252.90 करोड़ रु कमाकर बॉक्स ऑफ़िस पर इतिहास रचने वाली फ़िल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री की चर्चित फ़िल्म द कश्मीर फाइल्स एक बार फिर विवादों में आ गई है । हाल ही में गोवा में आयोजित हुए 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में जूरी बोर्ड के प्रमुख और इजराइली फिल्ममेकर नदव लैपिड ने फिल्म फेस्टिवल की क्लोजिंग सेरेमनी के दौरान विवेक अग्निहोत्री की कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को ‘वल्गर प्रोपेगेंडा’ कहा । नदव लैपिड द कश्मीर फाइल्स पर की गई विवादास्पद टिप्पणी पर सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंट गया । कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को सबके सामने उजाकर करने वाली फिल्म द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, एक्टर अनुपम खेर, दर्शन कुमार और अशोक पंडित ने नादव लपिड के विवादास्पद कमेंट का करारा जवाब दिया है, वहीं कुछ लोग नादव लपिड के बयान को सही ठहरा रहे हैं ।
अनुपम खेर की द कश्मीर फाइल्स
53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में दिखाई जाने वाली 15वीं फिल्म थी द कश्मीर फाइल्स । सभी फिल्मों को देखने के बाद इस फ़िल्म फ़ेस्टिवल के जूरी बोर्ड के प्रमुख और इजराइली फिल्ममेकर नदव लैपिड (Nadav Lapid) ने द कश्मीर फाइल्स पर क्लोजिंग सेरेमनी के दौरान कहा, “हम सभी 15वीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स को देखकर परेशान और हैरान थे । यह एक प्रोपेगेंडा और वल्गर फिल्म की तरह लग रही थी, जिसे इस तरह के प्रतिष्ठित फिल्म समारोह में कलात्मक प्रतियोगिता में शामिल करना बिलकुल ही अनुचित है । मैं इस स्टेज पर खड़े होकर आप लोगों के साथ अपनी भावनाएं शेयर करने में पूरी तरह से सहज महसूस कर रहा हूं । इस फिल्म फेस्टिवल के भाव को समझते हुए, हम क्रिटिकल डिस्कशन को भी स्वीकार कर सकते हैं, जोकि कला और जिंदगी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है ।
#Breaking: #IFFI Jury says they were “disturbed and shocked” to see #NationalFilmAward winning #KashmirFiles, “a propoganda, vulgar movie” in the competition section of a prestigious festival— organised by the Govt of India.
? Over to @vivekagnihotri sir…
@nadavlapi pic.twitter.com/ove4xO8Ftr
— Navdeep Yadav (@navdeepyadav321) November 28, 2022
नदव लैपिड के द कश्मीर फाइल्स को ‘दुष्प्रचार करने वाली’ और ‘भद्दी’ फिल्म बताए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के जूरी बोर्ड ने इस टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया है । वहीं इजरायली राजदूत ने कश्मीर फाइल्स की आलोचना के बाद लैपिड को एक खुला पत्र लिखा और कहा, “आपको शर्म आनी चाहिए” । इसके अलावा इजरायली राजदूत ने कहा, “भारत और इज़राइल के बीच दोस्ती बहुत मजबूत है. नादव लैपिड के बयान से कोई नुकसान नहीं होगा । हमें इस बयान पर शर्म आती है और हम अपने मेजबानों से इसके लिए माफी मांगना चाहते हैं । इस्राइल में आप जो नापसंद करते हैं, उसकी आलोचना करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन दूसरे देशों पर बयान देने की जरूरत नहीं है ।”
द कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने इजरायली फिल्ममेकर नदव लैपिड के विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपना गुस्सा ज़ाहिर किया और ट्वीट कर लिखा, “सच सबसे ज्यादा खतरनाक चीज होती है । ये लोगों से झूठ बुलवा सकती है ।
GM.
Truth is the most dangerous thing. It can make people lie. #CreativeConsciousness
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) November 29, 2022
द कश्मीर फाइल्स में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अनुपम खेर ने ट्वीट कर कहा, “झूठ का कद कितना भी ऊंचा क्यों ना हो । सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा ही होता है ।
झूट का क़द कितना भी ऊँचा क्यों ना हो..सत्य के मुक़ाबले में हमेशा छोटा ही होता है.. pic.twitter.com/OfOiFgkKtD
— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 28, 2022
अशोक पंडित ने भी इस्राइल के फिल्म मेकर के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “इस्राइल फिल्म मेकर नादव लैपिड ने द कश्मीर फाइल्स को भद्दी फिल्म बताकर आतंकियों के खिलाफ भारत की लड़ाई का मजाक उड़ाया है । उन्होंने लाख कश्मीरी पंडितों का अपमान किया है । यह भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (IFFI) की विश्वसनीयता के लिए बड़ा झटका है ।
#Israeli filmmaker #NadavLapid has made a mockery of India’s fight against terrorism by calling #KashmirFiles a vulgar film .
He has insulted 7 lac #KashmiriPandits under the nose of the #BJP govt .
Its a big blow to #IFFIGoa2022 ‘s credibility.
Shame .
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) November 28, 2022
रणवीर शौरी ने लिखा, “एक फिल्म का वर्णन करने के लिए जूरी द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा बेहद गलत थी । इसमें से राजनीति की गंध आ रही है । सिनेमा हमेशा से सच्चाई और बदलाव के मुद्दों पर बनाई गई फिल्मों के लिए जाना जाता है । न कि इसे दबाने के लिए। आईएफएफआई में राजनीतिक अवरसवाद का शर्मनाक प्रदर्शन ।
The singling out of a film and the language used to describe it is completely unbecoming of a film jury or critic. It reeks of politics. Cinema has always been the harbinger of truth & change, not an agent to stifle or snuff it. Shameful display of political opportunism at #IFFI.— Ranvir Shorey (@RanvirShorey) November 28, 2022
वहीं इस मामले में भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने भी प्रतिक्रिया दी है । नाओर गिलोन ने इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के जूरी हेड नदव लैपिड (Nadav Lapid) के बयान को निजी बताया । उन्होंने कहा कि नदव लैपिड के बयान पर हमें शर्म आती है ।
वहीं सोशल मीडिया पर एक वर्ग ऐसा भी है जो नादव लापिड के विवादास्पद बयान को सही ठहरा रहा है । बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर IFFI जूरी हेड के पक्ष में लिखा, “जाहिर तौर पर ये दुनिया के लिए बहुत स्पष्ट है...”