कोरोना लॉकडाउन से प्रभावित प्रवासी मजदूरों को ससुरक्षित उनके घर पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करने वाले सोनू सूद के नेक काम की हर जगह सराहना हो रही है लेकिन कुछ लोगों ने उन पर सियायत शुरु कर दी है । शिवसेना के अखबार सामना में सोनू सूद को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कठपुतली बताया गया तो इसके जवाब में बीजेपी ने कहा कि जो काम सोनू सूद ने किया, वह राज्य सरकार को करना चाहिए था । लेकिन सियासी हलचल से बेपरवाह सोनू सूद ने कहा है कि वह अपना मुहिम जारी रखेंगे और सभी लोगों को जरूरतमंद की मदद करने की जरूरत है । वहीं सोनू सूद ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य के साथ सीएम के घर- मातोश्री में 40 मिनट तक मीटिंग भी की । बैठक दौरान प्रवासियों की कठिनाइयों को लेकर चर्चा हुई ।

प्रवासी मजदूरों की कठिनाइयों को लेकर सोनू सूद ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे से मुलाकात की

सोनू सूद ने प्रवासी मजदूरों के लिए सीएम से मुलाकात की

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से मिलने के बाद अभिनेता सोनू सूद ने कहा, “जब तक आखिरी प्रवासी अपने घर नहीं पहुंच जाता, मैं अपना काम करता रहूंगा । कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर सियासी दल ने मेरा समर्थन किया है और मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं । कोरोना लॉकडाउन में फंसे और जरूरतमंद लोगों को हर देशवासी को मदद करना चाहिए ।”

सोनू सूद के साथ मीटिंग के बाद आदित्य ठाकरे ने भी ट्वीट किया, “आज (रविवार) शाम उद्धव जी और मंत्री असलम शेख के साथ सोनू मुझसे मिले । जरूरतमंद लोगों के लिए हमें साथ आने की आवश्यकता है । आम लोगों की मदद के लिए ऐसे अच्छे इंसान के साथ मिलना अच्छा लगा ।”

सोनू की सीएम उद्धव ठाकरे के साथ यह मीटिंग इसलिए भी बेहद अहम मानी जा रही है कि क्योंकि शिवसेना के ही संजय राउत ने उनकी तीखी आलोचना की थी । संजय राउत ने उन्हें तंज भरे लहजे में ‘महात्मा’ कहा था । लेकिन अब आदित्य ठाकरे की तारीफ से यह साफ हो गया है कि उद्धव सरकार सोनू के साथ खड़ी है ।

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