दो बार अपनी तय रिलीज डेट से पोस्टपोन हुई शाहिद कपूर की जर्सी फ़ाइनली इस शुक्रवार यानि 22 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है । जर्सी पहले 31 दिसंबर को रिलीज होनी थी लेकिन कोरोना की तीसरी लहर के कारण इसे पोस्टपोन करना पड़ा । फ़िर इसकी रिलीज डेट 14 अप्रैल को तय की गई लेकिन इस दौरान यश स्टारर केजीएफ़ 2 रिलीज हो रही थी ऐसे में फ़िल्म के बॉक्स ऑफ़िस कलेक्स्जम पर असर पड़ सकता था इसलिए मेकर्स ने जर्सी को एक हफ़्ते पोस्टपोन कर फ़ाइनली 22 अप्रैल को रिलीज करने का फ़ैसला किया । और अब शाहिद कपूर, मृणाल ठाकुर और पंकज कपूर जर्सी की रिलीज के लिए पूरी तरह से तैयार है ।

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शाहिद कपूर की जर्सी

जर्सी का केजीएफ़ 2 से बॉक्स ऑफ़िस मुकाबले के बारें में फ़िल्म के डिस्ट्रीब्यूटर जयंतीलाल गड़ा ने बॉलीवुड हंगामा के साथ हुई एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि, “जर्सी को 22 अप्रैल के लिए पोस्टपोन करने का फ़ैसला एकदम सही रहा । क्योंकि मुझे लगता है कि केजीएफ - चैप्टर 2 के साथ बॉक्स ऑफ़िस मुकाबला करना हानिकारक साबित होता । शुक्र है, हमें पोस्टपोन करने का समय भी मिल गया ।”

लेकिन ऐसा नहीं है कि अब जर्सी को कोई भी बॉक्स ऑफ़िस मुकाबला करने को नहीं मिलेगा । क्योंकि जर्सी की रिलीज के एक हफ़्ते बाद यानि 29 अप्रैल को 2 बड़ी फ़्रिल्में रिलीज हो रही हैं एक अजय देवगन-अमिताभ बच्चन की रनवे 34 और दूसरी टाइगर श्रॉफ़ की हीरोपंती 2 । और अभी केजीएफ़ 2 बॉक्स ऑफ़िस पर अपनी सफ़लता से इतिहास रच रही है, ऐसे में जब जयंतीलाल गड़ा से पूछा गया कि, उन्हें लगता कि इन सभी फ़िल्मों के बीच जर्सी सेंडविच बन जाएगी । इस बारें में उन्होंने कहा, "मुझे ऐसा नहीं लगता । अगर जर्सी अच्छी पिक्चर है, तो कोई भी प्रदर्शक इसे उतारना नहीं चाहेगा ।”

 2000 से ज्यादा स्क्रीन पर रिलीज़ होगी

कई लोगों को लगता है कि, पेन इंडिया को आरआरआर, अटैक और जर्सी को एक पैकेज के रूप में फ़िल्म एग्जीबिटर्स को बेचना चाहिए था । इससे जर्सी को फ़ायदा होता और उसे पर्याप्त शोज मिल जाते । कई वितरक इसे फ़ोलो करते हैं ।

इस बारें में जयंतीलाल गड़ा ने स्पष्ट रूप से कहा, “लेकिन हम ऐसा नहीं करते । हर फिल्म की अपनी जर्सी और खूबियां होती हैं । हम फिल्म के आधार पर प्रदर्शकों से संपर्क करते हैं। अगर प्रदर्शक हमारी आने वाली फिल्म को चलाने से मना करते हैं तो हम यह शर्त नहीं लगाते कि हम आरआरआर जैसी फिल्म नहीं देंगे । हर फिल्म की अपनी किस्मत होती है । इसलिए, मेरा मानना है कि इस रुल को अपनाना अच्छा नहीं है । यह प्रदर्शकों पर दबाव डालता है । वो भी अपना धंधा कर रहे हैं । उनकी चुनौतियां वास्तव में अधिक हैं । उन्हें न केवल हिंदी बल्कि अंग्रेजी फिल्मों, मराठी, पंजाबी और अन्य क्षेत्रीय सिनेमा को भी समायोजित करना होता है । हमें उन्हें सपोर्ट करने की जरूरत है । सबको लेके आगे चलना चाहिए ।”

अंत में जब, जर्सी के स्क्रीन काउंट के बारें में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "यह निश्चित रूप से 2000 से ज्यादा स्क्रीन पर रिलीज़ होगी ।"