शूजित सरकार ने हाल ही में अपनी आने वाली फिल्म आई वांट टू टॉक का ट्रेलर रिलीज किया और उन्हें दिवंगत इरफान खान के साथ अपने गहरे रिश्तों के बारे में बात की, जो उनके बीच ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन मौजूद थी। उन्होंने सिर्फ प्रोफेशनली काम नहीं किया, बल्कि एक दोस्ती भी बनाई जो उनके करियर की सीमाओं के कहीं आगे थी। सरकार ने हाल ही में अपने और इरफान के बीच के रिश्तों के बारे में बात की, खास कर उनके कैंसर से लड़ाई के दौरान की और साथ ही उन्होंने अपने प्यारे दोस्त को एक हार्दिक श्रद्धांजलि भी दी।
शूजित सरकार ने इरफान खान को श्रद्धांजलि दी
हाल ही में एक पॉडकास्ट में, सरकार ने खुलकर बताया कि एक्टर की बीमारी के दौरान उनका रिश्ता और भी मजबूत हो गया। सरकार ने कहा, “जब इरफ़ान को डायग्नोज्ड किया गया, तब मैं उनसे बहुत ही पर्सनल लेवल पर जुड़ पाया था । अपने पिता को भी इसी तरह की तकलीफ से गुजरते हुए देखकर, मैं उनके दर्द और अंदर के संघर्ष को समझ पाया। उनके इलाज के दौरान, इरफ़ान और मैं बहुत करीब आ गए; हम फ़ोन पर घंटों बातें करते थे। कभी-कभी, मुझे समझ में ही नहीं आता था कि क्या बोलूँ क्योंकि वह गहरी बातों में डूब जाते थे - आध्यात्मिकता, जीवन, जादू, सिनेमा... सभी तरह की चीजों में।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि इरफ़ान कई ऑप्शन्स के बीच उलझे हुए थे - चाहे कीमो के लिए जाना हो या दूसरे तरह के इलाज के बारे में सोचना हो। मैं कभी-कभी सोचता हूँ कि अगर मैंने उन्हें कुछ और करने की सलाह दी होती, तो शायद वह थोड़ा और जी पाते। जब उन्होंने अपना इलाज शुरू किया तो वह पहले से ही फाइनल स्टेज पर थे। वह कड़ी मेहनत कर रहे थे, लेकिन मुझे लगता है कि उनके अंदर हमेशा एक ऐसा हिस्सा था जो दूसरे तरीके तलाशना चाहता था।”
अपने करीबी पलों को याद करते हुए, सरकार ने प्यार से याद किया कि कैसे वो दोनों शांति से साथ में ध्यान लगाते थे। उन्होंने कहा, “ऐसे भी दिन थे जब मैं उनके घर जाता था और हम साथ में ब्रीथिंग एक्सरसाइज करते थे। मैं उनसे कहता था, "इरफ़ान, चलो आज ध्यान करते हैं," और वह हमेशा मुस्कुराते हुए सहमत होते थे। वह एक सच्चे इंसान थे, एक सच्चे दोस्त, ऐसे इंसान जो आपको इस इंडस्ट्री में अक्सर नहीं मिलते।”
फिल्म मेकर ने बताया कि वह एक्टर को न सिर्फ एक दोस्त के रूप में बल्कि एक सहयोगी के रूप में भी कितनी गहराई से याद करते हैं। उन्होंने कहा, “उनके जैसा इंसान, इतनी इंसानियत वाला, मुश्किल था। इसलिए वे इरफ़ान थे। आज भी, जब मैं उनके बारे में सोचता हूँ, तो मुझे उनकी आँखों में चमक और उनकी कभी ना भूलने वाली मुस्कान याद आती है। कभी-कभी, वे मुझे सिर्फ़ बात करने के लिए सुबह 4 बजे फ़ोन करते थे - 'दादा, चलो बात करते हैं,' वे कहते थे, और हम फ़िल्मों, बेतरतीब चीज़ों, हर चीज़ के बारे में बात करते थे। अब मैं अपनी हर फ़िल्म में उन्हें याद करता हूँ।”
सरकार के शब्दों से ये दिखाई देता है कि उनका और इरफान खान का रिश्ता कितना गहरा था, जो सिर्फ स्क्रीन तक ही सीमित नहीं था। शूजित द्वारा अपने दोस्त के जाने का गम बयान नहीं किया जा सकता, लेकिन उनकी दोस्ती का असर उनकी निजी जिंदगी और काम पर अभी भी दिखता है।