किस किसको प्यार करूं (2015) से अपना बॉलीवुड डेब्यू करने वाले देश के सबसे लोकप्रिय कॉमेडियन कपिल शर्मा इन दिनों अपनी नई बॉलीवुड फ़िल्म ज्विगाटो के प्रमोशन में बिजी हैं । ज्विगाटो एक इमोशनल और दिल छू लेने वाली कहानी है जिसमें सभी को हंसाने वाले कपिल शर्मा लोगो को इमोशनल करते हुए नजर आएंग़े ।  ज्विगाटो में कपिल शर्मा के अपोज़िट शहाना गोस्वामी नज़र आ रही हैं । यह फ़िल्म भारत में 17 मार्च को रिलीज के लिए पूरी तरह से तैयार है । 

कपिल शर्मा ने बॉलीवुड फ़िल्मों के लगातार फ़्लॉप होने का कारण कंटेंट को बताया, कहा-  “कोविड के साथ लोगों के घरों में विश्व सिनेमा भी पहुंच गया है”

आप कैसे होल्ड कर रहे हैं, कपिल?

ज्विगाटो को प्रमोट करने के लिए एक शहर से दूसरे शहर में भाग रहा हूँ । अभी, नंदिता मैम और मैं हैदराबाद में हैं । फ्लाइट में देरी हो रही थी, इसलिए पूरा शेड्यूल गड़बड़ा गया । अब मुझे अजय देवगन के साथ अपने शो की शूटिंग के लिए मुंबई वापस आना है ।

आपकी फिल्म शुक्रवार को रिलीज हो रही है और उम्मीद है कि यह हिट होगी ।

सर, आपके मुंह में घी-शक्कर ।

नंदिता ने मुझसे कहा की यदि कोई बड़ा स्टार होता तो वो उसे ये फ़िल्म ऑफ़र नहीं करती  ?

उन्होंने मेरी बहुत तारीफ की जब उन्होंने कहा कि मेरे पास एक आम आदमी का चेहरा है ।

कपिल, फिल्म इंडस्ट्री एक अभूतपूर्व संकट से गुजर रही है । आपको ऐसा क्यों लगता है कि जो लोग आपको घर पर टीवी में देखते हैं वे आपकी फिल्म देखने के लिए सिनेमाघरों में जाना चाहेंगे ?

यह सच है कि बहुत सारी फिल्में फ्लॉप हो रही हैं । पठान के अलावा, हमारे पास आरआरआर, कांतरा और केजीएफ जैसी हिट फिल्में हैं । हम इन फिल्मों को दक्षिण भारतीय हिट फिल्मों के रूप में क्यों देखते हैं ? क्या दक्षिण भारत हमारे फिल्म निर्माण यूनिवर्स का हिस्सा नहीं है जितना कि बॉलीवुड ? हम हिंदी फिल्म निर्माताओं को यह सोचना चाहिए कि हम कंटेंट के साथ कहां गलत हो रहे हैं ।

हम कहां ग़लत जा रहे हैं ?

हमें यह समझना चाहिए कि आज के समय में सिनेमा प्रेमी विश्व सिनेमा से वाकिफ है । कोविड के साथ विश्व सिनेमा हम सभी के घरों में पहुंच गया है । तो आज के समय में बहुत ही जागरूक दर्शक है । फिल्म देखने के लिए थिएटर जाना एक महंगा अफ़ेयर है । ओटीटी पर घर बैठे उनकी उंगलियों पर विश्व सिनेमा है । वे सिनेमाघरों में तभी आएंगे जब आप उन्हें कुछ नया ऑफर करेंगे ।

क्या आपको लगता है कि ज्विगाटो थिएटर में आ रहे दर्शकों को वह मनोरंजन देगा ?

मुझे लगता है कि यह फ़िल्म ऐसा करेगी । यह किसी लार्जर दैन लाइफ हीरो की नहीं, बल्कि आम आदमी की कहानी है । एक रियल हीरो सच्चा । भारत का अस्सी प्रतिशत मजदूर वर्ग है । कितने उस वर्ग के हैं जिनके पास बड़ी कारें हैं और बड़े घरों में रहते हैं ? भारत में बहुत अधिक संख़या में लोग़ ज्विगाटो की दुनिया से संबंधित हैं । नंदिता मैम, मेरी सह-कलाकार शाहाना गोस्वामी और मैंने देश भर में यात्रा की है और हम दर्शकों के साथ जुड़ाव देख सकते हैं । बहुत प्यारी सी फिल्म बनी है और इसका श्रेय नंदिता मैम को जाता है । हम अब तक मिली प्रतिक्रिया से खुश हैं ।