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साल 2016 लगभग खत्म होने को है, बॉलीवुड में अब तक लगभग हर शैली की फ़िल्में देखी जा चुकी है । इस हफ़्ते बॉक्सऑफ़िस पर ररलीज हुई फ़िल्म वजह तुम हो, यह एक थ्रिलर शैली की फ़िल्म है । क्या यह फ़िल्म इसके मेकसस की खुशी का कारण बनेगी और कमाई का जररया बनेगी या नहीीं आइए समीक्षा करते हैं ।

वजह तुम हो, पैसे और ताकत के बीच की लड़ाई प्यार और भावनाओीं से होती ददखाई गई है । फ़िल्म की शुरूआत होती है एक भ्रष्ट पुललस इींस्पेक्टर रमेश सरनाइक की भीषण हत्या के साथ । उसकी ननदसयता से हत्या के अलावा, पूरी हत्या का 'प्रकरण' जीटीएन (ग्लोबल टाइम्स नेटवकस) पर प्रसाररत हो जाता है, जजसका मुख्य कायसकारी अथ्रिकारी राहुल ओबेरॉय (रजनीश दुग्गल) है जो अत्यथ्रिक प्रभावशाली है । फ़िल्म की कहानी आगे बढ़ती है, और अब होती है एक ईमानदार इींस्पेक्टर कबीर देशमुख (शरमन जोशी) की एींट्री जो इस केस के जाींच अथ्रिकारी के रूप में ननयुक्त फ़कया गया है और वह इस केस में एक भी सींदेह को जगह नहीीं देता है । क्योंफ़क इस पूरी हत्या का जीटीएन चैनल पर सीिा प्रसारण फ़कया गया था, इसललए कबीर को शक होता है फ़क राहुल अपने चैनल की टीआरपी के ललए ये करतूत कर सकता है । वहीीं दूसरी तरि, राहुल ओबेराय का केस बेहद सक्षम ललगल हेड लसया (साना खान) लड़ती हैं । इसी बीच लसया को वकील रणवीर बजाज (गुरमीत चौिरी) जो हर जदटल मामले में कबीर की मदद करता है, के साथ प्यार हो जाता है । सभी अड़चनों और ट्ववस्ट के बाद कबीर सोचता है फ़क वह हत्या के मामले को हल करने में सक्षम हो गया है, दो और लोगों की उसी तजस पर हत्या हो जाती है जैसे एसीपी सरनाइक की हुई थी । सबसे अच्छा 'कानूनी ददमाग' होने के

बावजूद यह केस और भी बुरी तरह िींस जाता है । फ़िर उसके बाद, यह केस और ज्यादा उलझ जाता है । वो कौन दो लोग थे जजनकी हत्या उसी तरह हो जाती है और क्यों, लसया और रणवीर की प्रेम कहानी का बाद में क्या होता है, और क्या कबीर खान इस केस को सिलता पूवसक हल कर पाता है, यह सब फ़िल्म देखने के बाद ही पता चलता है ।

इस फ़िल्म की पटकथा (ववशाल पींड्या, समीर अरोड़ा) जो भागों में मनोरींजक है । इसके अप्रत्यालशत रोमाींच और थ्रचल इसकी पटकथा को बढ़ाते ही नहीीं है बजल्क फ़िल्म के मूड को बढ़ाते हैं । फ़िल्म के सींवाद (रजमम ववराग), सरल और स्पष्ट हैं बबना फ़कसी भरकम शब्दावली के । तत्क्षण, कुछ घदटया डायलॉग सामने आते है । हालाींफ़क लोगों को इस फ़िल्म में हास्य की कमी लगेगी लेफ़कन फ़िर भी थोड़ा सा ही सही लेफ़कन कई जगह पर (बबना फ़कसी खास उद्देमय और जस्थनतजन्य) जरुरत के दहसाब से हास्य पाया जा सकता है ।

हेट स्टोरी 2 और हेट स्टोरी 3 जैसी फ़िल्में ननदेलशत करने के बाद ववशाल पींड्या वजह तुम हो जैसी शानदार फ़िल्म के साथ लौटे हैं । वजह तुम हो में वह एक मडसर लमस्ट्री की जासूरी थ्रिलर कहानी को अच्छी तरह पेश करने में कामयाब हुए हैं । घुमाफ़िरा कर बात करने के बजाए ववशाल पींड्या पहले दृमय से ही फ़िल्म के ववषय में घुस जाते हैं । फ़िल्म की पकड़ िस्टसहाि में मूड बना देती है और फ़िल्म को एक गनत देती है । फ़िल्म सेकेंड हाि में (अींनतम 20 लमनट में ववशेष रूप से) फ़िसलने लगती है अन्यथा फ़िल्म शानदार है । फ़िल्म के रहस्य रोमाचींक जस्थती तक बरकरार रहते हैं । रहस्योद्घाटन दशसकों को अींत तक सभी हत्याओीं के पीछे मुख्य मास्टरमाइींड के बारे में अनुमान लगाने को मजबूर करेंगे । हालाींफ़क वजह तुम हो आपको आपकी सीट से थ्रचपकने को मजबूर नहीीं करती, लेफ़कन ये एक कौतूहल उत्पन्न करती है । ववशाल पींड्या को फ़िल्म के बढ़ते सस्पेंस ननलमसत करने के ललए ही नहीीं बजल्क शालीनता से इसे फ़ियाजन्वत करने के ललए

भी पूरे में से पूरे नींबर ददए जाते हैं ।

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अलभनय की बात करें तो, यह फ़िल्म पूरी तरह से ववमवसनीय शरमन जोशी, जो फ़िल्म की जान हैं, के अनत-सक्षम कींिो पर ववराजमान है । फ़िल्म 1920 लींदन (जो फ़क इस साल के शुरूआत में ररलीज हुई थी) में एक अच्छा फ़करदार अदा करने के बाद शरमन जोशी ने वजह तुम हो में एक बार फ़िर अपनी शानदार अगायगी का पररचय ददया है । जहाीं एक तरि वह एक पुललस इींस्पेक्टर के रूप में अपनी िूरता को दशासते हैं वहीीं दूसरी तरि वह अपने लववींग और केयररींग लसींगल िादर के रूप वाले फ़करदार के साथ भी पूरा न्याय करते हैं । और उन्हीीं के साथ कींिे से कींिा लमलाकर चलती हैं खूबसूरत आत्मववमवासी सना खान । जय हो फ़िल्म में भूलने योग्य फ़करदार करने के बाद सना खान वजह तुम हो में एक तैयार और सम्मानजनक प्रदशसन के साथ कमबैक करती हैं । अच्छी और ववमवसनीय स्िीन उपजस्थती होने के बावजूद सना खान को अपनी स्टाइललींग और बॉडी पर फ़िर से काम करने की जरूरत है, यदद उन्हें बॉलीवुड मूवी स्टार बनना है तो । रजनीश दुग्गल जजसकी वपछली फ़िल्म (बेईमान लव) बॉक्सऑफ़िस पर कोई कमाल नहीीं ददखा पाई, रजनीश दुग्गल और उनके प्रशींसकों की सभी उम्मीदें ननजमचत रूप से वजह तुम हो पर दटकी होनी चादहए । वजह तुम हो में रजनीश दुग्गल अपने फ़करदार के साथ जरा भी ननराश नहीीं करते । वह सींयलमत प्रदशसन करते हैं और फ़िल्म में जो उनसे उम्मीद की जाती है उसके साथ पूरा न्याय करते हैं । गुरमीत चौिरी ने वजह तुम हो में शानदार और अनत महत्वपूणस काम फ़कया है । बॉलीवुड रेस में शालमल होने के ललए उन्हें और भी ज्यादा चुनौतीपूणस फ़करदार करने चादहए । सना खान के साथ उनकी कैमेस्ट्री (ज्यादातर गाने में) ठीक-ठाक है । हालाींफ़क पूरी फ़िल्म ऊपर उजल्लखखत कलाकारों के कींिों पर दटकी हुई है, फ़िर भी बाकी के कलाकार फ़िल्म को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं ।

फ़िल्म का उत्कृष्ट सींगीत (लमथुन, अलभजीत वघानी, मीट ब्रदसस) फ़िल्म में चार चाींद लगाता है । 'ददल में छुपा लूींगा' और 'ददल के पास' जैसे फ़िल्म के गाने पहले से ही सब जगह छा गए हैं । फ़िल्म के दृमय केवल गानों को कॉम्प्लीमेंट देते हैं । ऐसा लगता है जैसे 'माही वे' गाना फ़िल्म में जबरदस्ती डाला गया है । फ़िल्म का बैकग्राउींड स्कोर तना हुआ है और फ़िल्म का पूरक है ।

अच्छा छायाांकन (प्रकाश कुट्टी) फ़िल्म को ऊर्ाा देता है, फ़िल्म का सांपादन (मनीष मोरे) अच्छा है । फ़िल्म को और भी ज्यादा टाइट फ़िलर बनाया र्ा सकता था ।

कुल लमलाकर, वजह तुम हो भरपूर यौनाकषसण, मसाला और मनोरींजन मूलय के साथ एक अच्छी जासूसी थ्रिलर फ़िल्म है ।

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