टीवी से अपना बॉलीवुड करियर शुरू करने वालीं मृणाल ठाकुर अब तक कई बड़ी फ़िल्मों का हिस्सा रह चुकी हैं । ॠतिक रोशन, जॉन अब्राहम, फ़रहान अख्तर के साथ फ़िल्में कर चुकी मृणाल अब शाहिद कपूर के साथ फ़िल्म जर्सी में नजर आएंगी । इस फ़िल्म के साथ मृणाल का शाहिद कपूर के साथ फ़िल्म करने का सपना पूरा हो जाएगा । बॉलीवुड हंगामा के साथ हुई एक्सक्लूसिव बातचीत में मृणाल ने फ़िल्म से जुड़े कई विषयों पर बात की साथ ही बताया कि उन्होंने क्यों इतनी जल्दी एक साल में एक ही फ़िल्म करने का फ़ैसला कर लिया ।

EXCLUSIVE: जर्सी एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर ने इसलिए एक साल में एक फ़िल्म करने का फ़ैसला किया ; बताया क्यों जरुरी है बॉक्स ऑफ़िस नंबर्स

रीमेक फ़िल्म को करना कितना आसान और कितना चैलेजिंग होता है ?

किसी भी रीमेक में काम करना चैलेंजिंग इसलिए होता है क्योंकि उसमें जो ऑरिजनल एक्टर्स हैं उन्होंने इतना उम्दा परफ़ोर्मेंस दिया होता है कि हमेशा डर लगता है कि कहीं शायद तुलना न हो जाए । आपको उस अच्छे परफ़ोर्मेंस को मेंटेन भी करना होता है । तो ये चैलेंज होता है । आसान इसलिए होता है क्योंकि, जर्सी की शूटिंग के दौरान मुझे कभी हमारे डायरेक्टर गौतम सर ने कभी प्रेशर नहीं डाला । ऑरिजनल जर्सी में जो किरदार श्रद्धा ने निभाया था उसे हिंदी रीमेक में मैं निभा रही हूं । ऐसे में मेरे डायरेक्टर ने मुझसे कहा कि इस किरदार को हिंदी रीमेक में मैं अपने हिसाब से प्ले करुं । ऐसे में मेरे कंधों से ये बोझ निकल गया । तो शुरूआत में मेरे यह काफ़ी चैलेंजिंग लगा लेकिन बाद यह काफ़ी आसान हो गया था ।

जर्सी की थीम सेकेंड चांस पर बेस्ड है, आपकी लाइफ़ का सेकेंड चांस क्या है ?

टेलीविजन से फ़िल्मों में आना, वो एक सेकेंड चांस था मेरे लिए, या किसी फ़िल्म के लिए ऑडिशन देना भी मेरे लिए एक तरह से सेकेंड चांस जैसा ही था । तो मैं खुश हूं कि मुझे चांस मिला और मैं यही कहूंगी कि चांस आपको मिलते हैं बस ये आप पर निर्भर करता है कि आप उन चांस को किस तरह से लेते हैं । यह सबसे महत्वपूर्ण है ।

जर्सी का वो सीन जिसमें आपने शाहिद कपूर को चांटा मारा है, इस सीन को करने में कितने टेक लगे और ये आपके लिए यह कितना कठिन रहा ?

जब ये सीन करना था तो मुझे हमेशा यही लगता था कि शाहिद को कैसे थप्पड़ मारु । लेकिन वो सीन भी पूरा करना था लेकिन मैं इसे अच्छे से कर नहीं पा रही थी क्योंकि मुझे डर लग रहा था । कि कहीं बहुत जोर से न लग जाए । मैंने कभी किसी को थप्पड़ नहीं मारा तो वो थप्पड़ मारना मेरे लिए बहुत मुश्किल था । लेकिन बाद में वो आसानी से हो गया । क्योंकि शाहिद ने मुझसे कहा कि किसी ऐसे इंसान के बारेंमें सोचूं जो तुझे बिल्कुल पसंद नहीं हो । तो उसको दिमाग में रखो और चांटा मार दो ।

जर्सी के बाद से आपने साल में सिर्फ़ एक फ़िल्म देने का फ़ैसला किया, ऐसा क्यों ?

हां, ये सही है मैं एक ही फ़िल्म करने का फ़ैसला किया है । क्योंकि फ़िल्मों में हिरोइन्स के ज्यादा दिन यूज नहीं होते हैं ऐसे में उनके पास समय होता है तो एक साथ कई फ़िल्में साइन कर लेती हैं । एक फ़िल्म से दूसरी फ़िल्म स्विच करने में वो अपने केरेक्टर पर ध्यान नहीं दे पाती । इसलिए मैंने साल में सिर्फ़ एक ही फ़िल्म करने का फ़ैसला किया है । ताकि मैं अपने किरदार पर अच्छे से ध्यान दे संकू ।

शाहिद कपूर के साथ फ़िल्म करने का एक्सपीरियंस कैसा रहा और जब पता चला कि आप उनके साथ फ़िल्म कर रही हैं तो आपका फ़र्स्ट रिएक्शन कैसा था ?

जब मुझे पता चला तो मैंने कहा कि मैं तो उनके सामने जब वी मेट के गाने पर मौजा ही मौजा करुंगी । तो मैंने ऐसे ही किया और मुझे बाकी टीम मेंबर्स कह रहे थे कि मृणाल कंट्रोल योर इमोशंस । मैं जब उनके पहली बार मिली तो मैं वाकई झूम रही थी ।

आपके लिए बॉक्स ऑफ़िस नंबर्स कितने महत्वपूर्ण हैं ?

बहुत अहम है । यदि दो साल हम किसी फ़िल्म पर मेहनत कर रहे हैं तो बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शन अच्छा आए, तो अच्छा लगता है । क्योंकि प्रोड्यूसर्स का पैसा लगता है । और प्रोड्यूसर्स हमारे ऊपर भी वो पैसा लगाते हैं । हमारे ऊपर भी ये जिम्मेदारी होती है कि हम अच्छा परफ़ोर्म करे । आशा करती हूं कि फ़िल्म में लगे सारे पैसे कवर हो जाएं क्योंकि हमने बहुत मेहनत की है ।