सोशल मीडिया पर बॉलीवुड फ़िल्मों के लगातार हो रहे बायकॉट ट्रेंड के अलावा ऐसे कई कारण है जो बॉलीवुड फ़िल्मों को एक के बाद एक फ़्लॉप बना रहे हैं और उसी में से एक है फ़िल्म कंटेंट । वहीं साउथ की फ़िल्मों को लोगों का भरपूर प्यार मिल रहा है यहां तक की इनके हिंदी डब वर्जन को भी हिंदी बेल्ट के लोग काफ़ी पसंद कर रहे हैं । इसी बारें में दिग्गज ट्रेड एक्सपर्ट और फ़िल्म क्रिटिक तरण आदर्श ने बॉलीवुड हंगामा के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की जिसमें उन्होंने खुलकर कहा की बॉलीवुड फ़िल्मों ने अपना ट्रेक खो दिया है जबकि साउथ की फ़िल्मों ने अपना ट्रेक कभी नहीं बदला ।

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बॉलीवुड फ़िल्मों का कंटेंट ज़िम्मेदार 

बॉलीवुड हंगामा के साथ हुए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में फ़िल्म क्रिटिक तरण आदर्श ने बताया की क्यों साउथ की फ़िल्में हिंदी फ़िल्मों से बेहतर प्रदर्शन कर रहीं हैं । तरण आदर्श ने कहा, “साउथ सिनेमा ने कभी भी अपना ट्रैक नहीं बदला । उन्होंने हमेशा लार्जर दैन लाइफ फिल्में बनाई हैं । अगर आप उनकी तेलुगू फिल्मों को देखेंगे; चिरंजीवी, नागार्जुन, नंदमुरी बालकृष्ण से लेकर अल्लू अर्जुन, जूनियर एनटीआर, महेश बाबू तक; उनकी प्रत्येक फिल्म का सार मनोरंजन रहा है । उन्होंने हमेशा अपनी फिल्मों में लार्जर दैन लाइफ एंटरटेनमेंट दिया है ।

तरण ने आगे हिंदी फ़िल्मों के ख़राब कंटेंट पर कहा, “दुर्भाग्य से, हम (हिंदी फिल्म उद्योग) अपना ट्रैक खो चुके हैं । 70, 80 और 90 के दशक में हम जिस तरह की फिल्में बनाते थे, वो लार्जर दैन लाइफ, मल्टी स्टारर एंटरटेनर फिल्में हुआ करती थीं । मैं मानता हूं कि उस जमाने में भी बहुत सारी फिल्में नहीं चलती थीं, लेकिन लोग आज भी उस तरह की फिल्में देखने के लिए उत्सुक रहते थे । वर्तमान समय में, फिल्म निर्माता अच्छी कास्ट तो लेते हैं लेकिन अच्छा कंटेंट देने में विफल रहते हैं, यही वजह है कि उन फिल्मों को रिजेक्ट कर दिया जाता है ।

टिकट की ज़्यादा कीमत, उच्च मनोरंजन कर, ओटीटी प्लेटफॉर्म, खराब कंटेंट ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से लोग हिंदी सिनेमा से साउथ सिनेमा में शिफ़्ट हो रहे हैं ।