विवेक रंजन अग्निहोत्री हमेशा समाज और जनता को आइना दिखाने के लिए अपनी फिल्मों में रियल लाइफ स्टोरीज का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में उनकी दो रियल लाइफ स्टोरीज, द कश्मीर फाइल्स और द वैक्सीन वॉर ने दर्शकों की भावनाओं पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा है। जबकि 'द कश्मीर फाइल्स' ने अपनी कहानी और दृढ़ विश्वास से देश को चौंका दिया और आइकोनिक नेशनल अवॉर्ड सहित कई अवॉर्ड हासिल किए, वहीं 'द वैक्सीन वॉर' ने भारतीय महिला वैज्ञानिकों की भावना और कोरोना वैक्सीन के पीछे के दिमाग का सम्मान किया है, जो एक फिल्म मेकर के रूप में दर्शकों के सामने बेहतरीन कंटेंट पेश करने की उनकी क्षमता पर रोशनी डालता है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित होने पर विवेक रंजन अग्नीहोत्री ने कहा, मैं आपके साथ जीवन की पांच सीखों को साझा करना चाहता हूं

विवेक रंजन अग्नीहोत्री को डॉक्टरेट की उपाधि से किया सम्मानित

एक इंडिक फिल्म निर्माता होने के अलावा, विवेक रंजन अग्निहोत्री भारत के एक जिम्मेदार नागरिक भी हैं और उन्होंने अपने काम से लोगों और आज की पीढ़ी के दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी है जिसके लिए उन्हें हाल ही में महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है।

एडीवाईपीयू कॉन्वोकेशन सेरेमनी 2024 के दौरान, विवेक रंजन अग्निहोत्री ने एक स्पीच की जिसमें उन्होंने कहा था, “मैं आपके साथ जीवन की पांच सीखों को साझा करना चाहता हूं। मैं वही बोलता हूं जो मैं प्रैक्टिस करता हूं, अपने जीवन के कीमती पाठों से सीखता हूं, और इस अहम मौके पर मैं अपने प्रो पांच शिक्षकों, पांच संस्थानों के प्रति आभार व्यक्त करने से खुद को रोक नहीं सकता जिन्होंने जीवन की मेरी समझ को आकार दिया है और जो भी थोड़ी सी सफलता या प्रभाव मैंने हासिल किया है वह इन पांच गुरुओं के कारण है। मेरे पहले शिक्षक, मेरे स्कूलों, मेरे कॉलेजों, मेरे विश्वविद्यालय। मुझे स्पेशलाइजेशन और डिग्री हासिल करने का महत्व सिखाया गया। मेरा दूसरा शिक्षक मैनेजमेंट में बिताया गया समय था, मेरा तीसरा शिक्षक सिनेमा था, पावर आध्यात्मिकता मेरा चौथा शिक्षक था और मेरी पांचवीं और आखिरी सीख यह है कि कोई नियम नहीं हैं ।

वर्क फ़्रंट की बात करें तो विवेक रंजन अग्निहोत्री 'द दिल्ली फाइल्स' पर काम कर रहे हैं।