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26 दिसंबर, 2019 को बिना किसी सूचना के, जब फिल्म शिमला मिर्ची का ट्रेलर रिलीज किया गया तो दर्शकों सहित फ़िल्म ट्रेडर्स भी हैरान रह गए । शोले जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्म बनाने वाले फ़िल्ममेकर रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी शिमला मिर्ची, जो इस हफ़्ते सिनेमाघरों में रिलीज हुई है, अपनी तय रिलीज डेट से पूरे पांच साल बाद रिलीज हो रही है । लम्बे समय से अटकी ये फ़िल्म क्या दर्शकों का मनोरंजन करने में कामयाब हो पाएगी या यह अपने प्रयास में नाकाम होती है, आइए समीक्षा करते है ।Shimla Mirchi Movie Review: कैसी है हेमा मालिनी, राजकुमार राव और रकुल की शिमला मिर्ची, यहां जाने

फ़िल्म की कहानी- [बिना खुलासा किए]…अवि (राजकुमार राव) अपने हॉलीडे के दौरान शिमला घूमने आता है और जैसे ही वह वहां रहने वाली नैना (रकुल प्रीत सिंह) को देखताहै उसे दिल दे बैठता है । वह नैना का प्यार हासिल करने के लिए वहीं एक जॉब भी करने लगता है । लेकिन बस उसकी एक ही कमजोरी है कि वह अपनी फ़ीलिंग को शेयर नहीं कर पाता है । इसलिए वह अपने दोस्त की सलाह मानकर नैना को एक लव लैटर लिखता है लेकिन ये लैटर उसकी मां रुक्मणी (हेमा मालिनी) के हाथ लग जाता है । रुक्मणी एक ऐसी महिला है जो अपने पति के चले जाने के बाद काफ़ी अकेली और गंभीर सी रहती है जैसे उसे खुद पर भरोसा ही न हो । लेकिन जब ये लैटर उसके हाथ लगता है तो वह इसे अपने लिए समझकर एक खुशफ़हमी पाल लेती है कि अवि उसे चाहता है । नैना, जो स्थिति से वाकिफ है वह अपनी माँ की खातिर इस खुशफ़हमी को आहे बढ़ाती है । इसके बाद आगे क्या होता है, यह आगे की फ़िल्म देखने के बाद ही पता चलता है ।

रमेश सिप्पी, कौसर मुनीर, ऋषि विरमानी और विपुल बिंजोला की स्क्रिप्ट कसी हुई है और सीधे मुद्दे पर आती है । संवाद अच्छे हैं और दर्शकों को बांधे रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं । लव लाइफ़ के बारें में लीड किरदारों द्दारा दी गई स्पीच दर्शकों के चेहरे पर हंसी लाने में कामयाब होगी । 20 साल बाद निर्देशन के क्षेत्र में लौटे रमेश सिप्पी का फ़ोकस मुख्य किरदारों पर रहा है । रमेश सिप्पी ने कहानी पर अच्छी पकड़ बनाई है और वह जरा भी अपने मुख्य विषय से ऑफ़ट्रेक नहीं होते है ।

अभिनय की बात करें तो, राजकुमार राव अपनी प्यारी सी अदायगी से मन मोह लेते है । रकुल प्रीत सिंह छोटे शहर की लड़की, जिसके पास हजार जिम्मेदारियां है, के किरदार में जंचती है । हेमा मालिनी अपनी मौजूदगी से फ़िल्म में जान डालती है । कप्तान अंकल के रूप में शक्ति कपूर बहुत अच्छा काम करते हैं । हालांकि उनके किरदार के बारें में ज्यादा कुछ नहीं बताया गया है लेकिन उनकी स्थितिगत कविता थिएटर छोड़ने के बाद भी याद रहेगी ।

मीट ब्रोज़ अंजान का संगीत छोटे शहर के रोमांस के लिए एकदम फ़िट बैठता है । कुमर द्वारा लिखे गए गीत फ़िल्म के मूड के साथ मेल खाते है ।

यह फ़िल्म काफी हद तक घर और कैफ़े की पृष्ठभूमि में सेट है । जीतन हरमीत सिंह की सिनेमेटोग्राफ़ी किरदारों के रोमांटिक मूड को अच्छे से कैप्चर करती है । विजय वेंकटरमन का संपादन क्लाइमेक्स को छोड़कर काफ़ी क्रिस्पी है ।

कुल मिलाकर, शिमला मिर्ची, बेहतरीन प्रदर्शन के साथ एक छोटे शहर के रोमांस की दास्तां है । बॉक्सऑफ़िस पर यह फ़िल्म, कम चर्चा और प्रचार की कमी के चलते संघर्ष करेगी ।