एक आम आदमी की एक गॉडमैन संग क़ानूनी लड़ाई को दर्शाती मनोज बाजपेयी की फ़िल्म सिर्फ एक बंदा काफी है के ट्रेलर ने लोगों को काफ़ी इंप्रेस किया है । सच्ची घटनाओं से प्रेरितडायरेक्ट-टू-डिजिटल ओरिजिनल फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है अपूर्व सिंह कार्की द्वारा निर्देशित एक कोर्टरूम ड्रामा है । यह एक आम व्यक्ति की कहानी है - एक हाई कोर्ट का वकील जिसने अकेले ही POCSO एक्ट के तहत एक नाबालिग के बलात्कार के लिए एक असाधारण मामला लड़ा था । इस फ़िल्म में मनोज बाजपेयी वकील पीसी सोलंकी की भूमिका में नज़र आ रहे हैं जिसने जान से मारने की धमकियाँ मिलने के बावजूद अकेले दम पर एक लड़की के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी । बॉलीवुड हंगामा के साथ हुई एक्सक्लूसिव बातचीत में मनोज बाजपेयी ने बताया की, उन्हें न्याय के लिए लड़ती उस पीड़ित लड़की की हिम्मत देखकर अपने किरदार को करने की प्रेरणा मिली ।

EXCLUSIVE: गॉडमैन संग क़ानूनी लड़ाई को दर्शाती फ़िल्म सिर्फ एक बंदा काफी है को करने के लिए मनोज बाजपेयी को पीड़ित लड़की की हिम्मत ने किया इंस्पायर ; कहा- “पी.सी. सोलंकी उस लड़की की हिम्मत के बिना इस केस को एक दिन भी नहीं लड़ पाते”

मनोज बाजपेयी की बंदा

मनोज बाजपेयी ने कहा, “मेरे लिए, यह उस [धर्म] के बारे में नहीं है । मेरे लिए निजी तौर पर यह फिल्म उस छोटी बच्ची की ताकत के बारे में है । पी.सी. सोलंकी उस लड़की की ताकत या हिम्मत के बिना इस केस को एक दिन भी नहीं लड़ पाते । वह लड़की एक पल, एक दिन, एक मिनट , पाँच साल तक बिना डरे हिम्मत से अपनी लड़ाई लड़ती रही । मैं अपना सारा इनपुट उसकी ताकत से ले रहा था । मैं ऐसा व्यवहार कर रहा था तो केवल उस लड़की की वजह से और वह लड़की चट्टान की तरह खड़ी है । मेरा किरदार उससे पूछता हैआपसे कुछ प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगेऔर वहदैट्स ओकेकहती है । तो उस छोटी बच्ची से उस तरह का साहस और परिपक्वता पाना, मेरे लिए तुरंत उसकी कहानी बन गई, न कि सोलंकी की कहानी । उस लड़की की वजह से सोलंकी सोलंकी बन गए ।

फिल्म में, पीसी सोलंकी (मनोज बाजपेयी द्वारा अभिनीत किरदार) अपने जीवन का सबसे बड़ा मुकदमा लड़ रहे हैं, वह भी एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के मामले में एक शक्तिशाली गॉड मैन के खिला फ। उनके, उनके परिवार और प्रमुख गवाहों के खिलाफ जान से मारने की धमकियों के बावजूद, पीसी सोलंकी सच्चाई की लड़ाई में डटे हुए हैं । एक साधारण व्यक्ति की इच्छा शक्ति और एक तांत्रिक की शक्ति के बीच लड़ाई 5 वर्षों तक जारी रही, जहां पीसी सोलंकी ने देश के कुछ सबसे प्रतिष्ठित वकीलों के खिलाफ यह साबित करने के लिए लड़ाई लड़ी कि कोई भी धर्मगुरु कानून से ऊपर नहीं है, और सत्य की हमेशा जीत होगी ।

ज़ी स्टूडियोज और भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड प्रेजेंट्स अपूर्व सिंह कार्की द्वारा निर्देशित सुपर्ण एस वर्मा की कोर्ट रूम ड्रामा बंदाविनोद भानुशालीकमलेश भानुशालीआसिफ शेख और विशाल गुरनानी द्वारा निर्मित और जूही पारेख मेहता द्वारा सह-निर्मित हैं । सिर्फ एक बंदा काफी है 23 मई 2023 को विशेष रूप से ZEE5 पर प्रीमियर के लिए तैयार है ।