अभिनेता मित्र सुदीप पाण्डेय आज भोजपुरी फिल्म जगत मे एक ऐसा नाम हैं जो अपने किसी खास परिचय का मोहताज नही हैं । जिंदगी की कसौटी के हर एक मोड पर खरा उतरने वाले सुदीप पाण्डेय ने 40 से अधिक भोजपुरी फिल्मों मे अभिनेता के रूप मे अपना किरदार निभाया है । एक के बाद एक हिट फिल्म देने के बाद प्रशंसकों के दिल में अपनी जगह बनाते चले गये"।

सुदीप पांडेय की भोजपुरी फ़िल्म विक्टर 18 अक्तूबर को रिलीज होगी

फिल्म जगत के परिवारिक ताल्लुकात से दूर होने के बाद भी फिल्म इंडस्ट्री में पाँव जमा कर स्टार की ख्याति हासिल करना इन की सबसे बड़ी उपलब्धि है । बहुत दिनों के बाद आज सुदीप पाण्डेय से बात -चीत में पता चला की इनकी पहली हिन्दी फिल्म विक्टर 18 अक्तूबर को रिलीज हो रही है । सुदीप पांडेय में 'कलाकार के साथ- साथ बड़प्पन एवं संस्कार की प्रतिभा भी कूट कूट कर भरी है।

बिहार के गया जिले के टेकारी प्रखंड मे जन्मे सुदीप पाण्डेय एक मिडिल क्लास फैमली मे पले बढ़े हैं । इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गया जिले से शुरू हुई थी। जिंदगी में कुछ अलग कर दिखाने का सपना बुनने वाले सुदीप पाण्डेय अपनी आगे की पढ़ाई के लिए मध्य प्रदेश के भोपाल मे मौलाना आजाद इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद सन्2000 मे अमेरिका में नौकरी की ।अपने सपने को साकार करने जीवन में होने वाली हर अग्नि परीक्षा को पास कर सन 2005 में भारत लौट कर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ।

पहली भोजपुरी फिल्म "भोजपुरिया भैया" मे बतौर निर्माता एवं अभिनेता के रूप में काम करके ऐसा धमाल मचाया कि तब से लेकर आज तक प्रखरता सुदीप पांडेय की कदम चूमती रही है । लक्ष्य की पहली सीढ़ी पार करने के बाद अब सुदीप आसमान की हर बुलंदी छूने का हुनर रखते हैं !! ये उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि अब सुदीप पांडेय बोलीवुड मे दस्तक देने जा रहे हैं ।

सुदीप पाण्डेय ने बताया कि "वी फार विक्टर” 18 अक्तूबर से रिलीज के लिये तैयार हो गयी है। इस फिल्म में दर्शकों को ऐसे खूबसूरत लोकशन और सीन्स देखने को मिलेंगे कि फिल्म खत्म होने तक वे पर्दे के मोहपाश में बंधे रहेंगे। और ऐसा हो भी क्यों न इस फिल्म को बनाने में फिल्म अभिनेता, निर्माता सुदीप ने अपने जीवन के सारे अनुभव को झोंक दिया है। वी फार विक्टर देशप्रेम पर आधारित एक फिल्म है जिसे दर्शक जरूर पसंद करेंगे ।

जो भी हो अमेरिका और मुंबई जैसे शहर मे रहने के बाद भी सुदीप पांडेय से बात चीत के दरम्यान इनके दिल मे आज भी बिहार की माटी, यहाँ की लोक संस्कृति, यहाँ की बोली, यहां की भाषा यहां के लोगों के प्रति प्रेम की झलक मिलती है ।''