अभिनेता और फिल्ममेकर अंशुमन झा की डायरेक्टोरियल डेब्यू फिल्म लॉर्ड कर्ज़न की हवेली को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से ‘A’ सर्टिफिकेट मिल गया है, लेकिन इसके साथ ही तीन जरूरी बदलाव भी मांगे गए हैं। 3 जनवरी 2025 को फिल्म की सेंसर स्क्रीनिंग हुई थी और चार महीने से ज़्यादा लंबी प्रक्रिया के बाद फिल्म को मंजूरी मिली है। लेकिन मेकर्स इस सर्टिफिकेट से खुश नहीं हैं।
अंशुमन झा की डायरेक्टोरियल डेब्यू फिल्म लॉर्ड कर्ज़न की हवेली
निर्देशक अंशुमन झा ने बताया कि CBFC ने एक महिला किरदार द्वारा बोले गए एक गाली को हटाने या म्यूट करने को कहा क्योंकि उसमें महिला-संबंधित शब्द जुड़ा हुआ था, जबकि फिल्म को पहले ही ‘A’ सर्टिफिकेट दिया जा चुका है। इसके अलावा, बोर्ड को फिल्म की भाषा से भी आपत्ति थी क्योंकि फिल्म 50% हिंदी और 50% अंग्रेज़ी में है — इस बात से भी निर्देशक नाखुश हैं।
“लॉर्ड कर्ज़न की हवेली” एक ब्लैक कॉमेडी थ्रिलर है, जो पिछले साल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल सर्किट पर काफी सराही गई है। यह फिल्म यूरोप के सबसे बड़े जॉनर फिल्म फेस्टिवल ‘रेज़र्र रील फ्लैंडर्स 2024’ में चुनी गई अकेली भारतीय फिल्म थी, और अंशुमन झा को UK एशियन फिल्म फेस्टिवल 2024 में "बेस्ट डायरेक्टर" का अवॉर्ड भी मिला।
फिल्म में इंटरनेशनल एमी नॉमिनी अर्जुन माथुर, साथ में रसिका दुग्गल, परेश पाहूजा, और तनमय धनानिया अहम किरदारों में नज़र आएंगे। यह कहानी UK में रहने वाले एशियाई लोगों की पहचान और इमिग्रेशन की जद्दोजहद के इर्द-गिर्द घूमती है।
दिलचस्प बात यह है कि यह फिल्म भारत की पहली मेनस्ट्रीम फिल्म है जिसे पूरी तरह एक ही 35mm लेंस पर शूट किया गया है। फ्रेंच सिनेमैटोग्राफर ज्यां मार्क सेल्वा के मुताबिक, यह प्रयोग निर्देशक झा की हिचकॉक के प्रति दीवानगी से प्रेरित है। फिल्म को इसकी सिनेमेटोग्राफी और अनोखे नैरेटिव के लिए इंटरनेशनल लेवल पर खूब सराहना मिल रही है।
इस फिल्म को लिखा है पुरस्कार विजेता लेखक बिकास मिश्रा ने और प्रोड्यूस किया है गोल्डन रेशे फिल्म्स, अध्या फिल्म्स UK और फर्स्ट रे फिल्म्स ने। फिल्म ने ऑस्ट्रेलिया में अपने वर्ल्ड प्रीमियर के बाद कई अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड भी जीते हैं — जिनमें शामिल है “स्टार ऑफ एशिया” का अवॉर्ड रसिका दुग्गल के लिए (CSAFF शिकागो) और अर्जुन माथुर के लिए “बेस्ट एक्टर” (UKAFF लंदन)।
सेंसर सर्टिफिकेट मिलने पर अंशुमन झा ने कहा, “हमें आखिरकार सर्टिफिकेशन मिल गया है, ये राहत की बात है। लेकिन ये सफर आसान नहीं था। हम हमेशा वही फिल्म बनाना चाहते थे जो हमने सोची थी। इतनी देर के बाद फिर A सर्टिफिकेट मिलना और फिर भी सीन काटना या म्यूट करना — ये सब निराशाजनक है। कुछ फिल्में ‘UA’ लेकर भी उससे ज़्यादा एक्सप्लिसिट कंटेंट दिखाती हैं। मैं नियम मानने को तैयार हूं, पर ज़रूरत है कि ये प्रक्रिया समान और पारदर्शी हो।”
अब जब फिल्म को भारत में भी मंजूरी मिल गई है, लॉर्ड कर्ज़न की हवेली को लेकर दर्शकों की उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं।