जुनैद खान की पहली ऐतिहासिक पीरियड ड्रामा फ़िल्म महाराज कानूनी चुनौतियों का सामना करने के बाद फ़ाइनली नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई । इस फ़िल्म में जुनैद खान के अलावा शरवरी, जयदीप अहलावत और शालिनी पांडे ने अहम रोल निभाया है । महाराज फिल्म की कहानी सौरभ शाह की किताब महाराज पर आधारित है और ये किताब एक प्रमुख धार्मिक व्यक्ति और पत्रकार व समाज सुधारक करसनदास मुलजी के बीच बॉम्बे सुप्रीम कोर्ट में लड़े गए महाराज मानहानि मामले पर आधारित है । फ़िल्म में दिखाया गया सबसे झकझोर देने वाला सीन ‘चरण सेवा’ , जिसके बारें में बहुत कम लोग जानते थे, फ़िल्म की लीड एक्ट्रेस शालिनी पांडे के लिए भी शूट करना आसान नहीं था । शालिनी ने इसका खुलासा ख़ुद बॉलीवुड हंगामा के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में किया है । साथ ही ये भी बताया है कि, कैसे ‘चरण सेवा’ सीन ने उन्हें प्रभावित किया ।
शालिनी पांडे ने महाराज में किए ‘चरण सेवा’ सीन पर खुलकर बात की
बता दें कि, फ़िल्म में दिखाए गए ‘चरण सेवा’ सीन में शालिनी के किरदार को धार्मिक गुरु, महाराज (जयदीप अहलावत) के साथ यौन संबंध बनाना था और महाराज को दी गई इस सेवा का नाम उस समय ‘चरण सेवा’ था । इंटरव्यू के दौरान शालिनी ने बताया कि, उनके लिए ये सीन करना आसान नहीं था । शालिनी ने कहा, “जब मैं इसे पढ़ती हूँ, तो निश्चित रूप से, आप इसके बारे में सोचते हैं, इसे महसूस करते हैं । साथ ही, मैं एक ऐसी व्यक्ति हूँ जो बहुत संवेदनशील है । इसलिए मैं कुछ चीजों से दूर रहती हूँ । मैं इंस्टाग्राम का इस्तेमाल नहीं करती ।”
शालिनी ने आगे कहा, “मैं यह नहीं कहूंगी कि मैं आसानी से आहत हो जाती हूं, लेकिन मैं अपने आस-पास हो रही चीजों के प्रति बहुत संवेदनशील हूं । मैंने अखबार पढ़ना भी बंद कर दिया क्योंकि नकारात्मकता मुझे प्रभावित कर सकती है । दिलचस्प बात यह है कि जब मैंने वास्तव में महाराज के साथ यह दृश्य किया, तो मुझे एहसास नहीं हुआ कि इसका मुझ पर क्या प्रभाव पड़ा । मैंने शूटिंग ख़त्म कर ली और मैंने अपनी टीम से कहा कि मैं बंद कमरे में नहीं रहना चाहती । मुझे समय चाहिए । मुझे कुछ ताजी हवा चाहिए । मैं थोड़ी बेचैन हो रही हूं ।”
शालिनी ने आगे इस बात पर ज़ोर दिया कि, इस तरह के किरदारों को निभाना एक एक्टर के लिए कितना इमोशनली चैलेंजिंग होता है । शालिनी ने कहा, “ये सीन करते हुए मुझे एहसास हुआ कि जब आप वाक़ई ऐसे समय से गुजरते हो तो कैसा महसूस करते हैं, तब आपको एहसास होता है कि यह कितना बुरा है ।”