फ़िल्म :- खेल खेल में
कलाकार :- अक्षय कुमार, तापसी पन्नू, फरदीन खान, वाणी कपूर, एमी विर्क, आदित्य सील, प्रज्ञा जयसवाल
निर्देशक :- मुदस्सर अज़ीज़
रेटिंग :- 3.5/5 स्टार्स
संक्षिप्त में खेल खेल में की कहानी :-
खेल खेल में एक पागलपन भरी रात की कहानी है। ऋषभ मलिक (अक्षय कुमार) एक प्लास्टिक सर्जन है और वर्तिका (वाणी कपूर) के साथ उसकी दूसरी शादी खतरे में है। हालांकि, दोनों ने कोई भी फैसला लेने से पहले एक-दूसरे को तीन महीने का समय देने का फैसला किया है। वर्तिका की बहन राधिका (दिलजोत कौर छाबड़ा) की शादी हो रही है और ऋषभ और वर्तिका उस होटल में जाते हैं जहां शादी हो रही है। उनके साथ उनके दोस्त हरप्रीत (एमी विर्क), उनकी पत्नी जिनका नाम भी हरप्रीत (तापसी पन्नू), समर (आदित्य सील) और उनकी पत्नी नैना (प्रज्ञा जायसवाल) शामिल होते हैं। कबीर (फरदीन खान) अपनी प्रेमिका अक्षिता के साथ उनके साथ शामिल होने वाला था। लेकिन वह अकेला आता है और कोई कारण नहीं बताता कि उसकी साथी क्यों नहीं आ सकी। रात में, ये सात दोस्त एक साथ मिलकर एक खेल खेलते हैं जिसमें जिस किसी को भी कोई मैसेज या ईमेल आता है, उसे सबके सामने जोर से पढ़ना होता है । महिलाएँ आसानी से मान जाती हैं वहीं पुरुष अनमने मन से हाँ बोल देते हैं । इसके बाद क्या होता है, यह पूरी फिल्म में दिखाया गया है।
खेल खेल में मूवी रिव्यू :-
खेल खेल में इटैलियन फिल्म PERFETTI SCONOSCIUTI [मूल स्क्रिप्ट और पाओलो जेनोवेस द्वारा निर्देशित] की आधिकारिक रीमेक है। मुदस्सर अजीज की कहानी में एक मैड एंटरटेनर के सभी गुण हैं। मुदस्सर अजीज और सारा बोडिनार की पटकथा बेहद मनोरंजक है और दर्शकों को बांधे रखती है। हालांकि, इसमें कुछ खामियां भी हैं। मुदस्सर अजीज के डायलॉग्स फिल्म के सबसे बेहतरीन हिस्सों में से एक हैं।
मुदस्सर अजीज का निर्देशन शानदार है। वह सुनिश्चित करते हैं कि किरदारों को अच्छी तरह से पेश किया जाए। उनके परिचय के दौरान, वह यह स्पष्ट करते हैं कि उन सभी के पास कुछ रहस्य हैं और यह बाद में सामने आने वाले पागलपन के लिए मंच तैयार करता है। कुछ दृश्य उल्लेखनीय हैं जैसे हरप्रीत को अपने दोस्त से कॉल आना, एक किरदार का दूसरे से अपना फोन बदलना, मध्यांतर बिंदु आदि। सेकेंड हाफ़ में भी नाटकीय दृश्य हैं।
वहीं कमियों की बात करें तो, कुछ दृश्य सुविधाजनक हैं। यह बात पचाना भी मुश्किल है कि हर किसी के पास इतने गहरे अंधेरे रहस्य होते हैं। दूसरी बात, दुर्घटना के ट्रैक का ठीक से इस्तेमाल नहीं किया गया है। कोई समझ नहीं पाता कि आखिर हुआ क्या था और आरोपी कैसे बच निकला। निर्देशक को इन पहलुओं को समझाने में थोड़ा समय लगाना चाहिए था। दरअसल, सात मुख्य किरदारों को छोड़कर बाकी सभी किरदारों को बुरा-भला ही सहना पड़ता है। शायद, मुख्य किरदारों पर ध्यान केंद्रित रखने का इरादा था। लेकिन बाकी किरदारों को कुछ मिनट महत्व देने से प्रभाव और बढ़ जाता। अंत में, यह एक शहरी फिल्म है और इसमें कुछ ऐसे विषय और ट्रैक हैं जो आम दर्शकों को पसंद नहीं आएंगे। तथ्य यह है कि यह एक होटल के सुइट में सेट है, जो इसके सिनेमाई आकर्षण को सीमित करता है।
परफॉर्मेंस :-
फिल्म सभी कलाकारों के दमदार अभिनय पर टिकी है। अक्षय कुमार बेहतरीन फॉर्म में हैं और लंबे समय के बाद उन्हें कॉमेडी में देखना खुशी की बात है। उनकी कॉमिक टाइमिंग बेहतरीन है, लेकिन सेकेंड हाफ में जब उन्हें अपनी बेटी का फोन आता है, तो वह देखने लायक़ हैं । तापसी पन्नू को शुरुआत में ज्यादा कुछ करने को नहीं मिलता, लेकिन बाद में वह शाईन करती हैं । फरदीन खान ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है और खास तौर पर सेकेंड हाफ में वह बेहतरीन लगे हैं । एमी विर्क भरोसेमंद हैं। आदित्य सील इस किरदार के लिए उपयुक्त हैं । प्रज्ञा जायसवाल अपने बॉलीवुड डेब्यू में बहुत प्रभावशाली हैं। चित्रांगदा सिंह (कदंबरी) शानदार लगती हैं और उन्होंने शानदार अभिनय किया है। मालती (इशिता अरुण) अपनी छाप छोड़ती हैं। दिलजोत कौर छाबड़ा, किरण कुमार (वर्तिका के पिता), अलका बडोला कौशल (वर्तिका की मां), गौरव मनवाने (वरुण) और माही राज जैन (अनाया; ऋषभ की मां) ठीक-ठाक हैं।
संगीत और अन्य तकनीकी पहलू :-
संगीत ठीक है, लेकिन 'हौली हौली' अपनी धुन और पिक्चराइजेशन के लिए अलग है। 'दूर ना करें', 'कूच', 'बारी बरसी' और 'डू यू नो' यादगार नहीं हैं। जॉन स्टीवर्ट एडुरी का बैकग्राउंड स्कोर प्रभावशाली है, खासकर 'परदे में रहने दो' गाने के रीक्रिएटेड वर्जन का इस्तेमाल। मनोज कुमार खटोई की सिनेमैटोग्राफी ठीक है और लेंसमैन ने फिल्म को सिनेमाई लुक देने और पागलपन को भी पकड़ने की पूरी कोशिश की है। रूपिन सूचक का प्रोडक्शन डिजाइन साफ-सुथरा है जबकि सनम रतनसी की वेशभूषा बहुत आकर्षक है। निनाद खानोलकर की एडिटिंग शानदार है।
क्यों देंखे खेल खेल में :-
कुल मिलाकर, खेल खेल में एक अनोखी कहानी पर आधारित है जो न केवल मनोरंजन करती है बल्कि मुख्य कलाकारों द्वारा बेहतरीन अभिनय का भी दावा करती है, जिसमें अक्षय कुमार टॉप पर हैं । बॉक्स ऑफिस पर, यह केवल मल्टीप्लेक्स जाने वाले दर्शकों को ही आकर्षित करेगी जबकि स्त्री 2 से कड़ी प्रतिस्पर्धा इसके बॉक्स ऑफिस की संभावनाओं को काफी हद तक प्रभावित करेगी ।