Shivaay-Review1

ऐसा हर बार नहीं होता जब आपको बॉक्सऑफ़िस पर एक साथ दो-दो बड़ी फ़िल्मों की भिड़ंत देखने को मिले । इससे पहले जो-जो बड़ी फ़िल्में एक साथ एक ही दिन रिलीज हुईं उनमें शामिल है लगान और गदर एक प्रेम कथा (15 जून, 2001), दिल और घायल (22 जून, 1990), और ये सभी फ़िल्में बॉक्सऑफ़िस पर जबरदस्त हिट साबित हुईं । समान दिन पर रिलीज होने बावजूद ये सभी फ़िल्में बॉक्सऑफ़िस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुईं । इस हफ़्ते बॉक्सऑफ़िस पर दो-दो बड़ी फ़िल्में एक साथ रिलीज हो रहीं हैं वो हैं शिवाय और ऐ दिल है मुश्किल । क्या किसी तरह के 'दैवीय प्रभाव' के चलते, एक्शन से भरपूर शिवाय सॉफ़्ट और इमोशनल फ़िल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' के ऊपर हावी हो पाएगी या इसका कुछ उल्टा ही होगा, आइए समीक्षा करते हैं ।

शिवाय एक इमोशनल एक्शन थ्रिलर फ़िल्म है जो की एक पिता और उसकी बेटी के खूबसूरत रिश्ते को दर्शाती है और ये भी की एक पिता अपनी बेटी के लिए किस हद तक जा सकता है । निडर, साहसी शिवाय (अजय देवगन) द्दारा बर्फ से ढके पहाड़ों और खतरनाक इलाकों में भारतीय सेना की मदद के साथ फ़िल्म की शुरूआत होती है । फ़िल्म में शिवाय एक अभियान के तहत उत्साही पर्वतारोहियों के समूह को लीड करता है यानी शिवाय बर्फीले पहाड़ों पर पर्यटकों और सैनिकों की मदद करता है । इस अभियान पर वह ओल्गा पारमस्की (एरिका कार) से मिलता है । धीरे-धीरे, वे दोनों एक-दूसरे के प्यार में गिरफ़्त हो जाते हैं और दोनों के जिस्मानी रिश्ते बन जाते हैं जिससे उन्हें एक बेटी गौरा (अबिगेल एमेस) होती है । गौरा, जो की जन्म से ही गूंगी है, के जन्म के बाद ओल्गा दोनों, शिवाय और गौरा, को छोड़ कर चली जाती है क्योंकि ओल्गा को अपना जीवन अपने गृह देश बुल्गारिया में बिताना होता है । इसके बाद, शिवाय सिंगल पेरेंट बनकर अपनी बेटी गौरा को पालता है और उसे बताता है कि उसकी मां मर चुकी है । लेकिन एक दिन, जब गौरा को अपनी मां के बारें में सच का पता चलता है तो वह शिवाय से झूठ बोलने के कारण बहुत नाराज़ हो जाती है । उसे शांत करने के लिए वह गौरा को उसकी मां ओल्गा से मिलाने के लिए बुल्गारिया ले जाता है । और यहीं, गौरा कुछ अंजान मानव तस्कर के हाथों किडनैप हो जाती है । और इसके

बाद शिवाय अपनी बेटी गौरा को तलाशना शुरू करता है । इसमें अनुष्का (सायशा),वहाब (वीर दास) और शर्मा (सौरभ शुक्ला) उसकी मदद करते हैं । क्या शिवाय अनजान देश बुल्गारिया में अपनी बेटी और उसके साथ-साथ ओल्गा को ढूंढ पाने में सफ़ल होता है, ओल्गा और गौरा को ढूंढने में शिवाय को किन-किन दिक्कतों का सामना करना होता है, अनुष्का का शिवाय की जिंदगी में क्या भूमिका रहती है, यह सब बाकी की फ़िल्म देखने के बाद ही पता चलता है ।

जब शिवाय के प्रोमो रिलीज हुए थे, तो इसके निर्मल स्थानों और एक्शन से भरे स्टंट ने दर्शकों का मन मोह लिया था । उसी के साथ फ़िल्म के प्रोमो ने फ़िल्म के प्लॉट को इस तरह कसकर पकड़ा की फ़िल्म की कहानी/प्लॉट का जरा सा भी खुलासा नहीं हुआ । जहां एक तरफ़ फ़िल्म में अचंभित करने वाले दृश्य और दिमाग को हिला देने वाले एक्शन सीन है, फ़िल्म का स्क्रीनप्ले (संदीप श्रीवास्तव), कुछ एक गलतियों के बावजूद, पटकथा के जोर पर दर्शकों को बांध पाई है ।

यू मी और हम के साथ फ़िल्म निर्देशन में उतरे अजय देवगन ने शिवाय के लिए दूसरी बार निर्देशक की टोपी पहनी है । फ़िल्म की स्टोरी को सेट करने के कारण फ़िल्म का फ़र्स्ट हाफ़ थोड़ा धीमा है वही फ़िल्म का सेकेंड हाफ़ जानदार, बांधे रखने वाला, कसा हुआ है और शानदार एक्शन सीक्वेंस से भरा हुआ है । फ़िल्म का क्लामेक्स कुछ ज्यादा ही खींच दिया गया लगता है । अजय देवगन ने एक निर्देशक के रूप में शिवाय में पूरी जान लगा दी है, जो फ़िल्म के हर फ़्रेम और सीन में साफ़-साफ़ दिखाई देती है । अजय देवगन, शिवाय के निर्देशक के रूप में पूरी तरह से सफ़ल रहे हैं । उन्होंने सफ़लतापूर्वक और सही ढंग से 'शिवाय' के साथ न्याय किया है जो कि सिनेप्रेमियों को खूब भाएगा । हालांकि फ़िल्म की सेटिंग, पृष्ठभूमि, स्थान और कलाकार ज्यादातर विदेशी है वहीं शिवाय का सार पूरी तरह से भारतीय है जो कि दर्शकों को जोड़ने का सबसे बड़ा कारण बनेगा । अजय देवगन अपने एक्शन सीन, जो दर्शकों के लिए सही घटक के रूप में काम करता है, के द्दारा दर्शकों का मनोरंजन करने में पूरी तरह से सफ़ल हुए हैं । फ़िल्म में ऐसे कुछ सीन है जिसे किसी को भी किसी भी सूरत में नहीं छोड़ना चाहिए । उसमें शामिल है, अजय देवगन का परिचय का सीन, पर्वतारोहण अभियान के बीच हिमस्खलन की घटना, गौरा का किडनैपिंग वाला सीन और उनका पीछा करने जैसे सीन । अजय देवगन को फ़िल्म के बाकी के कलाकारों से सफ़लतापूर्वक बेहतरीन काम करवाने के लिए पूरे में से पूरे नंबर दिए जाते हैं ।

अभिनय की बात करें तो, ये फ़िल्म पूरी तरह से अजय देवगन, जिन्होंने शिवाय के टाइटल रोल में एक बेहतरीन परफ़ोरमेंस दी है, के मजबूत कंधों पर विराजमान हैं । चूंकि अजय देवगन की पिछली फ़िल्म दृश्यम एक साइकलाजिकल थ्रिलर फ़िल्म थी, जबकि शिवाय एक एक्शन फ़िल्म है । यह फ़िल्म

अजय देवगन के एक्शन हीरो के अवतार की कमवैक फ़िल्म रहेगी । रोल में अजय देवगन की श्रेष्ठता पूरी तरह से उनके योग्य है यानी फ़िल्म में अजय देवगन का रोल पूरी तरह से उनके योग्य है । फ़िल्म में अजय देवगन की बाल कलाकार अबिगेल एमेस के साथ रिलेशनशिप बहुत प्राकृतिक और नैसर्गिक लगती है । हालांकि अजय देवगन ही पूरी फ़िल्म को अपने दम पर खींचते हैं लेकिन इसमें उनका पूरा-पूरा साथ दिया अबिगेल एमेस ने, जिसने बहुत ही प्रभावपूर्ण ढंग से शिवाय के साथ अपना बॉलीवुड डेब्यू किया है । लॉलेस और हैरी और पॉल्स स्टोरी ऑफ़ द 2एस जैसे हॉलीवुड शो के बाद बाल कलाकार अबिगेल एमेस ने शिवाय के साथ बहुत ही प्यारा और विलक्षण डेब्यू किया है । हालांकि फ़िल्म में वह एक गूंगी लड़की (इसलिए, कोई संवाद),के रूप में हैं इसलिए वह अपनी भावनाएं अपनी आंखों से व्यक्त करती हैं जो कि बहुत ही प्रभावी और प्रभावशाली है । नवोदित अभिनेत्रियां, एरिका कार और सायशा सहगल दोनों ही अपने-अपने किरदारों के साथ पूरी तरह से न्याय करती हैं । वहीं दूसरी तरफ़, वीर दास और दिग्गज अभिनेता गिरिश कर्नाड उनके कैमियो में जंचते हैं । बाकी के कलाकार फ़िल्म को आगे बढ़ाने में उनकी मदद करते हैं ।

फिल्म के संवाद (संदीप श्रीवास्तव) बहुत ही औसत हैं और ऐसा कोई भी वन लाइनर नहीं है जिसे दर्शक याद रख सके । फ़िल्म के सेकेंड हाफ़ में कुछ कॉर्नी पल हैं जो कि अनजाने में हँसा सकते हैं । हालांकि शिवाय का म्यूजिक (टाइटल ट्रैक के होते हुए भी), कुछ खास कमाल नहीं दिखाता, इसके खासे अच्छे बैकग्राउंड म्यूजिक ने काफ़ी हद तक बात संभाल ली है ।

असीम बजाज द्दारा किया गया इस फ़िल्म का छायांकन साधारण और उत्कृष्ट है । शिवाय को ग्रांड और खूबसूरत दिखाने के लिए असीम बजाज को पूरे में से पूरे नंबर दिए जाते हैं , निश्चित रूप से यह एक बड़ी स्क्रीन वाला अनुभव देगी । फिल्म का संपादन (धर्मेंद्र शर्मा) अच्छा है । फ़िल्म के एक्शन निर्देशक और उनकी टीम को उनके अद्भुत काम के लिए पूरे नंबर दिए जाते हैं ।

कुल मिलाकर, शिवाय एक आदर्श भावनात्मक थ्रिलर फ़िल्म है जो अपने लुभावने दृश्यों, शानदार एक्शन और अजय देवगन की उच्च स्तर की बेहतरीन परफ़ोरमेंस के साथ दिल जीत लेती है । त्योहार होने के चलते लंबे वीकेंड के कारण बॉक्सऑफ़िस पर ये फ़िल्म बाजी मार ले जाएगी । इसे मिस मत कीजिए ।

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