अभी कुछ दिन पहले, हमने आपको बताया था कि सीबीएफ़सी ने संजय लीला भंसाली की फ़िल्म पद्मावती को इतिहासकारों को दिखाने का फ़ैसला किया था । इतिहासकारों ने फ़िल्म देखने के बाद कुछ सुझाव दिए जिसके बाद सीबीएफ़सी ने विशेष पैनल के साथ मिलकर इस फ़िल्म में कुछ कटौती करने और पद्मावती नाम को पद्मावत में बदलने के बाद फ़िल्म रिलीज करने का ग्रीन सिग्नल दे दिया ।

लेकिन इसके बावजूद भी, पद्मावती मेकर्स को विरोध का सामना करना पड़ रहा है और अब चितौड़ की रानी पद्मावती के वंशज और 76वें महाराणा अरविंद सिंह ने सेंसर बोर्ड के फ़ैसले पर आपत्ति जताई है । उन्होंने कथित तौर पर फ़िल्म के बारें में बोर्ड द्दारा लिए गए फैसले को लेकर अपनी आपत्ती जताई है और इसी के साथ उन्होंने उन कानूनों का हवाला देते हुए यह भी कहा कि फ़िल्ममेकर्स को ऐतिहासिक फ़िल्म बनाते वक्त उनका पालन करना चाहिए । सिंह, जो फिल्म की समीक्षा करने के लिए पैनल में थे, ने इसे एक बेकार फिल्म के रूप में वर्णित किया, जो कोई पक्ष नहीं लेते-फ़िर चाहे वह राजपूत हो या सल्तनत का हो । इसी के साथ उन्होंने इस पर भी सवाल उठाए कि यदि नई पीढ़ी ने वास्तविकता और फ़िल्म में जो दिखाया गया है, उस पर सवाल किया तो वह कैसे इसे जस्टिफ़ाई करेंगे ।

हमने सुना है कि अरविंद सिंह, मेकर्स के खिलाफ़ कोर्ट जाकर फ़िल्म की रिलीज को रोकने के लिए कानूनी कार्यवाही करेंगे और इस संबंध में उन्होंने कथित तौर पर अपने वकीलों से भी बात की है ।

फिल्म की प्लॉटलाइन के बारे में कुछ इसी तरह की राय रखते हैं पूर्व मेवाड़ शासक भगत सिंह के पोते, विश्वराज सिंह । फिल्म की समीक्षा करने के लिए उन्हें बोर्ड द्वारा बुलाया गया था, लेकिन वह इसे नहीं कर सके । हालांकि उन्होंने इस बारें में अपनी राय जरूर व्यक्त की और कहा, पद्मावती से पद्मावत नाम बदलना एक बनावटी संशोधन था लेकिन ये उनकी लड़ाई, जो कि इतिहास के

साथ खिलवाड़ करने को लेकर है, के उद्देश्य को सिद्ध नहीं करती है । हालांकि उन्होंने फ़िल्म को लेकर छिड़े विवाद पर अपना समर्थन तो नहीं दिया लेकिन फ़िर भी उन्होंने यह कहा कि यह तर्कसंगत फिल्म नहीं है और इसमें सटीकता की कमी है ।

संजय लीला भंसाली द्दारा निर्देशित फ़िल्म पद्मावती जो कि अब पद्मावत हो गई है, में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर अहम भूमिका निभाते हुए नजर आएंगे । आपको बता दें कि फ़िल्म का नाम पद्मावती से पद्मावत इसलिए किया गया क्योंकि भंसाली ने दावा किया था कि उनकी फ़िल्म सुफ़ी कवि मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य पद्मावत से प्रेरित है ।