फिल्म भूत पुलिस अब टीवी पर प्रीमियर होने के लिए तैयार हैं। हँसी के साथ डर का तड़का लगाती इस फिल्म को लोगों ने पसंद किया और अब फिर से अपने परिवार के साथ बैठकर टीवी पर भूत पुलिस की इस लुक्का-छुप्पी का लुत्फ लेने का पल आ गया है । 23 जनवरी को रात 8 बजे स्टार गोल्ड पर फिल्म भूत पुलिस दिखाई जाएगी । फिल्म को वापस टीवी पर टेलीकास्ट होते हुए देख एक्ट्रेस यामी गौतम काफी खुश हैं जो माया नाम की बिज़नेस लेडी का किरदार निभा रही हैं। फ़िल्म ज्यादातर हिमाचल की खूबसूरत वादियों में शूट की गई हैं । और मजेदार बात ये हैं कि यामी खुद हिमाचल की रहनेवाली हैं और उनकी शादी भी हिमाचल में हुई हैं। तो हिमाचली भाषा बोलना यामी के लिए काफी दिलचस्प था ।

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यामी गौतम की भूत पुलिस

शूटिंग के दौरान वहां के ग्रामीण लोगो से यामी ने हिमाचली बात की हैं यहाँ तक की फ़िल्म में भी यामी कही-कही इस भाषा को बोलती हुई दिखी हैं। आपको बता दे कि भाषा पर यामी की पकड़ बहुत अच्छी हैं । अब चाहे वो पंजाबी हो, साउथ हो, बंगाली हो, इंगलिश। हर भाषा को अपने अंदाज में खूबसूरती से पेश करना यामी को बखूबी आता हैं । इतना ही नही यामी कहती हैं कि “एक भाषा प्रेमी के रूप में, मैं हमेशा अपने पात्रों के लिए नई भाषाएँ सीखने के लिए उत्सुक रहती हूँ। मैं हिमाचल में पैदा हुई और चंडीगढ़ में पली-बढ़ी। लेकिन मैं हमेशा हिमाचल आती जाती रहती हूं क्योंकि मेरे रिश्तेदार वहां रहते हैं और वहां उनका एक छोटा सा घर भी है। शुक्र है कि भूत पुलिस की पूरी शूटिंग के दौरान हिमाचल से मैं फिर से जुड़ सकी। मैंने कुछ दृश्यों के लिए वहाँ की स्थानीय भाषा भी बोली जिससे मेरे बचपन की खूबसूरत यादें ताजा हो गयी। इतना ही नही जब मैं स्कूल में थी तब फ्रेंच सीखती थी और उसके लिए मुझे सुबह क्लास पहुँचना रहता था लेकिन वहां के टीचर इतने अच्छे थे कि मुझे देर से आने पर भी वो कुछ कहते नही थे क्योंकि उन्हें पता हैं कि मैं सुबह-सुबह एक क्लास खत्म करके फ्रेंच क्लास अटेंड करने आती थी और बहुत मन लगाकर भाषाओं को सीखती थी । तो मुझे भाषाएं सीखने का बहुत शौक हैं । भले मैं टूटी फूटी ही सही लेकिन बोलने की कोशिश करती हूं ।

और अगर किरदार में कठिनाइयों की बात करे तो यामी कहती हैं कि “भूत पुलिस में मैंने माया का जो किरदार निभाया है, वह शारीरिक और भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण था । हमें खराब मौसम में भी शूटिंग करनी पड़ी क्योंकि कड़ाके की ठंड थी । बहुत सारे आउटडोर सीक्वेंस थे । रोशनी और मौसम को ध्यान में रखते हुए, हमें दिन के भीतर सब खत्म करना होता था और ऐसा रोज होता था। जब भी मैं हिमाचल में होती हूं, मुझे अपनेपन का अहसास होता है; रातों में शूट करके थकी रहने के बावजूद अगले दिन सुबह जब मैं सूर्योदय देखती और पहाड़ों पर बिछी बर्फ की खूबसूरत परते, तो सारी थकान दूर हो जाती थी। हिमाचल मेरा जन्मस्थान है और हमेशा मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखेगा ।”