Review: तड़प कुछ अच्छी तरह से हैंडल किए गए सीन, हैरान कर देने वाले ट्विस्ट और अहान शेट्टी के शानदार डेब्यू से सजी फ़िल्म है । रेटिंग : 2.5 स्टार्स

तड़प एक जुनूनी प्रेमी की कहानी है । ईशान (अहान शेट्टी) अपने दत्तक पिता के साथ मसूरी में रहता है जिसे हर कोई डैडी (सौरभ शुक्ला) के रूप में संबोधित करता है । डैडी दामोदर नौटियाल (कुमुद मिश्रा) के करीबी सहयोगी हैं, जो एक राजनेता है जो राज्य का चुनाव लड़ रहा है । ईशाना एक थिएटर चलाता हैं और राजनीतिक गतिविधियों में डैडी और दामोदर की मदद करता हैं । मतगणना के दिन दामोदर की बेटी रमीसा (तारा सुतारिया) यूनाइटेड किंगडम से लौटती है जहां वह पढ़ रही है । दामोदर चुनाव जीत जाता है और जब ईशान पूर्व की जीत का जश्न मना रहा होता है, तो रमीसा उसे देख लेती है । वह उसकी ओर आकर्षित हो जाती है । जल्दी जल्द ही, वह उससे दोस्ती कर लेती है और यहां तक कि कबूल कर लेती है कि वह उसके प्रति आकर्षित है । ईशान भी उसके प्यार में पागल हो जाता है । एक दिन, वह उसे बताती है कि दामोदर उसे शादी के लिए मजबूर कर रहा है । वह ईशाना को विश्वास दिलाती है कि वह अपने पिता को अपना मन बदलने के लिए मना लेगी और उन्हें कुछ दिनों तक नहीं मिलना चाहि ए। वह उसे चूमती है और छोड़ देती है और ठीक उसी क्षण दामोदर उन्हें देख लेता है। वह और रमीसा की दादी ने प्रेमियों को अलग करने और ईशान को सबक सिखाने का फैसला कर लेते हैं । आगे क्या होता है यह बाकी की फ़िल्म देखने के बाद पता चलता है ।

Tadap Movie Review: अहान शेट्टी का शानदार डेब्यू फ़िल्म की कहानी से हुआ प्रभावित

तड़प तेलुगु फिल्म RX 100 [2018] का ऑफ़िशियल हिंदी रीमेक है । अजय भूपति की कहानी फर्स्ट हाफ में साधारण है लेकिन सेकेंड हाफ में ट्विस्ट अप्रत्याशित है । रजत अरोड़ा की पटकथा आकर्षक है । आरएक्स 100 एक लंबी फिल्म थी लेकिन रजत ने बेहतर प्रभाव के लिए कई जगहों पर कहानी को छोटा किया है। उन्होंने कुछ दिलचस्प दृश्य भी जोड़े; वह दृश्य जहां ईशाना और रमीसा किताबों का आदान-प्रदान करते हैं । वहीं दूसरी तरफ, फ़र्स्ट हाफ में कुछ भी नया नहीं है और दर्शकों के धैर्य की परीक्षा हो सकती है । साथ ही, ईशान का जुनून समझ के परे हैं और तर्कसंगत भी नहीं है । रजत अरोड़ा के डायलॉग प्रभावशाली हैं । उन्हें यादगार वन-लाइनर्स लिखने के लिए जाना जाता है और उन्होंने कुछ तीखे डायलॉग्स के साथ फिल्म को प्रभावित किया है ।

मिलन लूथरिया का निर्देशन सरल और मनोरंजक है । उन्होंने फिल्म को ऐसे बनाया है समाज के सभी वर्गों और सभी केंद्रों के दर्शक इससे रिलेट करेंगे । जबकि कहानी ऑरिजनल फ़िल्म RX 100 के समान है, तेलुगु फिल्म कहीं अधिक हिंसक थी । मिलन ने रक्तपात को कम करने की पूरी कोशिश की है और फिर भी यह सुनिश्चित किया है कि फ़िल्म का वांछित प्रभाव पड़ सके । कुछ दृश्यों को बहुत अच्छी तरह से अभिनीत किया जाता है जैसे कि रमीसा ईशाना को गले लगाती है या ईशाना की ग्रैंड एंट्री । 'तुमसे भी ज्यादा' गीत भी ध्यान आकर्षित करता है और दो अलग-अलग स्थितियों के बीच बनी समानता पर विश्वास किया जाता है । ट्विस्ट अचानक सामने आता है लेकिन एक बार सस्पेंस का खुलासा होने के बाद, फिल्म फिर से थोड़ी फ़िसलने लग जाती है । फिनाले रोमांचकारी है लेकिन दर्शकों के सभी वर्गों को स्वीकार्य नहीं हो सकता है । और सबसे बड़ी समस्या यह है कि फिल्म पुरानी लगती है । दर्शकों के लिए यह स्वीकार करना मुश्किल होगा कि आज के जमाने में एक लड़का किसी लड़की के प्रति इतना जुनूनी हो सकता है ।

तड़प की रोमांचक शुरुआत है । शुरुआती लड़ाई के बाद ईशान की एंट्री ने मूड सेट कर दिया । दर्शक यह जानने के लिए उत्सुक होंगे कि ईशाना इतना गुस्से में क्यों है और दामोदर के लिए उसके दिल में यह नफरत क्यों है । फ्लैशबैक भाग के कुछ दृश्य अलग हैं लेकिन कुल मिलाकर, फ़र्स्ट हाफ़ कमजोर है क्योंकि यह क्लिच है । सेकेंड हाफ की शुरुआत अच्छी रही लेकिन एक प्वाइंट के बाद यह भी नीरस लगता है । ईशान जिस तरह से रमीसा के प्रति आकर्षित हो जाता है और उसे छीनने की कोशिश करता है, वह दर्शकों को विचलित कर देती है । कहानी में ट्विस्ट फ़िल्म में दिलचस्पी बनाए रखते हैं । फ़ाइनल लड़ाई और फ़ाइनल सीन दर्शकों को हैरान कर देगा ।

अहान शेट्टी ने आत्मविश्वास से भरी शुरुआत की है । कुछ दृश्यों में वह थोड़े सख्त लगते हैं लेकिन कई जगहों पर वह बहुत अच्छे से शाइन करते हैं । सेकेंड हाफ में तो यह और भी ज्यादा है । फ़िल्म का क्लाइमेक्स उसे अपने अभिनय कौशल को दिखाने का एक बढ़िया अवसर देता है और वह काफी हद तक इसमें सफल भी होते हैं । तारा सुतारिया एक सरप्राइज की तरह लगती हैं । वह इसमें अपनी पिछली दो फिल्मों में अपने अभिनय से बहुत अलग करती हैं और एक अच्छा प्रदर्शन देती है । सौरभ शुक्ला प्यारे लगते हैं जबकि कुमुद मिश्रा भरोसेमंद हैं । सुमित गुलाटी (एलओएल) कुछ खास नहीं है । सौरव चक्रवर्ती (गुथली) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और वह बहुत अच्छा करते है । राजेश खेरा (इंस्पेक्टर नेगी) और काशीनाथ और रमीसा की दादी का किरदार निभाने वाले कलाकारों को स्कोप नहीं मिलता है ।

प्रीतम चक्रवर्ती का संगीत चार्टबस्टर किस्म का है । 'तुमसे भी ज्यादा' पहले से ही काफी चर्चा में है और फिल्म में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आता है । ऐसा ही कुछ 'तेरे शिव जग में' के लिए जाता है । हालाँकि, 'तू मेरा होगा है' भूलने योग्य है । जॉन स्टीवर्ट एडुरी का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म को कमर्शियल फ़ील देता है ।

रागुल हेरियन धरुमन की सिनेमैटोग्राफी उपयुक्त है । मसूरी, ऋषिकेश और सिंगल स्क्रीन थिएटर के लोकेशंस को अच्छी तरह से शूट किया गया है । अजय विपिन का प्रोडक्शन डिजाइन उपयुक्त है । स्टीफन रिक्टर, विक्रम दहिया का एक्शन हल्का हिंसक है, और यह फिल्म को और अधिक अपील देगा । रोहित चतुर्वेदी की वेशभूषा आकर्षक है । सौरभ शुक्ला द्वारा पहने गए कपड़े शानदार हैं । राजेश जी पांडे की एडिटिंग अच्छी है ।

कुल मिलाकर, तड़प कुछ अच्छी तरह से हैंडल किए गए सीन, हैरान कर देने वाले ट्विस्ट और अहान शेट्टी के शानदार डेब्यू से सजी फ़िल्म है । हालांकि, घिसी-पिटी और पुरानी कहानी फिल्म का मजा खराब करती है । बॉक्स ऑफ़िस पर यह फ़िल्म औसत कारोबार करेगी ।