फ़िल्म :- स्त्री 2
कलाकार :- राजकुमार राव, श्रद्धा कपूर
निर्देशक :- अमर कौशिक
रेटिंग :- 4.5/5 स्टार्स
संक्षिप्त में स्त्री 2 की कहानी :-
स्त्री 2 एक खतरनाक राक्षस की कहानी है। पहले भाग की घटनाओं के कुछ साल बाद, चंदेरी में शांतिपूर्ण जीवन नहीं रहता है क्योंकि कुछ लड़कियाँ गायब होने लगती हैं। विक्की (राजकुमार राव) अभी भी अपनी प्रेमिका (श्रद्धा कपूर) के लौटने का इंतज़ार कर रहा है। उसके दोस्त बिट्टू (अभिषेक बनर्जी) और रुद्र (पंकज त्रिपाठी) उसे आगे बढ़ने की सलाह देते हैं लेकिन वह सुनने से इनकार कर देता है। बिट्टू चिट्टी (अन्या सिंह) नाम की लड़की से प्यार करता है और एक दिन वह रहस्यमय तरीके से गायब हो जाती है। एक ड्रग एडिक्ट, जो उसके अपहरण का गवाह है, बताता है कि एक सरकटा आदमी (सरकटा) चिट्टी को ले गया। इस बीच, विक्की की प्रेमिका अचानक वापस आ जाती है और वह विक्की को सरकटा और उसकी दुष्ट योजना के बारे में बताती है। वह राक्षस को हराने के लिए उसकी मदद मांगती है। आगे क्या होता है यह फिल्म में दिखाया गया है।
स्त्री 2 मूवी रिव्यू :-
नीरेन भट्ट की कहानी शानदार है और स्त्री की कहानी को अच्छी तरह से आगे ले जाती है । नीरेन भट्ट की पटकथा मनोरंजन से भरपूर है और दर्शकों को उनके पैसे वसूल है । नीरेन भट्ट के डायलॉग्स फिल्म की खासियतों में से एक हैं और दर्शकों को हंसा देंगे।
अमर कौशिक का निर्देशन बेहतरीन है और यह स्पष्ट है कि उनकी कहानी कहने का तरीका और भी ज्यादा विकसित हुआ है । जिस तरह से उन्होंने दर्शकों को डराने के साथ-साथ कॉमेडी भी डाली है, वह देखने लायक है। इंटरवल से पहले का सीन और मेंटल हॉस्पिटल का सीन बेहतरीन है । साथ ही, वह हॉरर कॉमेडी की दुनिया को भी आगे ले जाते हैं और स्त्री की दुनिया को भेड़िया [2022] से भी जोड़ते हैं।
वहीं कमी की बात करें तो, पार्ट 1 के कुछ सवाल अभी भी अनसुलझे रह जाते हैं । इसके अलावा दो एंड क्रेडिट गाने बहुत ज़्यादा हो जाते हैं ।
परफॉर्मेंस :-
राजकुमार राव ‘चंदेरी का रक्षक’ के रूप में मनोरंजक हैं । उनकी कॉमिक टाइमिंग शानदार है। श्रद्धा कपूर के पास लिमिटेड स्क्रीन टाइम है, लेकिन वह अपनी परफॉर्मेंस और स्क्रीन प्रेजेंस से इसकी भरपाई कर देती हैं। पंकज त्रिपाठी फिल्म की जान हैं और जिस तरह से वह सहजता से लोगों को हंसाते हैं, वह काबिले तारीफ है। अपारशक्ति खुराना फ़र्स्ट हाफ में बहुत अच्छे हैं, लेकिन बाद में वे कमज़ोर लगते हैं। अभिषेक बनर्जी (जाना) ने फ़िल्म को नेक्स्ट लेवल पर पहुँचा दिया है । तमन्ना भाटिया (शमा) शानदार हैं। अन्या सिंह अपनी छाप छोड़ती हैं, जबकि मुश्ताक खान कुछ ख़ास नहीं कर पाते । अक्षय कुमार और वरुण धवन के कैमियो बेहतरीन हैं ।
संगीत और अन्य तकनीकी पहलू :-
सचिन-जिगर का संगीत चार्टबस्टर किस्म का है। ‘आज की रात’ पहले से ही हिट है और एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आता है। ‘तुम्हारे ही रहेंगे हम’ प्यारा है। ‘आई नहीं’ और ‘खूबसूरत’ बेहतरीन हैं। जस्टिन वर्गीस का बैकग्राउंड स्कोर इस शैली के लिए उपयुक्त है।
जिष्णु भट्टाचार्जी की सिनेमैटोग्राफी साफ-सुथरी है । मयूर शर्मा का प्रोडक्शन डिजाइन प्रभावशाली है। शीतल इकबाल शर्मा की वेशभूषा ग्लैमरस के साथ रियल सी लगती है। ‘खूबसूरत’ में श्रद्धा कपूर द्वारा पहनी गई साड़ी आकर्षक है। डेरेल मैकलीन और अमृत सिंह का एक्शन दमदार है। डिजिटल डोमेन का वीएफएक्स ग्लोबल स्टैण्डर्ड से मेल खाता है। हेमंती सरकार की एडिटिंग शानदार है।
क्यों देंखे स्त्री 2
कुल मिलाकर, स्त्री 2 एक सफल बॉलीवुड फ्रैंचाइज़ का जन्म है और इसमें कॉमेडी और हॉरर दोनों भरपूर मात्रा में हैं । बॉक्स ऑफिस पर, इसने शानदार शुरुआत की है और यह निर्माताओं और प्रदर्शकों को खुश रखते हुए आराम से 300 करोड़ रुपये के क्लब में एंट्री कर लेगी । इसे ज़रूर देखिए ।