ़िल्म न्यूटन, एक ईमानदार ऑफ़िसर की कहानी है जिसकी ड्यूटी चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगा दी जाती है और वहां जाकर न्यूटन मजेदार तरीको से निष्पक्ष चुनाव कराता है । अमित मसूरकर द्दारा निर्देशित यह फ़िल्म जिस दिन रिलीज हुई थी उसी दिन इसके ऑफ़िशियली ऑस्कर में एंट्री का भी ऐलान किया गया था । और इस खबर ने फ़िल्म के कारोबार में जबरदस्त इजाफ़ा किया ।