बिहार से तालुक्क रखने वाले, निर्माता-निर्देशक अनुभव सिन्हा को हमेशा से भोजपुरी संगीत सुनना पसंद था, लेकिन निर्माता-निर्देशक को लगता है कि सांस्कृतिक रूप से समृद्ध संगीत ने समय के साथ अपना आकर्षण खो दिया है । ऐसे में, भोजपुरी संगीत को पुनर्जीवित करने और अपनी संस्कृति के लिए कुछ करने के उद्देश्य के साथ, वर्तमान लॉकडाउन के दौरान, अनुभव सिन्हा ने अपने प्रोडक्शन बैनर बनारस मीडियावर्क्स के तहत भोजपुरी म्यूजिक वीडियो 'बंबई में का बा' की रचना, निर्देशन और निर्माण किया है जिसमें मनोज वाजपेयी नज़र आएंगे ।

अनुभव सिन्हा और मनोज वाजपेयी अपने पहले भोजपुरी म्यूजिक वीडियो ‘बंबई में का बा’ के लिए आये एक साथ !

अनुभव सिन्हा ने साझा करते हुए कहा,“मैं सबसे लंबे समय से एक भोजपुरी गाना करना चाहता था । मैं 70 के दशक से भोजपुरी माहौल में बड़ा हुआ है और बहुत से लोगों को अब भी एहसास नहीं है कि उन दिनों, भोजपुरी संगीत बहुत उत्तम दर्जे का हुआ करता था । यह बॉलीवुड का एक अभिन्न हिस्सा था जिस तरह आज पंजाबी संगीत है । क्लासिक भोजपुरी-आधारित बॉलीवुड नंबर जैसे कि 'नैन लड जाए है तो मनवा मा' और 'चलत मुसाफिर मोह लिया रे’ इत्यादि गीत बॉलीवुड में देखने मिले थे । भोजपुरी संगीत बॉलीवुड के लिए कुछ ऐसे ही थे और यहां तक कि भोजपुरी संगीत को उस वक़्त शिक्षित लोगों के घरों में बजाया जाता था ।"

अनुभव ने आगे विस्तार करते हुए बताया,“लेकिन अब पिछले 25-30 वर्षों में, भोजपुरी संगीत डबल मीनिंग और अर्थहीन बन गए है । इसने लोगों के घरों को छोड़ दिया है और पान की दुकान, चाय की दुकान और ऐसे स्थानों पर पहुंच गया है जहाँ अलग तरह के लोग इसे सुनते थे लेकिन जो परिवार इसे सुनते थे, वे धीरे-धीरे भोजपुरी संगीत से दूर होते गए । चूँकि, मैं देश के उस हिस्से से ताल्लुक रखता हूँ, इसलिए मैं आपको बता सकता हूँ कि पहले इस संगीत का उपभोग करने वाले लोगों का प्रतिशत आज के भोजपुरी संगीत का उपभोग करने वाले लोगों की तुलना में अधिक था, जो आज कल अर्थहीन और डबल मीनिंग बन गए हैं । पिछले 10 वर्षों से, मैं एक उत्तम दर्जे का, सार्थक गीत के साथ भोजपुरी संगीत को पुनर्जीवित करना चाहता हूं, जिसे सभी पीढ़ियां मिलकर एन्जॉय कर सकती हैं ।”

संगीत वीडियो 'बंबाई में का बा' के लिए बहुमुखी अभिनेता मनोज वाजपेयी के साथ उनके सहयोग के बारे में बात करते हुए, वह कहते हैं,“एक सुबह, मनोज ने मुझे एक भोजपुरी गीत भेजा और वे चाहते थे कि मैं इसे सुनूं । तब तक मैंने यह गीत बंबाई में का बा पहले से ही बना लिया था और मुझे लगा कि मनोज को इस गाने को आवाज़ देनी चाहिए और इसमें नज़र आना चाहिए । लेकिन मैं इसके बारे में निश्चित नहीं था, इसलिए उनसे संपर्क नहीं साधा । फिर एक दिन, उन्होंने मुझे एक अन्य भोजपुरी गाना भेजा और मैंने उनसे कहा कि मैं नए जमाने के भोजपुरी गानों की तरह नहीं हूं । और फिर मैंने उन्हें अपने इस गीत के बारे में बताया जो मैंने पहले ही बना लिया था । जब उन्होंने यह गाना सुना, तो उन्हें बहुत अच्छा लगा । मैंने उनसे पूछा कि क्या वह इसे गाना चाहेंगे और इसमें नज़र आना चाहेंगे, तो मनोज ने हामी भर दी । अगले दिन, वह स्टूडियो में रिहर्सल के लिए पहुँच गया और एक हफ्ते में, हमने इसकी शूटिंग शुरू कर दी थी । हम दोनों के लिए प्रेरित महसूस करने और गाने पर काम करने के बहुत अच्छे कारण थे क्योंकि यह प्रवासी कामगारों के बारे में है, और मुझे उम्मीद है कि इसके बाद और भी बहुत कुछ आएगा ।”

“मैंने 2012 में अपनी माँ को खो दिया था और वह ज्यादातर भोजपुरी में बात किया करती थी । उनके चले जाने के बाद, अचानक मेरे जीवन से भोजपुरी भाषा गायब हो गई और तभी से मुझे इसकी कमी महसूस होने लगी क्योंकि मेरी माँ भोजपुरी गाने भी गाया करती थीं । मैंने जो गीत बनाया है, वह उनकी याद में भी है । मैं भोजपुरी संगीत को उस स्तर तक ले जाना चाहता हूं कि लोग भोजपुरी गानों को और अधिक बनाने लगें ।”अनुभव ने पुरानी यादों को साझा करते हुए कहा।

गीत बंबई में का बा को कोरोनावायरस महामारी के बीच में एक दिन में शहर के एक स्टूडियो में शूट किया गया था । “मैंने अपने अधिकांश गानों की एक दिन में शूटिंग पूरी की है, जिसमें लोकप्रिय ट्रैक 'दस बहाने' भी शामिल है और सौभाग्य से वह सभी गाने चार्टबस्टर रहे हैं । अनुभव ने बताया ।”

टी-सीरीज़ के सहयोग से बनारस मीडियावर्क्स द्वारा निर्मित, बहुमुखी अभिनेता मनोज वाजपेयी पर फ़िल्माया गया गीत बंबई में का बा जल्द ही लॉन्च किया जाएगा ।