फ़िल्म :- इश्क विश्क रिबाउंड
कलाकार:- रोहित सराफ, पश्मीना रोशन, जिब्रान खान, नैला ग्रेवाल
निर्देशक :- निपुण अविनाश धर्माधिकारी
संक्षिप्त में इश्क विश्क रिबाउंड की कहानी :-
इश्क विश्क रिबाउंड प्यार, दोस्ती और वापसी की कहानी है । राघव पंडित (रोहित सराफ), सान्या (पश्मीना रोशन) और साहिर (जिबरान खान) देहरादून के बचपन के दोस्त हैं । सान्या और साहिर बड़े होने के बाद डेटिंग शुरू करते हैं । राघव उनकी ज़िंदगी में बहुत ज़्यादा शामिल है और हमेशा उनके लिए मौजूद रहता है । कॉलेज में उसकी मुलाक़ात रिया (नैला ग्रेवाल) से होती है और वह उससे प्यार करने लगता है । वह भी उसके लिए इमोशन फ़ील करती है और दोनों एक रिश्ते में बंध जाते हैं। रिया को इस बात पर संदेह है कि राघव सान्या और साहिर के लिए चौबीसों घंटे कैसे उपलब्ध रहता है । साहिर काम के लिए बाहर जा रहा है और सान्या इस बात से नाराज़ हो जाती है। वे एक ऐसे मोड़ पर पहुँच जाते हैं जहाँ वे अलग होने का फैसला करते हैं। हमेशा की तरह, राघव को एक एसओएस कॉल आती है, वह भी तब जब वह रिया के साथ इंटीमेट होने वाला होता है । रिया इस बात से नाराज़ होती है कि राघव उनका फ़ोन तब भी उठाता है जब वे प्यार करने के लिए तैयार होते हैं। वह उससे अलग हो जाती है। साहिर चला जाता है और रिया भी आगे बढ़ जाती है। इस बीच, राघव और सान्या एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं। वे अपने रिश्ते को एक मौका देने के बारे में सोच रहे हैं। इस बीच, साहिर, जो उनके बीच क्या चल रहा है, इस बारे में अनजान है, वह सान्या के साथ सुलह करने की योजना बना रहा है। आगे क्या होता है, इसके लिए पूरी फ़िल्म देखनी होगी ।
इश्क विश्क रिबाउंड मूवी रिव्यू :-
डॉ. विनय छावल, वैशाली कमलाकर नाइक और केतन पेडगांवकर की कहानी आशाजनक है। डॉ. विनय छावल, वैशाली कमलाकर नाइक और केतन पेडगांवकर की पटकथा (आकर्ष खुराना और निपुण अविनाश धर्माधिकारी द्वारा अतिरिक्त पटकथा) में कुछ पल हैं। लेकिन यह कई जगहों पर गड़बड़ भी है, खासकर सेकेंड हाफ़ में। आकर्ष खुराना के डायलॉग संवादात्मक हैं ।
निपुण अविनाश धर्माधिकारी का निर्देशन ठीक है। उन्होंने फिल्म को हल्का-फुल्का पेश किया है जो काबिलेतारीफ़ है। इस क्षेत्र में हमें काफी समय से कोई फिल्म नहीं दिखी है और यह भी इस प्रोडक्ट के पक्ष में जाता है। उन्होंने कहानी में सहजता से गाने डाले हैं और कुछ दृश्यों में बेहतरीन काम किया है जैसे कि राघव द्वारा कुत्ते को चुराना, राघव का ब्रेकअप, राघव का जवाब खोजने के लिए इंटरनेट पर जाना आदि। इंटरवल से पहले के सीक्वंस अप्रत्याशित हैं।
लेकिन एक बार जब संघर्ष शुरू हो जाता है, तो फिल्म ऑफ़ ट्रेक हो जाती है। कहानी के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह सुपरसोनिक गति से आगे बढ़ती है। ऐसा भी लगता है कि निर्माताओं ने अवधि को नियंत्रित रखने के लिए कुछ दृश्यों को काट दिया। ऐसा करते हुए, फिल्म को नुकसान होता है। उदाहरण के लिए, दर्शक सान्या और उसके पिता के बीच के टूटे हुए बंधन को कभी पूरी तरह से नहीं समझ पाते हैं। साहिर का अपने पिता (शताफ फिगर) के साथ विवाद भी एक झटके के रूप में आता है, खासकर प्री-क्लाइमेक्स में। रिया का किरदार बेकार है। अंत में, क्लाइमेक्स किसी को भी प्रभावित नहीं करता है।
इश्क विश्क रिबाउंड मूवी परफॉर्मेंस
रोहित सराफ फिल्म की जान हैं। उनका क्यूट लुक और पपी आंखें उनके किरदार के साथ खूब जंचती हैं । अभिनय के लिहाज से, वे अव्वल दर्जे के हैं । पश्मीना रोशन शानदार लग रही हैं और उनमें संभावनाएं हैं । हालांकि, वह बहुत रॉ हैं और उन्हें अपने अभिनय कौशल को निखारने की जरूरत है, खासकर इमोशनल दृश्यों में। जिबरान खान ने आत्मविश्वास से भरपूर अभिनय किया है और शानदार प्रदर्शन किया है। नैला ग्रेवाल ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, लेकिन वह मुश्किल से ही वहां पहुंच पाई हैं। शताफ फिगर ने अच्छा साथ दिया है। कुशा कपिला मनोरंजक हैं। सुप्रिया पिलगांवकर (सान्या की मां) प्यारी हैं। आकाश खुराना (राघव के पिता) और शिल्पा विशाल शेट्टी (राघव की मां) ठीक-ठाक हैं। शीबा चड्ढा कैमियो में अच्छी लगी हैं।
इश्क विश्क रीबाउंड संगीत और अन्य तकनीकी पहलू :
रोचक कोहली का संगीत ठीक-ठाक है। 'इश्क विश्क प्यार व्यार', 'चोट दिल पे लगी' और 'गोरे गोरे मुखड़े पे' के रीक्रिएटेड वर्जन कारगर हैं। 'सोनी सोनी' कानों को सुकून देने वाला है और इसे अच्छे से फिल्माया गया है। 'जावी ना' अपनी छाप छोड़ने में विफल रही। केतन सोधा का बैकग्राउंड स्कोर ठीक-ठाक है। मिलिंद जोग की सिनेमैटोग्राफी ठीक-ठाक है, लेकिन लो-एंगल शॉट्स में यह अजीब लगती है। निखिल कोवाले का प्रोडक्शन डिजाइन आकर्षक है। अभिलाषा देवनानी और मनीषा मेलवानी की वेशभूषा ग्लैमरस है, लेकिन पश्मीना के मामले में बेवजह कमज़ोर है। अमृतपाल सिंह का एक्शन न्यूनतम है। चंदन अरोड़ा की एडिटिंग थोड़ी कटी-फ़टी है।
क्यों देखें इश्क विश्क रिबाउंड :-
कुल मिलाकर, इश्क विश्क रिबाउंड में यूथ को आकर्षित करने की अपील है । लेकिन यह फ़िल्म कमजोर सेकेंड हाफ़ के कारण प्रभावित हो जाती है। बॉक्स ऑफिस पर, यह फ़िल्म संघर्ष करेगी ।