अश्लील फिल्मों के कथित निर्माण और उन्हें कुछ पेड ऑनलाइन ऐप के जरिए प्रसारित करने से जुड़े मामले में गिरफ़्तार हुए राज कुंद्रा की जमानत याचिका को मुंबई की किला कोर्ट ने एक बार फ़िर खारिज कर दिया । साथ ही राज कुंद्रा के सहयोगी रायन थोरपे की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है । राज कुंद्रा कहीं विदेश भागकर न चले जाएं इसकी वजह से उनका पासपोर्ट क्राइम ब्रांच ने अप्रैल महीने में ही जब्त कर लिया था ।

कोर्ट ने एक बार फ़िर राज कुंद्रा की जमानत याचिका खारिज की, मुंबई पुलिस को है सबूतों से छेड़छाड़ का डर

राज कुंद्रा की जमानत याचिका खारिज

एक दिन पहले ही पोर्नोग्राफ़ी केस में किला कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज कुंद्रा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था । अब राज की उम्मीद बॉम्बे हाई कोर्ट से है जहां उनके वकील ने उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनू बताते हुए चैलेंज किया है । राज की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट गुरुवार 29 जुलाई को सुनवाई करेगा । अभी राज कुंद्रा मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं ।

मुंबई पुलिस ने राज की बेल की अर्जी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि केस की छानबीन जारी है । जांच कर रही पुलिस ने कोर्ट में दलील दी कि अगर राज को बेल दी जाती है तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं । आरोपी के अभी भी कई बयान रिकॉर्ड करने बाकी हैं ।

 क्या राज कुंद्रा आतंकवादी हैं ?

राज के वकील आबाद ने भी राज के बचाव में दलील दी कि मुद्दा यह नहीं कि राज कुंद्रा दोषी हैं या नहीं । मुद्दा है कि क्या वह बेल पर बाहर आ सकते हैं या नहीं । चार्जशीट पहले से ही तैयार है । केस में शामिल आरोपी बेल पर बाहर हैं । कई लोगों पर तो संगीन आरोप भी लगे हुए हैं । इस केस में सात साल की सजा है । ऐसे में कस्टडी में राज को रखने का सवाल ही पैदा नहीं होता । उन्हें बेल दी जानी चाहिए । राज शादीशुदा हैं और उनका परिवार है । मुंबई में घर है । इन्वेस्टिगेशन के समय राज मुंबई में कभी भी उपलब्ध हो सकते हैं ।

इसी के साथ राज के वकील ने यह भी कहा कि क्या राज कुंद्रा आतंकवादी हैं ? क्या उन्होंने किसी को आतंकित किया है ? फरवरी से अब तक क्या पुलिस एक भी स्टेटमेंट ऐसा दिखा सकती है जिसमें राज ने किसी को किसी को बहलाया-फुसलाया हो? या फिर यह कहा हो कि पुलिस के पास जाकर स्टेटमेंट मत देना ?

लेकिन राज के सपोर्ट में उनके वकील की सभी दलीलें बेकार साबित हुईं और कोर्ट ने राज की जमानत याचिका को खारिज कर दिया ।