आतंकवाद और धर्म के नाम पर लोगों को बरगलाने की कहानी के इर्द- गिर्द घूमती अपकमिंग फ़िल्म 72 हूरें अपनी रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है । कहा जा रहा था कि फ़िल्म के विवादास्पद विषय के कारण CBFC (सेंट्रेल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) ने फ़िल्म के ट्रेलर को सर्टिफ़िकेट देने से इंकार कर दिया है । लेकिन अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि उन्होंने फिल्म 72 हूरें के ट्रेलर को सर्टिफ़िकेट देने से इनकार नहीं किया है । बता दें कि, सेंसर बोर्ड का ये बयान 72 हूरें के को-प्रोड्यूसर अशोक पंडित की नाराजगी के बाद आया है जिसमें उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि फ़िल्म को तो सेंसर बोर्ड ने मंज़ूरी दे दी तो ट्रेलर को क्यों नहीं दी, जबकि ट्रेलर भी फ़िल्म का ही हिस्सा है ।

72 हूरें के ट्रेलर सर्टिफ़िकेशन इश्यू पर सेंसर बोर्ड ने क्लीयर किया अपना पक्ष ; “फिल्म को पहले ही A सर्टिफिकेट दिया जा चुका है, ट्रेलर में अभी बदलाव अंडर प्रोसेस में हैं”

72 हूरें पर सेंसर बोर्ड ने क्लीयर किया

7 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली फ़िल्म 72 हूरें को लेकर हाल ही में CBFC का एक स्टेटमेंट अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है जिसमें उन्होंने लिखा है, “मीडिया के कई सेक्शन ये गलत खबरें फैला रहे हैं कि 72 हूरें नामक फिल्म और इसके ट्रेलर को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था । लेकिन इसके अपोजिट सीबीएफसी का कहना है कि फिल्म को पहले ही 'A' सर्टिफिकेट दिया जा चुका है । ट्रेलर में अभी बदलाव हुए नहीं है, इसलिए वह अभी प्रोसेस में हैं ।”

सेंसर बोर्ड ने आगे कहा, “मेकर्स को फिल्म से जुड़े कुछ दस्तावेज सब्मिट करने के लिए कहा गया था और सर्टिफिकेट देने से पहले सेंसर बोर्ड की तरफ से इसमें कुछ बदलाव करने के लिए कहा गया था । 27 जून 2023 को ट्रेलर में बदलाव हुए हैं या नहीं, इसके बारे में जानने के लिए मेकर्स को 'कारण बताओ नोटिस' भी भेजा गया था और अभी तक इस पर निर्माताओं की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है ।”

संजय पूरण सिंह के डायरेक्शन में बनी 72 हूरें के ट्रेलर को डिजीटली रिलीज किया गया था जिसे लोगों ने मिला जुला रेस्पॉन्स दिया । फिल्म के ट्रेलर में आतंकवाद की काली दुनिया का सच दिखाया गया है । ट्रेलर में देखा गया कि किस तरह आतंकवादी पहले लोगों का ब्रेनवॉश करते हैं । इसके बाद उन्हें मासूम लोगों की जान लेने पर मजबूर करते हैं ।आतंकवादियों का मानना है कि जो इंसान अपनी जान कुर्बान करके लोगों की जिंदगी तबाह करता है, खुदा उन्हें जन्नत नसीब करता है ।