कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है । जब से इमरजेंसी का ट्रेलर रिलीज हुआ है तब से इस फ़िल्म के खिलाफ़ प्रदर्शन हो रहा है और बैन लगाने की मांग उठ रही है । कंगना रनौत की इमरजेंसी पर आरोप लगाया जा रहा है कि, ये कथित तौर पर सिख समुदाय को गलत तरीके से दिखा रही है, जो उनकी छवि के लिए अपमानजनक है । इमरजेंसी को लेकर बढ़ते विवाद को देखते हुए मेकर्स ने फ़िल्म को पोस्टपोन करने का फ़ैसला किया है । यानि अब यह फ़िल्म 6 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज नहीं होगी ।
कंगना रनौत की इमरजेंसी हुई पोस्टपोन
फिल्म को लेकर चल रहे मुद्दों के कारण शायद फिल्म को पोस्टपोन किया गया है । कल, 31 अगस्त को, बॉलीवुड हंगामा ने बताया कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में गुरिंदर सिंह और जगमोहन सिंह द्वारा दायर मामले पर सुनवाई हुई। मोहाली के इन निवासियों ने मांग की कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेट (CBFC) द्वारा इमरजेंसी को दिया गया सेंसर सर्टिफिकेट रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सिनेमाघरों में रिलीज होने से पहले फिल्म को प्रतिष्ठित सिख हस्तियों द्वारा समीक्षा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
बॉलीवुड हंगामा ने इसी स्टोरी में आगे बताया कि सीबीएफसी ने फिल्म में कट लगाने के लिए अनुमति दे दी है, लेकिन सर्टिफिकेशन पर विचार किया जा रहा है। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सीबीएफसी की ओर से पेश हुए भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन ने अदालत को बताया, “अभी तक इसे (सर्टिफ़िकेशन) नहीं दिया गया है। इसे इस मामले में लागू नियमों और विनियमों के अनुसार दिया जाएगा । अगर किसी को कोई शिकायत है, तो उसे बोर्ड को भेजा जा सकता है ।”
अब यह देखना बाकी है कि इमरजेंसी कब रिलीज होगी और क्या इसकी रिलीज एक सप्ताह आगे बढ़ाई जाएगी ।