/00:00 00:00

Listen to the Amazon Alexa summary of the article here

साल 2012 तक, स्पर्म शब्द हिंदी फ़िल्मों में एक टैबू के रूप में देखा जाता था । लेकिन फ़िर आई फ़िल्म विकी डोनर, जिसने इस शब्द को पूरे हिंदी सिनेमा में बहुत ही सामान्य और स्वीकार्य बना दिया । और अब पूरे सात साल बाद एक बार फ़िर इस शब्द के इर्द-गिर्द बुनी गई फ़िल्म आई है, गुड न्यूज जो इस हफ़्ते सिनेमाघरों में रिलीज हुई है, जिसकी कहानी जरा हटके है ।

Good Newwz Movie Review: दर्शकों और मेकर्स दोनों के लिए 'गुड न्यूज' बनकर आई फ़िल्म

गुड न्यूज ने अपनी आकर्षक स्टारकास्ट के बजाए अपने यूनिक विषय के कारण एक जबरदस्त उत्साह सा पैदा कर दिया है । ट्रेलर ने लोगों के उत्साह को और बढ़ाया । लेकिन अब सवाल ये उठता है कि क्या, फ़िल्म ट्रेलर में ही पूरी बता दी गई या इसके उत्साह के और भी पहलू है ? आइए जानते है ।

फ़िल्म की कहानी- [बिना खुलासा किए]…गुड न्यूज गूफ़-अप की एपिक कहानी है । वरुण बत्रा [अक्षय कुमार] मुंबई में एक ऑटोमोबाइल शोरूम में काम करते हैं । दीप्ति उर्फ दीपू [करीना कपूर खान], जो पेशे से पत्रकार हैं, उनकी पत्नी है । दोनों की शादी को सात साल हो चुके है । और इसलिए अब वह अपनी फ़ैमिली बढ़ाना चाहते है, लेकिन दोनों ही ऐसा करने में सक्षम नहीं है ।

वरुण की बहन [अंजना सुखानी] के आग्रह पर, दोनों एक प्रतिष्ठित डॉक्टर, डॉ जोशी [आदिल हुसैन] द्वारा संचालित फ़र्टिलिटी क्लिनिक का दौरा करने का निर्णय लेते हैं । डॉ जोशी सुझाव देते हैं कि वे आईवीएफ के माध्यम से बच्चा पैदा कर सकते है । वरुण और दीपू इसके लिए राजी हो जाते है ।

चंडीगढ़ की एक जोड़ी हनी बत्रा [दिलजीत दोसांझ] और मोनिका [कियारा आडवाणी],भी डॉ जोशी से मिलने आते हैं । और फ़िर दोनो जोड़ियों का सरनेम बनता है सबसे बड़े गूफ़-अप की वजह ।

गुड न्यूज की एक दिलचस्प कहानी है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह फ़िल्म स्मार्ट और आकर्षक पटकथा से बंधी है । लेखक ने ड्रामा, इमोशंस, रोमांस और ह्यूमर को कहानी के साथ अच्छे से पिरोया है और इसी वजह से यह फ़िल्म शुरूआत से लेकर अंत तक एक बेहतरीन फ़िल्म बनती है ।

फ़िल्म शुरूआत से ही अपने प्वाइंट पर आ जाती है और गूफ़-अप को पटकथा के साथ अच्छे से गूंथा गया है । फ़िल्म में बमुश्किल कोई कमियां है । निश्चितरूप से फ़िल्म बिना गानों या दो गानों के भी की जा सकती थी, लेकिन सशक्त और सुस्पष्ट स्क्रिप्ट के आगे ये बहुत छोटी कमियां है । जहां ड्रामा आपको शुरूआत से बांधे रखता है वहीं डायलॉग कई दृश्यों के प्रभाव को बढ़ाते है ।

राज मेहता [गुड न्यूज के साथ अपने निर्देशन करियर की शुरूआत करते है] पूरी फ़िल्म को अच्छे से संभालते है । यदि आप पहली बार निर्देशन में आ रहे हो तो ऐसे विषय को संभालना बहुत ज्यादा मुश्किल है, लेकिन वह लेखन सामाग्री के साथ न्याय करने में प्रशंसा के हकदार है ।

निर्देशक सेकेंड हाफ़ को सबसे ज्यादा समझदारी से हैंडल करते है । कुछ सीन तो सबसे ज्यादा परिपक्व रूप से संभाले गए है, खासकर करीना और कियारा का पानी पुरी सीक्वंस या अस्पताल में अक्षय कुमार का टूट जाने वाला सीन ।

गुड न्यूज, बेहतरीन और उल्लेखनीय उम्दा प्रदर्शन से सजी फ़िल्म है । अक्षय कुमार अपनी शानदार परफ़ोर्मेंस देते है । उनका इमोशनल हिस्सा उल्लेखनीय है । एक लंबे अंतराल के बाद करीना कपूर खान को पर्दे पर देखना खुशी लेकर आता है । वह अपने रोल में शानदार लगती है । और देखने में काफ़ी स्टनिंग लगती है । दिलजीत दोसांझ की एंट्री फ़िल्म में थोड़ी लेट होती है लेकिन जैसे ही वह स्क्रीन पर आते है, फ़िल्म एक अलग स्तर पर पहुंच जाती है । वह शीर्ष स्तर का परफ़ोरमेंस देते है । कियारा आडवाणी के पास फ़र्स्ट हाफ़ में करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है लेकिन इंटरवल के बाद वह कई सारे सीन में छा जाती है ।

आदिल हुसैन अपना किरदार बखूबी निभाते है । टिस्का चोपड़ा शानदार दिखती है । अंजना सुखानी और जो अभिनेता उनके पति के किरदार में हैं वह विश्वसनीय है ।

गाने फ़िल्म के साथ अच्छे से मेल खाते है । दो गाने तो सबसे बेहतर है-'सौदा खरा खरा' और 'चंडीगढ़' । सिनेमेटोग्राफ़ी मूड के साथ-साथ भावनाओं को भी अच्छी तरह से कैप्चर करती है ।

कुल मिलाकर, गुड न्यूज बिना किसी शक के एक निश्चितरूप से हिट फ़िल्म है । स्मार्ट लेखन, जबरदस्त ह्यूमर और दिल को छू लेने वाले इमोशंस, इस अच्छी तरह से बनाई गई फिल्म के तीन सबसे अहम पहलू है, जो इसे एक बेहतरीन फ़िल्म बनाते है । और जो चौथा इसका सबसे अहम पहलू है वो है इसकी स्टार कास्ट का शानदार प्रदर्शन । बॉक्सऑफ़िस पर, ये फ़िल्म साल 2019 की एक बड़ी विजेता फ़िल्म बनकर उभरेगी, जो इस फ़ेस्टिव सीजन में खुशी लेकर आएगी । मेकर्स के लिए फ़ायदे का सौदा साबित होने वाली गुड न्यूज मेकर्स के लिए अपने नाम को सही रूप में सार्थक करती है ।