हिंदी सिनेमा को कंपनी, साथिया, शूटआउट एट लोखंडवाला जैसी बेहतरीन फ़िल्में देने वाले अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने अपने फ़िल्मी करियर में कई उतार चढ़ाव देखे । उन्होंने न केवल बॉलीवुड बल्कि ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर भी बेहतरीन काम किया । बॉलीवुड से ओटीटी तक का सफर तय करने वाले अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने अपने फ़िल्मी करियर में कई उतार चढ़ाव देखे लेकिन उनकी लाइफ़ में एक ऐसा दौर आया था जब वह हताश हो गए थे और उनके दिमाग में सबकुछ खत्म कर देने तक के खयाल आने लगे थे ।

हिट फ़िल्में देने के बाद भी 18 महीने तक बिना काम के रहे विवेक ओबेरॉय ; सुशांत सिंह राजपूत के दर्द को फ़ील कर कहा- ‘आसपास की नेगेटिविटी आपको अंदर से तोड़ देती है’

विवेक ओबेरॉय के पास नहीं था काम

हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में विवेक ने अपना दर्द बयां किया है । बॉलीवुड बबल से बातचीत में विवेक ने गुजरे वक्त के बुरे दौर को याद अपने बारे में कुछ शॉकिंग बातें कही । विवेक ने इस बातचीत में बताया, कि करीब डेढ़ साल तक उनके पास कोई काम नहीं था । विवेक ने कहा, 'इतनी शानदार फिल्में देने के बाद मेरे पास काम नहीं था । उन्होंने आगे कहा कि इस दौरान वह फिल्मों के ऑडिशन देने जाते थे और किसी को यह तक भनक नहीं लगने देते थे कि वह सुरेश ओबेरॉय के बेटे हैं । इस दौरान उनके मन में कई बुरे ख्याल आए । यहां तक उन्होंने सब खत्म करने का फैसला भी ले लिया था ।

विवेक ने आगे यह भी बताया कि आसपास की नेगेटिविटी से वह परेशान हो गए थे । उन्होंने ये भी कहा कि शायद एजेंडा यही था और ऐसे ऐजेंडे कई बार आपको अंदर से तोड़ देते हैं । विवेक ने अपनी वाइफ का नाम लेते हुए कहा- उस दौरान प्रियंका ने मेरी लाइफ में काफी अहम रहीं और मैं अपने बारे में जान पाया । बाद में उन्होंने इशारा करते हुए कहा- सबकुछ खत्म करने का मतलब काफी गहरा है और इसलिए वह उस दर्द को फील कर सकते हैं जिससे सुशांत सिंह राजपूत या इस तरह के बाकी कलाकार गुजर चुके हैं ।

विवेक ने इस दौरान यह भी कहा कि बॉलीवुड को तब पांच से दस लोग कंट्रोल करके रखते थे और एक परसेप्शन सेट कर दिया करते । लेकिन अब ओटीटी के आने से चीजें काफी बदली हैं । इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जो कुछ भी उनके साथ हुआ उसे लेकर उनके मन में कोई कड़वाहट नहीं है । वह जिंदगी में आगे बढ़ चुके हैं । मूव ऑन कर चुके हैं और इसमें उनकी पत्नी प्रियंका और मां ने खूब सहारा दिया है ।