बॉम्बे हाई कोर्ट 19 फरवरी को एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने वाला है, जिसमें अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत और उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत की गहन जांच की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट एंड हाई कोर्ट लिटिगेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ द्वारा अपने अध्यक्ष राशिद खान पठान के माध्यम से दायर की गई जनहित याचिका में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से इन मामलों के संबंध में शिवसेना (UBT) विधायक आदित्य ठाकरे को गिरफ्तार करने और उनसे पूछताछ करने का आग्रह किया गया है । याचिका में अदालत से सीबीआई को एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है ।

Sushant Singh Rajput case: 19 फरवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर करेगी सुनवाई ; केस में आ सकता है नया मोड़

सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर होगी सुनवाई

जनहित याचिका ने काफी ध्यान आकर्षित किया है, आदित्य ठाकरे ने हस्तक्षेप आवेदन दायर करते हुए तर्क दिया है कि अदालत को कोई भी आदेश पारित करने से पहले उनकी बात सुननी चाहिए। ठाकरे ने तर्क दिया है कि जनहित याचिका स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि मामले की जांच पहले से ही राज्य के अधिकारियों द्वारा की जा रही है। 19 फरवरी को होने वाली सुनवाई में इन तर्कों पर विचार किए जाने और चल रही जांच में अगले कदम तय किए जाने की उम्मीद है।

बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत 14 जून, 2020 को अपने बांद्रा अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। मुंबई पुलिस ने शुरू में एक एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट (ADR) दर्ज की थी, लेकिन बाद में राजपूत के पिता द्वारा बिहार में शिकायत दर्ज कराने के बाद मामला CBI को सौंप दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अभिनेता की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार ने उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया था। तब से CBI मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक कोई निर्णायक निष्कर्ष नहीं निकला है।

CBI जांच के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ED) रिया और उनके परिवार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है, जबकि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ड्रग के इस्तेमाल के दावों की जांच कर रहा है।

वहीं सुशांत राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की 8 जून, 2020 को मलाड में एक आवासीय इमारत की 14वीं मंजिल से गिरने से मौत हो गई थी। उनका मामला भी ADR के रूप में दर्ज किया गया था और मालवानी पुलिस द्वारा जांच के अधीन है।

19 फरवरी को होने वाली आगामी सुनवाई में जनहित याचिका की स्थिरता और दोनों मौतों की आगे की जांच की मांग पर विचार किया जाएगा । अदालत आदित्य ठाकरे के हस्तक्षेप आवेदन पर भी विचार करेगी, जिसमें किसी भी आदेश को पारित करने से पहले अपना पक्ष रखने की मांग की गई है। सुनवाई संभावित रूप से एक ऐसे मामले में नए घटनाक्रम ला सकती है जो जनता की नज़र में बना हुआ है।