हाल ही में खबरें आ रही थी कि ॠतिक रोशन की सुपरहीरो ड्रामा फ़िल्म कृष 4 को उनके काबिल के डायरेक्टर संजय गुप्ता डायरेक्ट करेंगे न कि राकेश रोशन, जिसने कृष फ़्रैंचाइजी की पहले की किश्तों को डायरेक्ट किया रहो । लेकिन अब हम आपके लिए इन अफ़वाहों को क्लीयर कर देते हैं और बताते हैं कि आखिर ॠतिक रोशन की कृष 4 को असल में डायरेक्ट कौन कर रहा है ।

Exclusive: ॠतिक रोशन की सुपरहीरो ड्रामा कृष 4 को राकेश रोशन ही डायरेक्ट करेंगे कोई और नहीं !

ॠतिक रोशन की कृष 4 राकेश रोशन ही डायरेक्ट करेंगे संजय गु्प्ता नहीं

राकेश रोशन ने हमें हंसते हुए बताया, ''मुझे भी ऐसी अफ़वाहें पढ़ने को मिल रही है और मुझे नहीं पता कि ये कहां से फ़ैल रही है । निंसंदेह मैं ही डायरेक्ट करूंगा । संजय गुप्ता हर समय मेरे साथ हैं और वे मेरे साथ स्क्रिप्ट लिख रहे हैं । हम दोनों कई चीजों पर चर्चा करते हैं क्योंकि हमारे विचार बहुत समान हैं और हम इसमें एक साथ काम कर रहे हैं । यहां तक कि संजय बहुत ही उम्दा निर्देशक हैं, काबिल के साथ उन्होंने बहुत अच्छा काम किया और मुझे उन पर बहुत गर्व है । फिलहाल, वह अपनी मुंबई सागा की शूटिंग में व्यस्त हैं ।”

स्क्रिप्ट फ़ाइनल होने के बाद ही अनाउंस करेंगे फ़िल्म

जब मैंने उन्हें बताया कि हम कृष 4 के ऑफ़िशियल ऐलान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं इसलिए राकेश रोशन ने कहा, ''मैं तभी इसका ऐलान करूंगा जब एक बार स्क्रिप्ट फ़ाइनल हो जाए । जब मैं स्क्रिप्ट को लेकर 100 प्रतिशत निश्चित होंगा तभी एक निर्देशक के रूप में मैं इसका ऑफ़िशियल ऐलान करूंगा । जिस दिन मैंने इसे बनाने का फैसला किया, मुझे फिल्म शुरू करने में एक साल और लगेगा ।

इमोशनल सीन फ़िल्म की जान

विजन और वीएफएक्स के संदर्भ में एक बड़ी फिल्म होने के नाते, इसके प्री-प्रोडक्शन में बहुत समय लगेगा । मेरे लिए ये एकमात्र ऐसी फ़्रैंचाइजी है जो कहानी दर कहानी आगे बढ़ रही है । मैं इसे बनाने के लिए सिर्फ़ इसका नाम यूज नहीं कर रहा हूं । जहां हॉलीवुड भारी बजट का खर्च उठा सकते हैं वहीं हम इमोशन से जीत सकते है । तीन दिल को छू लेने वाले इमोशनल एक्शन सीन, 10 माइंडलैस सीक्वंस पर भारी पड़ सकते है ।''

यह भी पढ़ें : Krrish 4: 250 करोड़ रु के बड़े बजट में बनेगी ॠतिक रोशन की कृष 4, राकेश रोशन ने संजय गुप्ता को सौंपी कृष 4 की कमान ?

राकेश रोशन ने आगे कहा कि, वह अपनी सभी फिल्मों के निर्माण में पूरी तरह से शामिल रहते हैं । ''मेरी आंखों से बचके तो एक सुई भी नहीं गुजर सकती । मैं अपने काम को लेकर बहूत जुनूनी हूं । मैं देखना चाहता हूं कि जो पैसा मैं खर्च कर रहा हूं, वह मुझे स्क्रीन पर कैसा लग रहा है । मुझे पैसा बर्बाद करना अच्छा नहीं लगता है । फिल्म को इतना सुनियोजित होना चाहिए कि एक पैसा भी बर्बाद न हो ।

सुबह 7 बजे की शिफ्ट का मतलब है कि आपको 6.30 बजे लोकेशन पर जाना होगा ताकि शॉट लिया जा सके । मैं जब भी किसी एक्टर को अपनी फ़िल्म के लिए साइन करता हूं तो उसके सामने मेरी तही शर्त होती है । यदि यूनिट और सैकड़ों तकनीशियन आ सकते हैं, तो एक अभिनेता समय पर क्यों नहीं आ सकता है? जब मैं वहां समय पर पहुंच सकता हूं तो अभिनेता क्यों नहीं ?