मॉडल से एक्ट्रेस और अब पर्यावरण कार्यकर्ता बनीं दीया मिर्जा ने अपने प्रोफ़ेशनल करियर में कई बेहतरीन किरदार निभाए हैं लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री में रिजेक्शन को झेला है । दीया मिर्जा ने हाल ही में बॉलीवुड हंगामा के साथ हुई बातचीत में अपने उस फ़ेज के बारें में खुलकर बात की जब उनके पास कोई काम नहीं था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने इस फ़ेज से सीखा और अपने आप को इंप्रूव किया । इसी के साथ दीया ने यह भी क्लीयर किया कि वह किसी कैंप या ग्रुप का हिस्सा नहीं है ।
दीया मिर्जा नहीं है किसी कैंप का हिस्सा
दिया ने कहा, “फ़िल्म इंडस्ट्री में उम्र वादिता यानि एजिज्म है खासकर महिलाओं के लिए । महिलाओं को ये फ़ील कराया जाता है कि उनका कुछ करने का बेस्ट टाइम उनकी 20 साल की उम्र में होता है । और जब वो 35 की उम्र पार कर जाती हैं तो काम मिलना मुश्किल हो जाता है । ये कहीं न कहीं सही भी है कई लोगों के लिए । क्योंकि ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो इस चुनौती को स्वीकार कर बढ़ी उम्र में भी कुछ करने का जज्बा रखते हैं । मैं बहुत से ऐसे लोगों को जानती हूं जो इस मामले में हथियार डाल देते हैं । लेकिन मेरे केस में मैंने हमेशा से ही इस तथ्य को नकारा है कि कुछ करने के लिए कोई उम्र होती है ।”
दिया ने आगे कहा कि, “मैं किसी कैंप या ग्रुप का हिस्सा नहीं हूं लेकिन मैं हमेशा से ही अपने हार्ड वर्क, डिसिप्लेन और अपने क्राफ़्ट, जो मुझे काम दिलाता है, पर विश्वास करती हूं । मेरी जिंदगी में ऐसा फ़ेज आया है जब मेरे पास कोई काम नहीं था । मैं ढाई साल तक बिना काम के बैठी थी । मैंने वो दौर भी देखा है जब मुझे सिर्फ़ और सिर्फ़ फ़िल्मों में कैमियो मिलते थे और एक के बाद एक कैमियो मिले । मुझे लगता है कि मैंने अपने रिजेक्शन वाले फ़ेज से जो सीखा है वो है यदि आप एक आर्टिस्ट हैं और लगातार अपने ऊपर काम नहीं कर रहे हैं, खुद की आवाज नहीं पहचान रहे हैं तो काम कभी आपके पास नहीं आएगा ।”