11 साल पहले इम्तियाज अली ने जब वी मेट [2007]जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्म दी और उसके ठीक बाद लव आज कल [2009]। यह उस समय के लिए एक अनूठी फिल्म थी क्योंकि इसमें एक नहीं बल्कि दो प्रेम कहानियों पर फ़ोकस किया गया था, जो अलग-अलग दौर में सेट थी । इसमें सैफ़ अली खान ने दोनों दौर में लवर बॉय का किरदार निभाया था । और अब इम्तियाज अली एक बार फ़िर अपने इस इस्तेमाल किए गए फ़ॉर्मूले को एक नई चर्चित जोड़ी-कार्तिक आर्यन और सारा अली खान के साथ लेकर आए है इस हफ़्ते रिलीज हुई फ़िल्म लव आज कल में । तो क्या लव आज कल फ़िर से अपनी सफ़लता जो दोहराएगी, या यह दर्शकों को निराश करती है ? आइए समीक्षा करते है ।
लव आज कल की कहानी प्यार की अहमियत के इर्द-गिर्द घूमती है । वीर (कार्तिक आर्यन) और ज़ोई (सारा अली खान) दिल्ली में रहते हैं और एक दिन नाइटक्लम में दोनों की मुलाकात होती है । दोनों फ़िजिकल होने की कोशिश करते हैं लेकिन वीर लास्ट मिनट अपना इरादा बदल देता है । वीर को एहसास होता है कि जोई उसके लिए स्पेशल है । वीर जोई का पीछा करता हुआ, उस को-वर्क प्लेस तक पहुंच जाता है, जहां से जोई काम करती है । जोई शुरूआत में वीर को झिड़क देती है लेकिन वह उसमें इंटरेस्टेड भी है । इस बीच, को-वर्किंग स्पेस के मालिक राज (रणदीप हुड्डा) को अपनी आंखों के सामने दोनों का अनकहा प्यार पनपता हुआ दिखता है । जोई राज से अपनी फ़िलिंग शेयर करती है और बताती है कि वह वीर के साथ कैजुअल रिलेशनशिप रखना चाहती है लेकिन वह इसे इतनी जल्दी सीरियस रिलेशनशिप नहीं बनाना चाहती । इस पर राज जोई को अपनी कहानी सुनाता है । जिसमें वह रघु (कार्तिक आर्यन) थे और उदयपुर में एक स्कूल में पढ़ते थे । वह लीना (आरूषी शर्मा) के प्यार में पागल होता है । लीना को भी रघु पसंद है लेकिन एक दिन दोनों पकड़े जाते है । आरुषी की फ़ैमिली उसे दिल्ली ले जाती है । लेकिन रघु उससे बहुत प्यार करता है और उसका पीछा करते-करते दिल्ली पहुंच जाता है । वह वहां वेटर का काम करता है । राज की कहानी सुनकर जोई खो सी जाती है । जिसके बाद वह प्यार को एक मौका देने का फ़ैसला करती है । उसे दुबई से जॉब ऑफ़र आता है लेकिन वह उस मेल को डिलीट कर देती है क्योंकि वह वीर से दूर नहीं जाना चाहती । और यहां राज एक धमाका करता है । अपनी बीती हुई कहानी में बताता है कि रघु लीना से ब्रेक अप कर लेता है और एक प्ले बॉय बन जाता है । यहां महसूस होता है कि प्यार के लिए करियर को नहीं छोड़ना चाहिए था । इसके बाद आगे क्या होता है, यह बाकी की फ़िल्म देखने के बाद पता चलता है ।
इम्तियाज अली की कहानी अच्छी है । मूल कथानक दिलचस्प है और यदि इसे अच्छे से संभाला होता तो यह एक बेहतरीन रोमांटिक फ़िल्म होती । इम्तियाज अली की पटकथा पूर्ण न्याय नहीं कर पाती । आज के समय की जटिलताओं के बारे में बात करने के साथ कुछ दृश्य बहुत भरोसेमंद हैं । लेकिन वहीं दूसरी ओर, यह समझ के परे है । संवाद थोड़े दार्शनिक हैं इसके बजाए इन्हें समझने के लिए और सरल होना चाहिए था ।
इम्तियाज अली का निर्देशन इतना प्रभावशाली नहीं है । वह कुछ चीजें अच्छे से संभालते है । दो कहानियों के बीच खींची जा रही दीवारों और समानताओं पर भित्तिचित्रों का उपयोग प्रभावित करता है । कुछ सीन्स को बहुत अच्छे से संभाला गया है । लेकिन कुछ सीन ऐसे हैं जिन्हें देखकर लगता है कि, फ़िल्म कहां जा रही है । कुछ सीन वांछित प्रभाव नहीं छोड़ते और अनजाने में फ़नी महसूस होते है । फ़िल्म में वह कुछ कमियां छोड़ते हैं और कुछ सबप्लॉट्स को तार्किक निष्कर्ष नहीं मिलता है । इम्तियाज ने अपने किरदारों की बैक स्टोरीज पर जरा भी फ़ोकस नहीं किया । ऐसा ही कुछ देखने को मिला था जब हैरी मेट सेजल में शाहरुख खान के किरदार में । लव आज कल की बात करें तो, वीर सामाजिक रूप से अजीब लगता है और किसी को समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों है ।
लव आज कल की शुरूआत अच्छे नोट पर होती है क्योंकि इसमें दोनों दौर के किरदार सेट होते है । कुछ डायलॉग्स और वीर का व्हवहार और उसकी बॉडी लैंग्वेज के कारण कुछ चीजें अजीब लगती है । हालाँकि 90 के दशक के ट्रैक में आकर्षण है और यह दिलचस्पी को बनाए रखता है । यहाँ रघु और लीना का ट्रेन में रोमांटिक पल सबसे अच्छे सीन में से एक है । रघु की कहानी में ट्विस्ट आक्समिक रूप से आता है । यह विशेष रूप से काम करता है क्योंकि अब तक, यह पुरानी लव आज कल के ऋषि कपूर के ट्रैक के एक क्लोन जैसा दिखता है । इंटरवल मोड पर समस्या शुरू होती है । जो की नाराजगी अजीब लगती है । इंटरवल के बाद, फ़िल्म संभलती है । रघु की कहानी की पराकाष्ठा दिल को छूती है । हालांकि जो के एक्शन फ़िल्म का प्रभाव कम करते है । फ़ाइनल सीन भी महज ठीक है ।
अभिनय की बात करें तो, कार्तिक आर्यन और सारा अली खान अपना बेहतरीन देते है । कार्तिक कुछ अलग करते है जिसमें वह सफ़लत होते है । कुछ सीन में वह हास्य भी लेकर आते है । उनका गंभीर लुक देखने लायक है । सारा भी कुछ सीन में अपने निर्देशक के निर्देशों का पालन करती है जिसमें से कुछ सीन में उनकी प्रतिभा निकलकर सामने आती है । हालांकि उनका किरदार इतना अजीब है लेकिन उनके बेहतर प्रयास के बावजूद भी कैरिकेचर के रूप में सामने आता है । रणदीप हुड्डा अच्छा करते हैं । लेकिन उनके कुछ सीन एक समय बाद बाद दोहराए से लगते हैं । आरुषी शर्मा प्यारी लगती हैं और उनकी स्क्रीन पर उपस्थिति शानदार लगती है । सिमोन सिंह निष्पक्ष हैं । अन्य कलाकार अपना अच्छा करते हैं ।
प्रीतम चक्रवर्ती का संगीत पिछली लव आज कल की तरह समय की कसौटी पर खरा नहीं उतरा । 'हां मैं गलत' आकर्षक है, लेकिन अंत क्रेडिट में प्ले किया जाता है । 'परमेस्वर' निराला है, लेकिन दर्शक इससे कनेक्ट नहीं कर पाएंगे । 'धक धक', 'और तन्हा' और 'शायद' ठीक हैं । ईशान छाबड़ा का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के साथ अच्छे से मेल खाता है ।
कुछ दृश्यों में अमित रॉय की सिनेमैटोग्राफी काफी शानदार है । लेकिन कुछ क्लोज अप शॉट्स में, यह कुछ खास नहीं है । सुमन रॉय महापात्रा का प्रोडक्शन डिज़ाइन काफी स्टाइलिश है, खासकर वर्तमान के भागों में । अकी नरुला की वेशभूषा काफी आकर्षक है, विशेष रूप से वर्तमान ट्रैक में सारा और कार्तिक द्वारा पहनी जाने वाले पोशाकें । आरती बजाज के संपादन में कोई कमी नहीं है ।
कुल मिलाकर, लव आज कल युवाओं के लिए बनी रोमांटिक फ़िल्म है । बॉक्सऑफ़िस पर, यह फ़िल्म वैलेंटाइन्स डे के मौके पर रिलीज होने और फ़्रेश जोड़ी के चलते शुरूआत अच्छी करेगी । शहरी मल्टीप्लेक्स में यह फ़िल्म अच्छा कलेक्शन करेगी जबकि सिंगल स्क्रीन्स पर इसका बॉक्सऑफ़िस कलेक्शन औसत रह सकता है ।