अधिकांश फिल्म निर्माताओं से पूछें तो वे आपको बताएंगे कि फ़िल्म में दूसरे लीड एक्टर, जिसका रोल,लीड एक्टर की तुलना में छोटा होता है, की तलाश करना काफ़ी चुनौतीपूर्ण है । इसका हालिया उदाहरण है, संजय लीला भंसाली की महत्वाकांक्षी फ़िल्म पद्मावत, जिसमें रणवीर सिंह द्वारा निभाई गई अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका के बाद, दूसरा लीड रोल जो कि महारावल रतन सिंह की भूमिका थी, के लिए लीड एक्टर की खोज काफ़ी मुश्किल भरी रही ।लेकिन फ़िर शाहिद कपूर निश्चित रूप से कुछ नियमों और शर्तों के साथ इस रोल को करने के लिए राजी हुए । और ऐसा ही कुछ हुआ था आज से 20 साल पहले रिलीज हुई ब्लॉकबस्टर फ़िल्म कुछ कुछ होता है, के साथ जिसमें लीड रोल तो शाहरुख खान ने निभाया लेकिन दूसरे लीड रोल, जो कि सलमान खान ने निभाया, की खोज काफ़ी चुनौतीपूर्ण थी । लेकिन ऐसे में सलमान खान ने तारणहार बनकर हामी भरी और इस सपोर्टिंग रोल को करने के लिए राजी हुए और इस रोल को यादगार बना दिया ।

कुछ कुछ होता है के 20 साल : जब करण जौहर की जिंदगी में सलमान खान तारणहार बनकर आए और अमन मेहरा के छोटे, मगर महत्वपूर्ण किरदार निभाने के लिए राजी हुए

सलमान खान ने तुरंत इस रोल के लिए हामी भर दी

करण जौहर के निर्देशन में बनी पहली फ़िल्म कुछ कुछ होता है को आज रिलीज हुए 20 साल पूरे हो गए है । कुछ कुछ होता है एक हिंदी रोमांटिक ड्रामा फ़िल्म है जो 16 अक्टूबर 1998 को रिलीज हुई थी । हिंदी सिनेमा की कल्ट क्लासिक कुछ कुछ होता है आज भी लोगों के जहन में ताजा है । और इसके हर किरदार आज भी लोगों के जहन में जिंदा है । फ़िल्म कि यादगार किरदार, अंजली, राहुल के अलावा एक और किरदार है जिसे लोगों ने खूब पसंद किया और वो है, अमन मेहरा, जिसे सलमान ने निभाया था ।

लेकिन क्या आपको पता है करण जौहर के लिए अमन मेहरा, जिसकी एंट्री फ़िल्म में फ़र्स्ट हाफ़ के बाद आती है, का किरदार अदा करने वाले अभिनेता की तलाश काफ़ी चुनौतीपूर्ण रही । इस रोल के लिए करण को कई अभिनेताओं ने मना किया । और इसका खुलासा खुद करण ने अपनी बायोग्राफ़ी, 'एन अनसूटेबल बॉय' में किया है ।

इस रोल के लिए करण ने सबसे पहले सैफ़ को अप्रोच किया लेकिन सैफ़ ने मना कर दिया । सैफ़ ने ये कहकर मना किया कि उन्हें इंडियन, कमर्शियल हिस्सा निभाना है जबकि अमन का किरदार वेस्टर्न है । इसके बाद करण ने चंद्रचूड़ सिंह, जो अपनी फ़िल्म माचिस से काफ़ी सुर्खियों में आए और उन्हें यंग अमिताभ बच्चन भी कहा जाने लगा था, को अप्रोच किया लेकिन उन्हें भी ये रोल ज्यादा पसंद नहीं आया ।

पार्टी में मिले सलमान खान से

इसके कुछ दिन बाद करण ने चंकी पांडे के घर में आयोजित एक पार्टी अटेंड की । यहां शाहरुख खान और उनकी पत्नी के माध्यम से करण की दोस्ती सलमान से हुई । यहां मेहमान करण की फ़िल्म कुछ कुछ होता के बारें में चर्चा करने लगे और फ़िर करण ने खुलासा किया कि उन्हें दूसरे रोल, अमन मेहरा के लिए अभिनेता नहीं मिल रहा है और इसलिए वह बहुत परेशान है ।

यहां पार्टी में सलमान की बहन अलवीरा खान अग्निहोत्री मौजूद थी जिसने अपने भाई सलमान को इस ऑफ़र के बारें में बताया । इसके बाद पार्टी में ही सलमान ने करण से इस रोल के बारें में जानकारी मांगी । जानकारी मिलने के बाद सलमान ने करण से कहा कि, ''कोई हीरो इस रोल को करने के लिए राजी नहीं होगा । और इस इंडस्ट्री में एक ऐसा इडियट है जो इस रोल को करने के लिए राजी होगा, और वो इडियट मैं हूं । आपको पता है कि मेरी बहन कहती है कि आप बहुत अच्छे है । आप आइए और कल मुझे इस रोल का नरेट कीजिए ।''

करण के पिता, निर्माता यश जौहर को तो अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ जब उन्होंने सुना कि सलमान ने इस रोल के लिए अपनी दिलचस्पी दिखाई है । इस बीच, सलमान ने करण से मुलाकात की और उनके रोल का पूरा वर्णन पूर्व अभिनेता के बेडरूम में हुआ । उन्होंने फ़र्स्ट हाफ़ का एक बहुत नाटकीय वर्णन दिया, जो डेढ़ घंटे तक चला ।

इसके बाद सलमान ने करण को पानी दिया और कहा, 'सुपर्व नरेशन यार'' । ये सुनकर करण को डर लगा कि शायद सलमान को उनका किरदार समझ नहीं आया है । लेकिन फ़िर सलमान ने साफ़ किया कि उन्हें ये रोल काफ़ी पसंद आया और वो इसे करने को राजी है । और सलमान ने ये रोल उनके पिता यश जौहर, जिन्हें इस इंडस्ट्री का सबसे अच्छा आदमी कहा जाता था, के लिए करेंगे ।

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सलमान ने कुछ कुछ होता है में अपने इस छोटे से रोल के लिए काफ़ी तारीफ़ें बटोरी । न केवल दर्शकों को उनका ये रोल पसंद आया बल्कि 44वें फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड्स में सलमान को उनके इस रोल के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के अवॉर्ड से भी नवाजा गया था । इस अवॉर्ड के लिए सलमान की रेस मनोज बाजपेयी से थी, जिसने सत्या फ़िल्म में भीखू महात्रे का यादगार रोल निभाया था । और दिलचस्प बात ये थी कि सलमान के फ़िल्मी करियर का ये पहला फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड था ।