बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत इन दिनो अपनी फिल्म इमरजेंसी के कारण हेडलाइन में बनी हुई है । जब से उनकी फ़िल्म इमरजेंसी का ट्रेलर रिलीज हुआ है तब से इस फ़िल्म के खिलाफ़ प्रदर्शन हो रहा है और बैन लगाने की मांग उठ रही है । कंगना रनौत की इमरजेंसी पर आरोप लगाया जा रहा है कि, ये सिख समुदाय को गलत तरीके से दिखा रही है, जो उनकी छवि के लिए अपमानजनक है ।

कंगना रनौत की इमरजेंसी पर बैन लगाने की मांग बढ़ी ; बढ़ते विवाद के चलते CBFC ने अभी तक नहीं दिया सेंसर सर्टिफ़िकेट

कंगना रनौत की इमरजेंसी पर गहराया विवाद

शिरोमणि अकाली दल (SAD) की दिल्ली इकाई ने भी कंगना की इमरजेंसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । दल की दिल्ली इकाई के प्रेजिडेंट ने फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड और कंगना के प्रोडक्शन हाउस को नोटिस भेजा है। शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली यूनिट ने नोटिस में कहा कि कंगना रनौत ‘सिख विरोधी रेटोरिक’ के लिए कुख्यात हैं और उन्होंने सिख समुदाय को निशाना बनाने के लिए इमरजेंसी का सब्जेक्ट चुना है । फिल्म का ट्रेलर आने के बाद से ही इसे लेकर विवाद शुरू हो चुके हैं ।

गुरुद्वारों के मैनेजमेंट के लिए जिम्मेदार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने कंगना रनौत सहित फिल्म के मेकर्स के लिए एक नोटिस जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि फिल्म में सिख इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया है और इसमें कुछ ऐसे सीन्स हैं जो सिख समुदाय की भावना को आहत करते हैं । एसजीपीसी के कानूनी नोटिस में इमरजेंसी से विवादित सीन्स को तुरंत हटाने की मांग की गई. मेकर्स से सिख समुदाय से माफी मांगने को कहा गया. एसजीपीसी ने इस बात पर भी जोर दिया कि 14 अगस्त को रिलीज हुए फिल्म के ट्रेलर को सभी पब्लिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाए ।