फ़िल्मों के अलावा अनुपम खेर अपने सामाजिक कार्यों के कारण भी लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं । वैसे तो अनुपम खेर फाउंडेशन का प्राथमिक उद्देश्य वंचित बच्चों के विकास की दिशा में काम करना है, लेकिन COVID19 संकट के समय में इस फाउंडेशन ने प्रोजेक्ट हील इंडिया के साथ हर तरह का समर्थन और राहत देने के लिए कदम बढ़ाया । इसमें चिकित्सा उपकरणों की खरीद और वितरण से लेकर महामारी से राहत के लिए धन जुटाने में मदद करने वाले 'एक साथ' संगीत कार्यक्रम के आयोजन तक इस फाउंडेशन ने सब कुछ किया । इसके अलावा फाउंडेशन ने अब उन लोगों को पुरस्कृत करके मानवीय भावना की जीत को स्वीकार करने के लिए चुना है जिन्होंने अपने एक्ट्स, शब्द और कर्म से अनुकरणीय उदाहरण स्थापित किए हैं ।

अनुपम खेर ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपनी मां द्वारा भेजी गई रुद्राक्ष की माला गिफ़्ट की

अनुपम खेर ने पीएम को रुद्राक्ष की माला भेंट की

ऐसे में यह ट्रॉफी मानव भावना के इस उत्सव का प्रतीक है और जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों के 2000 से ज्यादा लोगों को दी जाएगी, चाहे वह डॉक्टर, पुलिस कर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, अभिनेता, सेना के जवान, राजनेता और कई अन्य हों ।

अनुपम खेर ने भी इस पहल पर चर्चा करने के लिए देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिसकी उन्होंने सराहना की । इस दौरन उन्होंने प्रधानमंत्री को उनकी मां द्वारा भेजी गई रुद्राक्ष की माला भी भेंट की । पीएम मोदी के साथ तस्वीर शेयर कर अनुपम ने लिखा, “आदरणीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी। आज आपसे मिलकर मन अत्यंत प्रसन्न हुआ ।आप देशवासियों के लिए दिन रात जो मेहनत कर रहें है, वो प्रेरणात्मक है! जिस श्रद्धा के साथ आपने मेरी माँ द्वारा आपकी रक्षा के लिए भेजी रुद्राक्ष की माला स्वीकार की वो हम हमेशा याद रखेंगे।जय हो।जय हिंद!”

पहल के बारे में बात करते हुए अनुपम खेर कहते हैं, “ये 2 साल सिर्फ अस्तित्व की लड़ाई नहीं थी, बल्कि अकल्पनीय तरीकों से हमारे धीरज और मानसिक शक्ति का परीक्षण भी था । मेरे पापा कहा करते थे, दुनिया में सबसे आसान काम है किसी को खुश करना और वो तभी हो सकता है जब आप उसकी तरफ एक कदम बढ़ाएंगे । 'साधारण' और 'असाधारण' के बीच का अंतर बस इतना है कि अनुपम खेर फाउंडेशन में हमने इस पहल के साथ मानवीय भावना की जीत को स्वीकार करने की कोशिश करने का फैसला किया है। अगर महामारी ने मुझे कुछ सिखाया है, तो वो ये है कि आप जो महसूस करते हैं उसे बाटे और यह उस दिशा में एक बड़ा कदम है ।”