34 वर्षीय बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का निधन हुए अब पूरे तीन महीने बीत चुके हैं लेकिन उनके निधन को लेकर चर्चा अभी तक जारी है । न्यूज चैनल पर प्राइम टाइम में सुशांत सिंह राजपूत के निधन को अलग-अलग एंगल से पेश किया जा रहा है वहीं सोशल मीडिया पर भी ये मुद्दा अलग-अलग रूपों में ट्रेंड कर रहा है । सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालाय और अब एनसीबी सुशांत केस को सुलझाने में एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है । इस दौरान सुशांत केस में हर दिन एक नया खुलासा देखने को मिल रहा है । हाल ही में इस मुद्दे पर बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी, जिसने सुशांत सिंह राजपूत के साथ सोनचिड़िया फ़िल्म में काम किया था, ने बॉलीवुड हंगामा के साथ खास बातचीत की ।

EXCLUSIVE: सुशांत सिंह राजपूत केस में हर दिन हो रहे नए खुलासे पर बोले मनोज बाजपेयी- “अब सुशांत को लोगों ने पीछे छोड़ दिया है और टीआरपी पर ज्यादा फ़ोकस हो गया है”

सुशांत सिंह राजपूत के निधन से बेहद दुखी हैं मनोज बाजपेयी

सुशांत के निधन पर हम शोक मना रहे हैं और क्या हमने अपनी उनके निधन पर कोई संवेदनाएं प्रकट की है । इस पर मनोज ने कहा कि, “अब हर घंटे बहस का विषय बदल रहा है । यह दुखद है । जो दो-ढाई महीने से मैं देख रहा हूं ये सब दुख देने वाला है । अब हालत ये हो गई है कि मैं यदि अभी कुछ भी बोलूंगा तो उसका मतलब कुछ और लगाया जाएगा । और हर कोई उस बयान को अपने-अपने तरीके से देखना शुरू कर देगा । तो इन सब में सुशांत कहां है ? मुझे आज भी ये विश्वास नहीं होता है कि वह अब इस दुनिया में नहीं है ।

जो श्रद्धांजलि हमने उसे दी, मैंने, शेखर कपूर जी ने और भी कई सारे लोगों ने, जिस शोक में उनका परि्वार रहा और उनके चाहने वालों में उनके लिए दुख रहा, उन्हें अभी भी ये विश्वास नहीं है कि सुशांत अब इस दुनिया में नहीं है । लेकिन जो दो-ढाई महीने से हो रहा है वह बहुत ज्यादा दुखद है । मेरे घर में तो टीवी है नहीं इसलिए मुझे जो भी सुनने को मिलता है वह सोशल मीडिया के माध्यम से कभी-कभी दिख जाता है । लेकिन जो भी हो रहा है वह परेशान कर देने वाला है । मुझे लगता है कि अब सुशांत को लोगों ने पीछे छोड़ दिया है ।”

अब टीआरपी पर ज्यादा फ़ोकस है

सुशांत की लेगेसी पर, सिनेमा, साइंस और एजुकेशन को लेकर उनके दृष्टिकोण पर कोई बात नहीं करता । खासकर सुशांत कोडिंग को लेकर बात करते थे । तो ये विषय होने चाहिए जिन पर सुशांत को याद किया जाए उनकी सोच- दृष्टिकोण को सेलिब्रेट किया जाए । इस पर जब मनोज से जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि, “अब टीआरपी पर ज्यादा फ़ोकस है । कौन बात करना चाहेगा कि वो कोडिंग को लेकर एप बनाने की कोशिश कर रहा था । मैं टेलीविजन नहीं देखता जो थोड़ा बहुत देखने को मिलता है वह ट्विटर और इंस्टाग्राम पर देखने को मिल जाता है । लेकिन इसमें जितनी भी विजुअल मिलती है वह परेशान कर देने वाली है ।

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मनोज ने अंत में कहा कि, “असल में ये आम लोगों पर जिम्मेदारी है कि क्या वे समाचार के नाम पर मनगढ़ंत कहानियां देखना और सुनना पसंद करेंगे या समाचार सुनना चाह रहे हैं । ये अब लोगों को डिसाइड करना है । फ़िल्म इंडस्ट्री से लोग नहीं बोल रहे हैं ये मैं नहीं मानता । क्या अनुभव सिन्हा, अनुराग कश्यप या स्वरा भास्कर फ़िल्म इंडस्ट्री के नहीं है ।