कंगना रनौत एक बार फ़िर गलत कारणों से चर्चा में आ गई है । उनकी ऐतिहासिक पीरियड ड्रामा फ़िल्म मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ़ झांसी शुरूआत से लेकर अभी तक किसी न किसी वजह से चर्चा में बनी हुई है । हाल ही में मेकर्स ने मणिकर्णिका के कुछ सीन को फ़िर से से शूट करने का फ़ैसला किया लेकिन फ़िल्म के निर्देशक क्रिश के पास रीशूट करने के लिए डेट्स नहीं थी इसलिए इसकी कमान खुद कंगना रनौत ने संभाली और फ़िल्म के पैचवर्क को करने का जिम्मा खुद पर लिया । लेकिन तभी सोनू सूद ने फ़िल्म को अचानक छोड़ दिया ।
कंगना ने इस पर प्रतिक्रिया दी सोनू को एक महिला निर्देशक द्दारा डायरेक्ट होना रास नहीं आया इसलिए उन्होंने फ़िल्म छोड़ दी लेकिन वहीं सोनू ने अपनी सफ़ाई में कहा कि उनके पास डेट्स नहीं थी इसलिए उन्होंने फ़िल्म छोड़ी । लेकिन अब इस पूरे मुद्दे पर कंगना के पुराने दुश्मन कहे जाने वाले अपूर्व असरानी ने कंगना पर निशाना साधा है ।
अपूर्व असरानी ने कंगना रनौत की तानाशाही पर तंज कसा
जैसा की ज्ञात तथ्य है कि अपूर्व असरानी का कंगना से फ़िल्म सिमरन के दौरान झगड़ा हुआ था । कंगना ने फिल्म सिमरन की कहानी में हस्तक्षेप करते हुए फिल्म की कहानी को लिखने का क्रेडिट मांगा था । उस वक्त भी असरानी ने कंगना की जमकर आलोचना की थी । हालांकि बाद में दोनों के बीच ये झगड़ा ठंडा पड़ गया था । लेकिन हाल ही में अपूर्व ने एक बार फ़िर कंगना पर हमला बोला है । अपूर्व ने कंगना पर उनके मणिकर्णिका विवाद को लेकर निशाना साधा है ।
अपूर्व ने ट्विटर पर कंगना की एक बार फिर आलोचना की । उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, 'एक स्टार फिल्म को हाइजैक कर रही है और यूनिट के सदस्यों की कड़ी मेहनत को दबाना हाररकी का सबसे खराब स्वरूप है । जब इससे प्रभावित फिल्मकार इसे नियंत्रित नहीं कर सकते और इसके बजाय चुप्पी साध लेते हैं तो वे एक बहुत अहंकारी शख्स को उपद्रव मचाने देते हैं और आखिरकार फिल्म को बर्बाद करने देते हैं ।'
असरानी ने कहा कि, 'फिल्म में कैमरे के पीछे भी खुद की अहमियत, उपस्थिति जताना, लोगों पर हावी होना और अपनी बात मनवाने जैसी हरकत करना उनके लिए हारार्की यानी आत्महत्या करने जैसा है । वह खुद को गर्त में धकेल रही हैं ।'
अपूर्व ने कंगना की ज्यादती से बचने का उपाय बताया
एक यूजर ने जब उनसे पूछा कि इसके लिए विकल्प क्या है तो उन्होंने कहा कि पहले दिन से इस संबंध में 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनानी चाहिए । लेखक ने कहा कि अगर कोई और आपकी फिल्म को निर्देशित कर रहा है और आप उसे रोकने में असमर्थ हैं तो फिर बस फिल्म से अलग हो जाएं ।
A star hijacking a film & running down the hard work of crew member/s is the worst form of hara-kiri there is. When affected filmmakers cannot control this & instead put on a facade of a ‘dignified silence’, they allow a monstrous ego to go on a rampage & eventually kill the film
— Apurva Asrani (@Apurvasrani) September 1, 2018
Zero tolerance. From day one. If the actor refuses to abide by the contract, threaten/get legal intervention. I know many directors who have replaced tantrum throwing stars early on. And the studios have supported the courage & conviction of the maker.
— Apurva Asrani (@Apurvasrani) September 1, 2018
If someone else is directing your film & you are unable to stop him/her, then just quit! Before your self esteem is eroded. Unless ofcourse you are greedy for a commercial ‘hit’ & are prepared to sacrifice your team. I think in the current hijacked film the director has bowed out
— Apurva Asrani (@Apurvasrani) September 1, 2018
Its not that. I think the star disowning a film is what a producer fears. There is patchwork, dubbing & promotions to complete, so the producer is held by his/her balls till the nth moment. It is an abusive relationship. But if they don’t stand up to it, the film will get abused.
— Apurva Asrani (@Apurvasrani) September 2, 2018
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मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ़ झांसी अगले साल 25 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी ।