EXCLUSIVE: सोनू सूद भी मानते हैं बॉलीवुड में ये कमी, कहा- ‘ये इंडस्ट्री मानती तो है कि वो एक साथ है लेकिन अंदर सब बंटा हुआ है’

Dec 31, 2020 - 18:12 hrs IST

सोनू सूद का निस्वार्थ भाव से जरूरतमंदों की मदद करने का सिलसिला लगातार जारी है । जहां एक तरफ़ सोनू सूद अपनी इस दरियादिली से लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ़ उन्हें अलग-अलग तरह की उपाधियों से सम्मानित भी किया जा रहा है ।  बॉलीवुड हंगामा ने भी सोनू सूद को पर्सन ऑफ़ द ईयर 2020 की उपाधि से नवाजा है । हाल ही में जब सोनू ने बॉलीवुड हंगामा के साथ एक्सक्लूसिवली बातचीत की उन्होंने सकंटकाल के दौरान लोगों की मदद करने जैसे कई मुद्दों पर खुलकर बात की । इसी के साथ उन्होंने बॉलीवुड के खिलाफ़ नफ़रत फ़ैलाने वाले मुद्दे पर भी अपनी राय रखी । सोनू ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि बॉलीवुड की आलोचना निश्चितरूप से उनका दिल दुखाती है लेकिन इसी के साथ इंडस्ट्री भी कहीं न कहीं एकजुट नहीं है ।

सोनू सूद की नजर में असफ़ल लोगों का हाथ थामना ही सच्ची जीत है

पिछले कुछ महीनों से बॉलीवुड को टार्गेट किया जा रहा था इतना ही नहीं बॉलीवुड को काम करने की सबसे खराब जगह के रूप में पेश किया जा रहा था, और जिस तरह से मीडिया ट्रायल चल रहा था बॉलीवुड के खिलाफ़ ये देखकर क्या आपको तकलीफ़ हुई ? इसके जवाब में सोनू ने कहा, “हां मुझे बहुत दुख हुआ था । लेकिन दुख की बात ये थी कि हमारे ही बॉलीवुड के कुछ लोग इंडस्ट्री के खिलाफ़ बोल रहे थे । ये वो जगह है जहां नाम कमाने के लिए हम लोग अपना घर-परिवार, मां-बाप छोड़कर दूर शहर से आते हैं और यहां स्ट्रगल करने के बाद ये जगह आपके वो सपने पूरे करती है जो आपने देखे होते हैं ।”

बॉलीवुड कई लोगों के लिए प्रेरणा है

उन्होंने आगे कहा, “बॉलीवुड कई लोगों के लिए प्रेरणा है । यहां के कलाकार कई लोगों को प्रेरित करते हैं । और आज जब कुछ लोग बॉलीवुड पर उंगली उठाते हैं तो आप सोचिए कि हर कलाकार और फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को कितना खराब लगा होगा । एक कलाकार, प्रोड्यूसर या निर्देशक सभी के लिए, ये भी हम सब के लिए सीख लेने के लिए बहुत बड़ी बात है । क्योंकि ये इंडस्ट्री मानती तो है कि हम सब साथ हैं, एक परिवार हैं लेकिन कहीं न कहीं उस साथ की, उस परिवार की कढ़ियां कहीं न कहीं मिसिंग है । क्योंकि वो कढ़ियां व्यक्तिगत रूप से अलग-अलग बिखरी हुई हैं ।”

“कितने लोग एक दूसरे के साथ जुड़कर आते हैं ? कितने लोग इस बात की सराहना करते हैं कि आप अच्छा काम कर रहे हैं और इसे करते रहिए या यदि बुरा काम कर रहे हैं तो ऐसा कितने लोग कहते हैं कि ये बुरा काम आप मत कीजिए ? हर कोई अपने-अपने दायरों में बंधा हुआ है । ये बोलते हैं कि हम बॉलीवुड का हिस्सा हैं लेकिन उस हिस्से के आसपास आप एक दीवार बनाकर बैठे हैं जहां पर आप अकेले अपने आप को महफ़ूज समझते हैं लेकिन जो बाहर वाला अंदर आना चाहता है उसके लिए वो कहीं न कहीं दीवार बहुत ऊंची होती है ।”

दीवार के दायरे और बढ़ा दीजिए ताकि उसमें और लोग आ सके

अंत में सोनू ने कहा, “मुझे लगता है कि ये जो पूरा एपिसोड है जिससे हर कोई गुजरा है ये एक बहुत बड़ा सबक है हर इंसान के लिए । क्योंकि यहां पर जब सफ़लता आपके कदम चूमती है तो लोग आपको सलाम करते हैं और जब आप असफ़ल होते हैं तो कोई आपका हाथ नहीं थामता । तो मेरी नजर में असफ़ल लोगों का हाथ थामना ही सच्ची जीत है । ये बात हमारे बॉलीवुड को, हर सक्सेसफ़ुल व्यक्ति को फ़िर चाहे वो एक्टिंग में हो या फ़िल्ममेकिंग में, उन्हें ये सीखना बहुत जरूरी है । ये लेसन उनकी किताबों में कहीं न कहीं मिसिंग है । और मैं कामना करता हूं कि ये लेसन उनकी किताबों में जुड़े और जो एक दीवार आप अपने आसपास बनाकर रखते हैं उस दीवार के दायरे और बढ़ा दीजिए ताकि उसमें और लोग आ सके ।”

Related Articles

Recent Articles