1992 में रिलीज़ हुई आमिर खान स्टारर जो जीता वही सिकंदर एक पसंदीदा स्पोर्ट फ़िल्म है, जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है। बता दें कि इसे हर उम्र के दर्शकों द्वारा पसंद किया गया है और आज की तारीख में इसे बॉलीवुड में एक क्लासिक फ़िल्म माना जाता है।

32 years of Jo Jeeta Wohi Sikandar: बेहतरीन कहानी, शानदार एक्टिंग, टाइमलेस म्यूजिक ने आमिर खान स्टारर जो जीता वही सिकंदर को बनाया कल्ट क्लासिक फ़िल्म

जो जीता वही सिकंदर की रिलीज को पूरे हुए 32 साल

जो जीता वही सिकंदर आमिर खान की आइकॉनिक फिल्मों में से एक मानी जाती है, जिसने इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के स्टेटस को मजबूत करने में मदद की। संजय लाल शर्मा का उनका किरदार चार्मिंग और चारिस्मेटिक था, जिसने दर्शकों को प्रभावित किया और साथ ही एक्टर को उनसे सम्मान और प्यार दिलाया।

आयशा जुल्का और दीपक तिजोरी के साथ आमिर खान की केमिस्ट्री और उनके शानदार स्क्रीन प्रेजेंस ने फिल्म की सफलता में अहम भूमिका निभाई है। इस फिल्म ने आमिर खान को बॉलीवुड स्टारडम के टॉप पर पहुंचा दिया, जिससे इंडियन सिनेमा में एक आइकॉनिक फिगर के रूप में उनकी जगह को मजबूत किया। उनके शानदार परफॉर्मेंस ने फिल्म की कहानी की पंख दिए, जिससे कहानी को और भी गहराई मिली।

मंसूर खान की इस फिल्म की कहानी तो बेहतरीन थी ही, साथ ही इसके गाने भी कभी भूलने वाले नहीं थे, जो आज भी लोगों को पसंद आते हैं। जतिन ललित द्वारा कम्पोज्ड म्यूजिक ने लोगों के इमोशंस को छुआ था और सभी देखते ही देखते पॉपुलर हो गए थे।पहला नशाऔर टाइटल ट्रैकयहां के हम सिकंदरजैसे गानों में एक खास धुन थी जिसने आमिर खान की परफॉर्मेंस को सभी उम्र के दर्शकों के लिए यादगार बना दिया। इन गानों ने लिस्नर्स में गहरी भावनाओं को जगा दिया। "पहला नशा" उस समय एक रोमांटिक एंथम बन गया और आज भी एक कल्ट फेवरेट बना हुआ है।

जो जीता वही सिकंदर में आमिर खान की एक्टिंग इंडियन सिनेमा के इतिहास में एक अहम पल है। इस फिल्म ने इंडस्ट्री की दिशा बदल दी और दर्शकों पर गहरा असर डाला। इस फिल्म ने इंडियन सिनेमा के जॉनर को फिर से डिफाइन किया। जो जीता वही सिकंदर के बाद से आमिर खान का करियर और भी ऊपर जाते हुए देखा गया। उन्होंने हर भूमिका में वर्सेटिलिटी और सीमाओं को पार की इच्छा दिखाई है। उनकी एक्टिंग ने दर्शकों को बेहद इंप्रेस किया है और अब उन्हें इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में एक बड़े खिलाड़ी के रूप में देखा जाता है। 1992 में आई इस फिल्म में युवा सपनों और दृढ़ता की भावना को पेश किया था, जिसमें मिस्टर परफेक्शनिस्ट ने अपने किरदार को बखूबी निभाया था। उनका काम आज भी सभी को प्रेरित और एंटरटेन करता है।

अपनी बेहतरीन कहानी, यादगार एक्टिंग, टाइमलेस म्यूजिक और आमिर की मौजूदगी के साथ, इस फिल्म ने न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता बल्कि एक हमेशा रहने वाली विरासत भी बनाई। अब इसे इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की कल्ट क्लासिक फिल्मों में से एक माना जाता है।