22 मार्च को 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा हुई जिसमें अभिनेता मनोज बाजपेयी को उनकी फ़िल्म भोंसले के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला । इसी के साथ दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की फ़िल्म छिछोरे को बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म के पुरस्‍कार से नवाजा गया । हाल ही में जब मनोज बाजपेयी ने बॉलीवुड हंगामा के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत तो उन्होंने नेशनल अवॉर्ड जीतने की खुशी और सुशांत की फ़िल्म छिछोरे को भी अवॉर्ड मिलने पर खुशी जताई । इसी के साथ मनोज बाजपेयी ने एक अफ़सोस भी जताया कि यदि एक अवॉर्ड उनकी और सुशांत सिंह राजपूत व भूमि पेडनेकर की फ़िल्म सोनचिड़िया को भी मिल जाता तो बहुत अच्छा हो जाता क्योंकि यह फ़िल्म बहुत ही उम्दा है । बता दें कि सोन चिड़िया में सुशांत और मनोज दोनों ने साथ काम किया था ।

EXCLUSIVE: मनोज बाजपेयी ने कही दिल की बात, ‘सुशांत सिंह राजपूत की छिछोरे के साथ अब जाकर सही न्याय हुआ, काश सोनचिड़िया को भी एक अवॉर्ड मिल जाता’

मनोज बाजपेयी का सुशांत सिंह राजपूत के साथ स्पेशल बॉन्ड था

इंटरव्यू के दौरान जब मनोज से पूछा गया कि, छिछोरे को बेस्ट हिंदी फ़िल्म का नेशनल अवॉर्ड मिला है और मेकर्स ने इसे सुशांत को समर्पित किया है । आपका भी सुशांत के साथ एक अलग तरह का बॉन्ड था, आप उनके साथ पर्सनली और प्रोफ़ेशनली दोनों तरह से जुड़े हुए थे और उनके लिए आप काफ़ी सपोर्टिव भी रहे जब वह जीवित थे । तो जब आपको भी भोंसले के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला है और सुशांत की फ़िल्म को भी नेशनल अवॉर्ड मिला है, तो आप इसे कैसे देखते हैं ।

इसके जवाब में मनोज ने कहा, “जब छिछोरे को अवॉर्ड मिला तो मुझे वाकई अच्छा लगा क्योंकि फ़िल्म इस काबिल थी । दरअसल हमारी इंडस्ट्री बड़ी बॉक्स ऑफ़िस ऑरिएंटेड इंडस्ट्री है । और जब वो (छिछोरे) फ़िल्म 250-300 करोड़ रु कमाती है और उसके बारें में कोई बात नहीं हो रही और उसको उस तरह से सेलिब्रेट नहीं किया जाता है । तब आपको लगता है कि कहीं न कहीं कुछ गलत हो रहा है, जो नहीं होना चाहिए । और फ़िर उसे जब नेशनल अवॉर्ड मिलता है तो लगता है कि इस फ़िल्म के साथ एक सही न्याय हुआ है ।”

छिछोरे को सही न्याय मिला

“फ़ाइनली इस फ़िल्म को वो न्याय मिला जो इसे पहले मिलना चाहिए । मुझे वाकई बहुत अच्छा लगा जब छिछोरे को अवॉर्ड मिला । लेकिन साथ ही मुझे ऐसा भी लगता है कि शायद सोनचिड़िया को भी कुछ मिल जाता । यह छोटी सी टीस मेरे दिल में रह गई । सोनचिड़िया एक बेहतरीन फ़िल्म है मेरे करियर की । यह एक ऐसी फ़िल्म है जिसे देखकर मैं भी खो जाता हूं । अमूमन मैं अपनी फ़िल्में नहीं देखता क्योंकि मैं खुद की ही आलोचना करता रहता हूं । लेकिन सोनचिड़िया एक ऐसी फ़िल्म है जिसे देखते हुए मैं खो जाता हूं । फ़िल्म का एक-एक सीन, एक-एक फ़्रेम देखने लायक है चाहे वो सुशांत का हो या भूमि पेडनेकर का । भूमि पेडनेकर ने इस फ़िल्म में अपने करियर का सबसे बेहतरीन काम किया है ।”