बॉलीवुड के बेहतरीन कलाकारों में से एक 70 के दशक के अभिनेता विनोद खन्ना आज हमारे बीच नहीं रहे । कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के चलते आज सुबह उनका निधन हो गया । हिंदी फ़िल्म इंदस्ट्री में विनोद खन्ना का अभूतपूर्व योगदान कभी भूलाया नहीं जा सकता । विनोद खन्ना ने हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में तब कदम रखा जब राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे बेहतरीन अभिनेता सुपरस्टार की कुर्सी पर बैठ चुके थे । लेकिन विनोद खन्ना ने अपनी बेहतरीन अदायदी से हर किसी को अपना दीवाना बना दिया ।

साल 1968 में फिल्म मन का मीत से बॉलीवुड में अपना डेब्यू करने वाले विनोद खन्ना ने अब तक कुल 141 फ़िल्मों में काम किया । नोद खन्ना ने कई फ़िल्मों में लीड रोल निभाया और उनमें से कुछ फ़िल्में हैं- मेरे अपने, मेरा गांव मेरा देश, गद्दार, जेल यात्रा, इम्तिहान, इंकार, कच्चे धागे, अमर अकबर एंथनी, कुर्बानी, कुदरत, दयावान, कारनामा और जुर्म इत्यादि । विनोद खन्ना को फ़िल्म हाथ की सफ़ाई के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिला । 1999 में उन्हें लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया । विनोद खन्ना ने राजनीति में भी सफल पारी खेली । राजनीति की वजह से उन्होंने फ़िल्मों से दूरी बना ली थी । एक वक्त में वे बीजेपी के स्टार प्रचारक थे । नई फ़िल्मों में विनोद खन्ना सलमान खान अभिनीत दबंद और दबंग 2 में और शाहरुख खान अभिनीत दिलवाले में नजर आए थे ।

विनोद खन्ना के अतीत के कुछ ऐसे पन्ने है जिन्हें शायद ही लोगों ने देखा होगा । आज हम आपको उनसे रु-ब-रु कराते हैं:-

विनोद खन्ना का जन्म 7 अक्टूबर, 1946 में पेशावर, पाकिस्तान में हुआ था लेकिन विभाजन के बाद इनका परिवार मुंबई आकर बस गया था । इनके पिता किशनचन्द्र खन्ना एक बिजनेसमैन रहे हैं और माता कमला खन्ना एक हाउसवाइफ रही है । विनोद खन्ना बचपन में बेहद शर्मीले थे और जब वह स्कूल में पढ़ते थे, तो उन्हें एक टीचर ने जबरदस्ती नाटक में उतार दिया और तभी से उन्हें अभिनय करना अच्छा लगना लगा । 

विनोद खन्ना ने साल 1971 में गीतांजली के साथ शादी रचाई और उनसे उन्हें दो बेटे राहुल खन्ना है अक्षय खन्ना हुए । इसके बाद उन्होंने कविता से साल 1990 में शादी रचाई और इस शादी से उनके दो बच्चे हुए बेटी श्रद्दा और बेटा साक्षी ।

अपने बेटे राहुल खन्ना और अक्षय खन्ना के साथ में विनोद खन्ना ।

अमिताभ बच्चन के साथ विनोद खन्ना ने कई हिट फ़िल्में दी और उनमें शामिल हैं परवरिश, खून पसीना, मुकद्दर का सिंकदर, अमर अकबर एंथनी, हेरा फ़ेरी, कुंवारा बाप इत्यादि ।

एक्टिंग का शौक उन्हें बोर्डिंग स्कूल के दिनों में मुगल-ए-आजम और सोलवां साल जैसी फिल्में देखने के बाद लगा था । विनोद खन्ना फिल्मों में आए, तो पहली फिल्म की नाकामी में भी नोटिस किए गए । ऊंची कद-काठी और मोहक अंदाज ने निर्माताओं का ध्यान खींचा । फिल्में मिली तो उस अंदाज की बदौलत फैन क्लब भी बनते चले गए ।

मल्टीस्टारर फिल्मों से विनोद को कभी परहेज नहीं रहा और उन्होंने उस दौर के सितारे अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, सुनील दत्त आदि के साथ कई फिल्में साथ में की । ॠषि कपूर के साथ विनोद खन्ना चांदनी फ़िल्म में नजर आए ।

विनोद खन्ना का काफ़ी खुशहाल परिवार था । विनोद खन्ना ने अपने जीवन की अंतिम सांसे अपने परिवार के सानिध्य में लीं

विनोद खन्ना सलमान खान अभिनीत फ़िल्म दंबग और दबंद 2 में उनके पिता के किरदार में नजर आए थे । बहरहाल, हमारी यादों में विनोद खन्ना हमेशा जिंदा रहेंगे ।