Review: सत्यमेव जयते 2 दर्शकों को आकर्षित करने वाली पावर पैक्ड मास एंटरटेनर है, जिसमें कुछ बेहद मनोरंजक सीक्वंस हैं और जॉन अब्राहम की शानदर परफ़ोर्मेंस से सजी फ़िल्म है । रेटिंग : 4 स्टार्स

सत्यमेव जयते 2 भ्रष्टाचार के खिलाफ एक परिवार की लड़ाई की कहानी है । सत्य बलराम आज़ाद (जॉन अब्राहम) उत्तर प्रदेश में गठबंधन सरकार में गृह मंत्री हैं । वह विधानसभा में एक भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक पारित करने की कोशिश करता है लेकिन उसके अपने गठबंधन सहयोगी विरोध करते हैं । दिलचस्प बात यह है कि बिल के खिलाफ वोट करने वाले विधायक में से एक सत्या की पत्नी विद्या आजाद (दिव्या खोसला कुमार) हैं । वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र प्रकाश (हर्ष छाया) की बेटी हैं । इस बीच, राज्य के एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर चले जाते हैं । एक माँ उनसे अपनी बेटी का इलाज करने के लिए विनती करती है जो एक दुर्घटना का शिकार हो गई है । हड़ताल का नेतृत्व कर रहे डॉक्टर इलाज करने से  मना कर देते हैं । विरोध कर रहे डॉक्टरों और मीडिया के सामने पीड़िता की मौत हो जाती है । उसी रात, एक चौकीदार (जॉन अब्राहम), बदला लेने के लिए हड़ताल का नेतृत्व करने वाले डॉक्टर को मार देता है । उसकी मृत्यु के कारण हड़ताल वापस ले ली जाती है । चौकीदार रातों-रात हीरो बन जाता है । चंद्र प्रकाश प्रभावित नहीं होता है और वह डीसीपी उपाध्याय (अनूप सोनी) को अपराधी को खोजने के लिए कहता है । डीसीपी इस मामले को सत्य बलराम आजाद के जुड़वां भाई जय बलराम आजाद (जॉन अब्राहम) को सौंपता है । दूसरी ओर, एक और कांड ने राज्य को झकझोर कर रख दिया है क्योंकि एक मदरसे में खाना खाने के बाद कई बच्चे बीमार पड़ जाते हैं । जिस सरकारी अस्पताल में वे भर्ती हैं, वहां ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी है । अत: उनमें से 40 बच्चों की मृत्यु हो जाती है । सत्या को पता चलता है कि खराब हो चुके अनाज की आपूर्ति त्रिपाठी (दया शंकर प्रसाद) के एक रिश्तेदार ने की थी । और सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार शंकर प्रसाद (जाकिर हुसैन) का एक करीबी सहयोगी है । त्रिपाठी और शंकर दोनों गठबंधन पार्टी से हैं और सत्या के सामने आने पर वे समर्थन वापस लेने की धमकी देते हैं । अब यह बात सामने आई है कि चौकीदार कोई और नहीं बल्कि सत्या है । वह अब त्रिपाठी और शंकर दोनों को मारता है। कुछ दिनों बाद तीसरी घटना होती है जब राज्य में एक फ्लाईओवर गिर जाता है । फ्लाईओवर के ठेकेदार मदन लाल जोशी (ऋतुराज सिंह) ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया । जय और अन्य ने निष्कर्ष निकाला कि वह सतर्कता से मारे जाने वाला  है। आगे क्या होता है यह बाकी की फ़िल्म देखने के बाद पता चलता है ।

Satyameva Jayate 2 Movie Review: पावर पैक्ड मास एंटरटेनर है जॉन अब्राहम की सत्यमेव जयते 2

मिलाप मिलन जावेरी की कहानी उम्मीद के मुताबिक दर्शकों को रिझाने वाली है । उन्होंने बहुत से मुद्दों को छुआ है, जिनमें से कई आम आदमी को कनेक्ट करते हैं । हालांकि सेकेंड हाफ में बहुत सारे मुद्दे पेश किए जाते हैं और वे स्टैंडअलोन मुद्दों के रूप में सामने आते हैं ।

मिलाप मिलन जावेरी की पटकथा बहुत ही आकर्षक है । स्क्रिप्ट ऐसी है कि फिल्म कभी लो और डल नहीं लगती । शुरू से अंत तक कुछ न कुछ लगातार होता रहता है । मिलाप मिलन जावेरी के डायलॉग ताली बजाने योग्य हैं । लगभग हर वाक्य में कुछ शक्तिशाली वन लाइनर्स हैं और यह वाकई काबिले तारीफ है ।

मिलाप मिलन जावेरी का निर्देशन बेहतरीन है और यह बताता है कि उनके डायरेक्शन में काफ़ी परफ़ेक्शन आ गया है । यह एक आसान फिल्म नहीं है क्योंकि इसमें ऐसे तीन किरदार हैं जिसे एक ही अभिनेता ने निभाए हैं और इसके अलावा, इसे बहुत ही कमर्शियल तरीके से बनाया गया है । कुछ दृश्यों को असाधारण रूप से हैंडल किया जाता है । दरअसल जय बलराम आजाद की एंट्री, इंटरवल प्वाइंट, दादासाब बलराम आजाद (जॉन अब्राहम) का फाइट सीक्वेंस आदि सिनेमाघरों में तहलका मचा देंगे । वहीं इसके विपरीत जबकि फ़र्स्ट हाफ़ जहां बेमिसाल है वहीं सेकेंड हाफ़ थोड़ा ऑफ़ ट्रेक लगता है । करवा चौथ का दृश्य कहानी को स्लो कर देता है । इसके अलावा, यह फिल्म हर तरह से एक मास एंटरटेनर फ़िल्म है ।

सत्यमेव जयते 2 की बिना समय बर्बाद किए धमाकेदार शुरुआत होती है । विधानसभा का सीन शानदार है लेकिन लेकिन फिल्म तब और बेहतर हो जाती है जब सत्या भ्रष्ट नेताओं को मार देती है । जय की एंट्री फ़िल्म का हाईलाइट है और जिस तरह से राष्ट्रगान को शामिल किया गया है, वह काफ़ी शानदार है । इंटरमिशन मोड़ पर आने वाला ट्विस्ट अचानक आता है । इंटरवल के बाद दादासाब का फ्लैशबैक वाला हिस्सा दिलचस्प है । इसके बाद फिल्म गिरती है लेकिन फिनाले में रफ्तार पकड़ती है ।

सत्यमेव जयते 2 पूरी तरह से जॉन अब्राहम की फ़िल्म है । जॉन ने अपने तीनों किरदारों को अच्छे से निभाया है । लेकिन पुलिस वाले का किरदार सबसे बेहतरीन है और इसे दर्शकों द्दारा पसंद किया जाएगा । इसके बाद किसान वाला रोल भी शानदार है । दिव्या खोसला काफ़ी स्टनिंग दिखती हैं और शानदार परफ़ोर्मेंस देती हैं । हर्ष छाया अच्छे लगते हैं । अनूप सोनी को ज्यादा स्कोप नहीं मिलता । दया शंकर प्रसाद और जाकिर हुसैन अच्छे हैं । गौतमी कपूर (सुहासिनी) जबरदस्त छाप छोड़ती हैं । राजेंद्र गुप्ता, शाद रंधावा, साहिल वैद, सलीम शाह, भाग्यश्री लिमये और अन्य ने सक्षम समर्थन दिया । नोरा फतेही काफी हॉट नजर आती हैं ।

फिल्म का म्यूजिक ठीक है । 'कुसु कुसु' पहले से ही चार्टबस्टर है । 'तेनु लहंगा' एक बेहतरीन मोड़ पर आता है । 'जन गण मन' बहुत ही मार्मिक है । 'मेरी जिंदगी है तू' एल्बम का सबसे अच्छा और रोमांटिक गाना है । संजय चौधरी का बैकग्राउंड स्कोर लाउड है लेकिन यह फिल्म के लिए अच्छा काम करता है । दादासाब की थीम यादगार है ।

डुडले की सिनेमेटोग्राफ़ी उपयुक्त है । अमीन खतीब का एक्शन फिल्म की मुख्य विशेषताओं में से एक है । लेकिन कुछ जगहों पर यह रॉ और काफी खून_खराबे वाला लगता है । प्रिया सुहास का प्रोडक्शन डिजाइन फिल्म की अपील में इजाफा करता है । अक्षय त्यागी की वेशभूषा यथार्थवादी होने के साथ-साथ ग्लैमरस भी है । नोरा फतेही की वेशभूषा (संदीप खोसला, अबू जानी द्वारा) काफी हॉट है । Futureworks और Variate Studio का VFX साफ-सुथरा है । फ़र्स्ट हाफ में माहिर जावेरी की एडिटिंग ठीक है लेकिन सेकेंड हाफ में और बेहतर और स्लीक हो सकती थी ।

कुल मिलाकर, सत्यमेव जयते 2 दर्शकों को आकर्षित करने वाली पावर पैक्ड मास एंटरटेनर है, जिसमें कुछ बेहद मनोरंजक सीक्वंस हैं और जॉन अब्राहम की शानदर परफ़ोर्मेंस से सजी फ़िल्म है । बॉक्स ऑफिस पर, यह बड़ी ओपनिंग करने वाली और लंबे समय तक बॉक्स ऑफ़िस पर राज करने वाली फ़िल्म साबित होगी ।