जब से अब मलयालम फ़िल्म इंडस्ट्री की एक्ट्रेस मीनू कुरियन ने इंडस्ट्री के कुछ एक्टर्स और टेक्नीशियन्स पर फिजिकल और वर्बल अब्यूज के आरोप लगाए हैं तभी से मलयालम सिनेमा बड़े विवादों से जूझ रहा है ।हाल ही में, मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं को होने वाली समस्याओं को लेकर हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आई है, जिसके बाद से इंडस्ट्री कटघरे में आ गई है । इंडस्ट्री के कई बड़े नाम सेक्सुअल असॉल्ट के आरोप के घेरे में आ गए हैं । इसी के चलते अब सुगबुगाहट है कि महाराष्ट्र सरकार भी अब हिंदी फ़िल्म उद्योग में कास्टिंग काउच सिंड्रोम की जांच के लिए एक ऐसी ही समिति गठित करने पर विचार कर रही है ।

मलयालम फ़िल्म इंडस्ट्री के बाद अब बॉलीवुड में कास्टिंग काउच की जांच के लिए बनाई जाएगी कमेटी ?

कास्टिंग काउच सिंड्रोम की जांच के लिए कमेटी बनेगी

सेक्सुअल असॉल्ट के आरोप की जांच ने फ़िल्मी दुनिया के कई लोगों को बैकफुट पर ला दिया है।

वरिष्ठ अभिनेत्री आशा पारेख ने कहा, “इसकी उच्चतम स्तर पर जांच होनी चाहिए । कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए ।”

एक प्रमुख हिंदी निर्माता-निर्देशक ने नाम न बताने की शर्त पर इस मुद्दे पर बात की और कहा, “कुछ साल पहले बॉलीवुड में मी टू का पूरा मामला हुआ था । लेकिन इसका नतीजा क्या हुआ ? केवल छोटी मछलियाँ ही जाल में फंसी थीं । वास्तव में बड़े खिलाड़ी, जिनमें एक मल्टी-कंटेंट टाइकून निर्माता और एक ए-लिस्ट हीरो शामिल हैं, जो अपनी साफ-सुथरी छवि के लिए जाने जाते हैं, दोनों ने अपने खिलाफ आरोपों को दबाने के लिए आरोप लगाने वालों को करोड़ों रुपये देकर ख़ुद को बचा लिया । इस बार इसके लपेटे में सब आएँगे ।”

इस संदर्भ में, मलयालम अभिनेता टोविनो थॉमस द्वारा मलयालम फिल्म उद्योग को कास्टिंग काउच को लेकर टार्गेट किए जाने पर दुख जताया ।

उनके एक सहकर्मी ने कहा, “कहीं न कहीं तो शुरुआत करनी ही होगी, और थॉमस को इस बात पर खुशी और गर्व होना चाहिए कि मलयालम फिल्म उद्योग ने मीटू पार्ट 2 की अगुआई की है। थॉमस का यह कहना कि हम क्यों रो रहे हैं, यह कहने जैसा है कि अपराध का प्रभाव कम हो जाता है क्योंकि दूसरे लोग भी वही अपराध कर रहे हैं। भगवान के लिए यह कोई किंडरगार्टन स्कूल नहीं है। बड़े हो जाओ और सच्चाई का सामना करो ।”

इस लेखक ने हेमा कमेटी की रिपोर्ट के बारे में मलयालम फिल्म उद्योग के कई सदस्यों से बात की । बहुत कम लोगों ने ऑन रिकॉर्ड बात की । प्रतिक्रिया देने वाले कुछ लोगों में से एक थे द ग्रेट इंडियन किचन के निर्देशक जियो बेबी, जिन्होंने कहा, “सभी रजिस्टर्ड शिकायतों को बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए । राज्य सरकार के सहयोग से फिल्म क्षेत्र में कई बदलाव लाए जाने चाहिए । मैं इस अवसर पर WCC (वुमेन इन सिनेमा, कलेक्टिव) को बधाई देता हूँ । उन्होंने मलयालम सिनेमा के भविष्य के लिए बहुत अच्छा काम किया है ।”