15 जून 2001 हिंदी सिनेमा के लिए कोई आम दिन नहीं है । ये वही दिन है जब सनी देओल, अमरीश पुरी और अमीषा पटेल की ब्लॉकबस्टर फ़िल्म गदर- एक प्रेम कथा रिलीज हुई थी । अनिल शर्मा के निर्देशन में बनी गदर ने अपनी सफ़लता से इतिहास रच दिया । फ़िल्म की कहानी विभाजन के दौरान एक सिख आदमी के पाकिस्तानी मुस्लिम लड़की से शादी करने के इर्द-गिर्द घूमती है । हालांकि बॉक्सऑफ़िस पर गदर का मुकाबला आमिर खान की लगान के साथ हुआ लेकिन गदर ने देशभर के दर्शकों को आकर्षित किया और अपनी सफ़लता से इतिहास रच दिया । उस समय गदर ने 76.88 करोड़ रु की की कमाई की । जबकि ब्लॉकबस्टर फ़िल्म हम आपके हैं कौन (1994) ने 72.47 करोड़ रु की कमाई की थी ।

20 Years of Gadar EXCLUSIVE: 3 ऐतिहासिक फ़िल्में मुगल-ए-आजम, शोले और गदर- एक प्रेम कथा को नहीं मिले कोई लोकप्रिय अवॉर्ड्स, डायरेक्टर अनिल शर्मा ने जताई हैरानी

सनी देओल की गदर-एक प्रेम कथा को नहीं मिले अवॉर्ड्स

कल यानी 15 जून 2021 को गदर ने अपनी रिलीज के 20 साल पूरे कर लिए हैं ऐसे में फ़िल्म के निर्देशक अनिल शर्मा ने बॉलीवुड हंगामा के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की । हैरानी की बात है कि बॉक्स ऑफ़िस पर अपनी ऐतिहासिक सफ़लता दर्ज करने वाली और दर्शकों के दिलों में एक अलग छाप छोड़ने वाली सनी और अमरीश पुरी की गदर-एक प्रेम कथा ने अवॉर्ड्स शो में उम्मीद के मुताबिक जीत हासिल नहीं की ।

47वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में गदर को 9 नॉमिनेशन मिले । लेकिन गदर - एक प्रेम कथा केवल सर्वश्रेष्ठ एक्शन (टीनू वर्मा) और फिल्मफेयर स्पेशल परफॉर्मेंस अवार्ड (अमीषा पटेल) श्रेणियों में अवॉर्ड जीत पाई । जबकि इसी दौरान लगान को 8 पुरस्कार मिले, और दिल चाहता है को 6 ट्राफियां मिलीं । कभी खुशी कभी गम ने 5 पुरस्कार जीते जबकि अक्स जैसी फिल्म ने भी 4 श्रेणियों में पुरस्कार जीते ।

गदर- एक प्रेम कथा को तो जनता ने उठाया था

जब बॉलीवुड हंगामा ने इस बारें में गदर-एक प्रेम कथा के डायरेक्टर अनिल शर्मा के साथ खास बातचीत की तो उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर बात की और कहा, “हिंदी सिनेमा के इतिहास में तीन ऐतिहासिक फिल्में हैं- मुगल-ए-आजम (1960), शोले (1975) और गदर- एक प्रेम कथा । इन तीनो ही फ़िल्मों को अवॉर्ड ही नहीं मिला । केवल मुग़ल-ए-आज़म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवॉर्ड मिला, लेकिन उन्हें कोई अन्य लोकप्रिय पुरस्कार नहीं मिला । इस बीच शोले ने केवल सर्वश्रेष्ठ संपादन श्रेणी में ही जीत हासिल की । यह पुरस्कारों की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाता है । लेकिन वैसे भी, गदर- एक प्रेम कथा को तो जनता ने उठाया था । जनता से सराहना सबसे ज्यादा मायने रखती है ।”

कुछ फ़िल्म समीक्षकों द्दारा नकारात्मक रिव्यूज मिले थे

गदर-एक प्रेम कथा को कुछ फ़िल्म समीक्षकों द्दारा नकारात्मक रिव्यूज मिले थे । इस बारें में बात करते हुए अनिल शर्मा ने हमें बताया कि एक फ़िल्म क्रिटिक ने गदर-एक प्रेम कथा के रिव्यू को ‘गटर: एक प्रेम कथा’हेडलाइन दी थी । अनिल शर्मा ने कहा, “कुछ फ़िल्म समीक्षकों ने मेरी फ़िल्म को काफ़ी पसंद भी किया था । भारत में सारे क्रिटिक्स खराब नहीं है । कुछ क्रिटिक्स की सेंसेबिलिटी अच्छी थी। तो उन्होंने फ़िल्म के बारें में अच्छा लिखा । कुछ क्रिटिक्स की सेंसेबिलिटी वाहियात होती है, तो उन्होंने वाहियात चीजें लिखी फ़िल्म के बारें में ।”