फ़िल्म :- वॉर 2
कलाकार :- ऋतिक रोशन, जूनियर एनटीआर, कियारा आडवाणी
निर्देशक :- अयान मुखर्जी
रेटिंग :- 2/5

संक्षिप्त में वॉर 2 का प्लॉट :-
वॉर 2 की कहानी दो योद्धाओं की लड़ाई पर आधारित है। कबीर (ऋतिक रोशन) अब एक भाड़े का सिपाही बन चुका है, जो पैसों के लिए लोगों की हत्या करता है। उसे मजबूरन 'काली' नामक एक वैश्विक गुप्त संगठन का हिस्सा बनना पड़ता है और उसे कर्नल लूथरा (आशुतोष राणा) की हत्या करने का आदेश मिलता है। लूथरा की बेटी काव्या (कियारा आडवाणी) इस घटना से टूट जाती है और बदला लेने की कसम खाती है। लूथरा की जगह विक्रांत कौल (अनिल कपूर) संभालते हैं और वे विक्रम (जूनियर एनटीआर) को मिशन में शामिल होने के लिए कहते हैं। विक्रम, रॉ का सबसे निर्दयी जासूस है और कबीर को खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। आगे की कहानी इसी टकराव पर आधारित है।
वॉर 2 मूवी स्टोरी रिव्यू :
आदित्य चोपड़ा की कहानी कागज़ पर जरूर प्रोमिसिंग लगी होगी, लेकिन श्रीधर राघवन की पटकथा घिसी-पिटी और बेरंग है। अब्बास टायरवाला के डायलॉग ठीक-ठाक हैं।
अयान मुखर्जी का निर्देशन उम्मीद के मुताबिक नहीं है। हालांकि, उन्हें क्रेडिट देना होगा कि उन्होंने फिल्म के पैमाने और भव्यता को अच्छे से संभाला है। फर्स्ट हाफ उनकी पकड़ में है। स्पेन के सलामांका में पीछा करने वाला सीक्वेंस रोमांचक है और इंटरवल प्वाइंट पर आने वाला ट्विस्ट चौंकाने वाला है।
लेकिन जैसे ही सेकेंड हाफ शुरू होता है, फिल्म पटरी से उतर जाती है। बचपन का ट्रैक दिलचस्प होते हुए भी खिंचता चला जाता है। असल में यही फिल्म की बड़ी समस्या है — हर सीन जरूरत से ज्यादा लंबा खिंचता है। ‘काली’ का पूरा कॉन्सेप्ट आम दर्शकों के सिर के ऊपर से निकल जाएगा। कई जगह चीज़ें बेतुकी लगती हैं, खासकर यॉट वाला सीक्वेंस। आखिर में, रोमांटिक ट्रैक भी उम्मीद के मुताबिक असर नहीं छोड़ पाता।
परफॉरमेंस :-
ऋतिक रोशन लगातार कमजोर स्क्रिप्ट से ऊपर उठकर दमदार परफॉर्मेंस देते हैं। जूनियर एनटीआर का स्क्रीन टाइम कम है, लेकिन वे अपनी अदाकारी और स्टार पावर से इसकी भरपाई कर देते हैं। कियारा आडवाणी बेहद खूबसूरत लगती हैं और ईमानदारी से अभिनय करती हैं। एक्शन सीन्स में वह खास तौर पर छा जाती हैं। अनिल कपूर ठीक-ठाक हैं, लेकिन कमजोर लेखन उनकी परफॉर्मेंस को सीमित कर देता है। आशुतोष राणा, के. सी. शंकर (गौतम गुलाटी) और वरुण बडोला (विलास सारंग) अच्छा सहयोग देते हैं। बॉबी देओल कैमियो में ठीक हैं।
वॉर 2 फ़िल्म का संगीत और अन्य तकनीकी पहलू:
प्रीतम चक्रवर्ती का संगीत बस ठीक-ठाक है। ‘जनाब-ए-आली’ मुख्य रूप से इसकी बेहतरीन पिक्चराइजेशन की वजह से असरदार लगता है, जबकि ‘आवन-जावन’ खास आकर्षित नहीं करता । संचित बल्हारा और अंकित बल्हारा का बैकग्राउंड स्कोर रोमांचक है।
बेंजामिन जैस्पर की सिनेमैटोग्राफी लाजवाब है। स्पाइरो रजाटोस, फ्रांज़ स्पिलहाउस, अनल अरसु, ओह सी यंग, क्रेग मैक्रे और सुनील रॉड्रिग्स का एक्शन मनोरंजक है। रजत पोद्दार और अमृता महल नाकई का प्रोडक्शन डिज़ाइन टॉप क्लास है, जबकि अनैता श्रॉफ अदजानिया और निहारिका जॉली की कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग ग्लैमरस है। yFX का वीएफएक्स ठीक है, लेकिन कई सीन में यह पूरी तरह वास्तविक एहसास नहीं देता। आरिफ शेख की एडिटिंग ढीली है और फिल्म को 15-20 मिनट छोटा किया जाना चाहिए था।
क्यों देंखे वॉर 2 ?
कुल मिलाकर, वॉर 2 वाईआरएफ स्पाई यूनिवर्स की सबसे कमजोर फिल्म साबित होती है। बॉक्स ऑफिस पर यह शुरुआत में लंबे वीकेंड का फायदा उठा सकती है, लेकिन इसके बाद रफ्तार बनाए रखना इसके लिए मुश्किल काम होगा ।
















