22 साल बाद एक बार फिर ‘तारा सिंह’ बनकर लौटे सनी देओल ने अपनी फ़िल्म गदर 2 से बॉक्स ऑफिस पर सुनामी ला दी है । महज तीन दिनों में 100 करोड़ का आँकड़ा पार करने वाली  गदर 2 की सुपर सक्सेस के बाद सनी देओल, डायरेक्टर अनिल शर्मा और प्रोड्यूसर्स ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें उन्होंने फ़िल्म को मिल रहे प्यार पर आभार जताया । इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सनी देओल ने दर्शकों को अलग-अलग वर्गों में बाँटने पर आपत्ति जताई और कहा की ये मास क्या होता है हम पब्लिक हैं । इसके अलावा सनी देओल ने ओरिजनल पर फ़ोकस करने पर ज़ोर दिया और अलग-अलग इंडस्ट्री से कॉपी करने को ग़लत बताया ।

गदर 2 की सक्सेस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सनी देओल ने दर्शकों को अलग-अलग वर्गों में बांटने पर आपत्ति जताई, कहा- “आप ‘मास’ बोलकर कुछ लोगों को नीचा दिखा रहे हैं ; दूसरी इंडस्ट्री से कॉपी क्यों करना है, अपना ओरिजनल क्यों नहीं सोच सकते”

सनी देओल ने दर्शकों को अलग-अलग वर्गों में बाँटने पर आपत्ति जताई

सनी ने कहा, “'पापा ने जैसा सिनेमा किया, आज तक किसी ने ऐसा सिनेमा नहीं किया । वह एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने सभी शैलियों में सुपर-हिट फ़िल्में दी हैं । क्या आज कोई ऐसा अभिनेता है जो यह दावा कर सके कि उसने कॉमेडी, ड्रामा, एक्शन, इमोशनल फिल्में कीं और सभी चलीं ? आज के जमाने में एक भी ऐसा एक्टर नहीं और पहले के जमाने में भी नहीं था । वो सिर्फ़ पापा है, लेकिन उन्होंने कभी इस बारे में बात नहीं की । आम जनता को इसके बारे में पता था । इंडस्ट्री नहीं बोल सकती थी क्यों कि वो बहुत ही बड़ा आदमी था । वैसा बनना मुश्किल था । ऐसे आदमी की बढ़ाई नहीं कर सकते तो उसके बारे में शांत रहते हैं । और हम हैं भोले भाले । हमें इसकी परवाह नहीं है कि कोई क्या कहेगा । हम जनता के साथ जुड़े हुए हैं ।

सनी देओल ने आगे कहा, “जनता ने तारा सिंह और उनके परिवार को अपने दिल में जगह दी है । वे भी तारा जैसा परिवार चाहते हैं । और हमारे परिवार की ताकत उसका प्यार है । और जब उसके सामने कोई समस्या आती है तो वह खड़ा हो जाता है । और फिर उसके साथ रब जुड़ता है । रब उसके अंदर आ जाता है । मुश्किल वक्त पर हर परिवार में रब आ ही जाता है । इसे ही हम चमत्कार कहते हैं । और इसलिए लोग (गदर 2) इसे पसंद कर रहे हैं ।

इसके अलावा सनी ने नाराज़गी जताते हुए कहा, “मैं अपने सभी प्रशंसकों से वादा करता हूं कि मैं ऐसी ही फिल्म बनाऊंगा ! आज कल कहते हैं नामासेस । मासेस से आपका क्या मतलब है ? जनता तो जनता है ! हम सब पब्लिक हैं । आप 'मास' बोलकर कुछ लोगों को नीचा दिखा रहे हैं ? आपको लगता है कि आप बड़े हो ? आपको सालों को अक्ल नहीं है । उनको समझ ही नहीं है हिंदुस्तान की । अपने मुल्क को समझो ।

अंत में उन्होंने यह भी कहा, “अक्सर हम अन्य इंडस्ट्री से कुछ न कुछ कंटेंट कॉपी करते हैं । अपने आप को उभारो । हमारे यहाँ इतना कला थी । पूरी दुनिया हमारी कला चोरी करके ले के गई थी और देखो वे कहां पहुंच गए हैं । उनकी नकल मत करो । वे अपनी कला को निखार रहे हैं । और हम उनकी नकल करते हैं । हम ओरिजनल क्यों नहीं सोच सकते ? अक्सर कुछ फिल्म निर्माता उनसे कहते हैं, 'ये उस पिक्चर का सीन है ।' इसको करें?' मैं उनसे पूछता हूं 'आप कोई नया सीन नहीं सोच सकते?' मैं कभी भी ऐसा सीन करना पसंद नहीं करता जो पहले ही किया जा चुका हो ।