मार्वल सीरिज की ब्लॉकबस्टर फ़िल्म अवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर के बाद फ़ैंस बेसब्री से इस सीरिज की अगली फ़िल्म, ऐंट-मैन एंड द वेस्प की प्रतिक्षा कर रहे थे । इस सीरिज की पहली फ़िल्म ने कई सवाल को अधूरा छोड़ दिया था और हम उम्मीद करते हैं कि ये फ़िल्म अब उन सब सवालों का जवाब देगी । दर्शकों की उम्मीदों को पूरा करने आई ऐंट-मैन एंड द वेस्प क्या दर्शकों के उत्साह को बरकरार रख पाती है और अपना प्रभाव छोड़ने में कामयाब होती है या यह बड़े पैमाने पर दर्शकों को निराश करती है, आइए समीक्षा करते है ।

फ़िल्म समीक्षा : ऐंट-मैन एंड द वेस्प

ऐंट-मैन एंड द वेस्प की शुरूआत होती है, स्कॉट लैंग [पॉल रड] उर्फ़ ऐंट-मैन कैप्टन अमेरिका : सिविल वॉर होने के बाद से उसके घर में पिछले दो सालों से नजरबंद होने से । स्टार्क के खिलाफ़ लड़ाई में स्कॉट लैंग की कैप्टन अमेरिका की मदद करने के बाद, स्कॉट को उसके घर में नजरबंद कर दिया जाता है और पुलिस उस पर अपनी पैनी निगाह रखती है और इसी के साथ उसे चेतावनी भी देती है कि, यदि उसने घर से बाहर निकलने की कोशिश की, नियमों को तोड़ा और क्वांटम टेक में जरा भी मदद की तो, उसे फ़िर से 20 साल के लिए जेल में डाल दिया जाएगा । लेकिन एक दिन अचानक उसे एक छोटा सा सपना आता है जिसमें वह हैंक पिम की पत्नी जेनेट वैन डायन और उसकी बेटी होप को देखता है । ये सपना लैंग को परेशान कर देता है और वह तुरंत हैंक पिम, जो वाकई माइक्रोस्कोपिक क्वांटम दायरे में फंसी अपनी पत्नी जेनेट को होप की मदद से खोजना चाहता है, को फ़ोन लगाता है । और लैंग के सपने को सुन हैंक और होप की उम्मीद और बढ़ जाती है कि वह जेनेट को ढूंढ ही लेंगे । पिम और होप एक स्थिर सुरंग बनाने पर काम करने लगते हैं, ताकि वे क्वांटम दायरे में एक वाहन ले जा सकें और क्वांटम दायरे में 30 वर्षों से फंसी जेनेट को पुनः वापस ला सकें । लेकिन तभी फ़िल्म में ईवा/भूत की एंट्री होती है जो दरअसल, पिम के एक अन्य पूर्व साथी एलिहास की बेटी है और उसकी ये हालत क्वांटम प्रयोग के दौरान हुई जिसकी वजह से ईवा की स्थिती एक भूत जैसी हो गई है । ईवा इस लैब को चुराना चाहती है और अपनी स्थिती को नॉर्मल करना चाहती है । ईवा उस लैब को चुरा लेती है जिसके जरिए होप अपनी मां को वापस लाना चाहती है और फ़िर ऐंट-मैन कि मदद से होप ईवा से मुकाबला करती है । तो क्या पिम, होप और लैंग जेनेट को क्वांटम दायरे से बाहर लाने में कामयाब होते हैं, क्या वो भूत को फ़िर से नॉर्मल होने के लिए पर्याप्त एनर्जी मिल पाती है, क्या टेक्नोलोजी का इस्तेमाल गलत हाथों में जाने से बचाया जा सकेगा, ये सब पूरी फ़िल्म देखने के बाद ही पता चलता है ।

ठीक शुरूआत से ऐंट-मैन एंड द वेस्प, मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स (एमसीयू) द्दारा रिलीज की गई पिछली फिल्मों से काफ़ी अलग है । इस फ़िल्म में मानवीय मूल्यों पर ज्यादा फ़ोकस किया गया है । फ़िल्म की पूरी कहानी में परिवार और भावनाएं मुख्य तौर पर दर्शाए जाते हैं और ये सब फ़िल्म में बहुतायत से दिखाई देता है । हालांकि इससे एक्शन में कमी नहीं होती है । एमसीयू फ़ॉरमेट को ध्यान में रखते हुए, ऐंट-मैन एंड द वेस्प में एक्शन और कॉमेडी भरपूर मात्रा में देखने को मिलती है और फ़िल्म की यही बात दर्शकों को सीट से चिपकने से मजबूर करती है । फ़िल्म के मजेदार वन-लाइनर्स और हैरत-अंगेज एक्शन सीन फ़िल्म में छाए रहते हैं ।

लेकिन ऐंट-मैन एंड द वेस्प की सबसे बड़ी कमी ये है कि ये इसमें एमसीयू फ़िल्म्स की पिछली फ़िल्मों की तरह कहीं भी मजबूत विलेन देखने को नहीं मिला । अवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर की जबरदस्त सफ़लता के बाद, दर्शकों को उम्मीद रहती है कि इसमें भी कोई खतरनाक विलेन होगा या उससे थोड़ा कम, लेकिन इसमें आप ये सब मिस करते हैं । दुर्भाग्य से नई रिलीज में, खलनायकों की भूमिका ऐसे व्यक्तियों के रूप में आती है जो अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए बुरा रास्ता अपनाते हैं । फ़िल्म का मुख्य विलेन, जिसका एक अंधकार्मय अतीत है, एक भूत के रूप में सामने आता है जिसे अस्तित्व में होने की जरूरत है ।

लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती है, मार्वल फ़िल्म की बजाए, ऐंट-मैन एंड द वेस्प डिज़्नी फ़िल्म ज्यादा लगती है । क्योंकी मार्वल फ़िल्म्स पूरी तरह से पारस्परिक सुपरहीरो और उनकी रिलेशनशिप पर फ़ोकस होती है जबकि ये फ़िल्म डिज़्नी फ़िल्म की तरह ज्यादा दिखाई पड़ती है जिसमें फ़ैमिली वैल्यूज काफ़ी मात्रा में दिखाई जाती है । हालांकि,इन बिंदुओं के बावजूद भी ऐंट-मैन एंड द वेस्प को देखना मनोरंजनदायक होता है । सीजीआई और विजुअल इफ़ैक्ट्स के साथ, यह फ़िल्म अपनी बंधी हुई कहानी से दिल जीत ले जाती है । इस फ़िल्म के साथ मेकर्स दर्शकों को रॉलरकॉस्टर की सवारी कराते है जिसमें पिछली फ़िल्मों और टीवी सीरिज की कुछ झलकियां देखने कि मिलती हैं ।

ऐंट-मैन एंड द वेस्प के हिंदी वर्जन की बात करें तो इसकी हिंदी डबिंग काफ़ी मजेदार ढंग से हुई है । भारी मात्रा में हिंदी मुहावरों का प्रयोग फ़िल्म को मनोरंजनकारी बना देता है । विदेश किरदारों पर हिंदी डायलॉग्स को फ़िट करना वाकई अच्छा लगता है । फ़िल्म में इस्तेमाल हुए कुछ हिंदी वन-लाइनर्स तो बेहद कमाल के है जैसे, डर को नाश्ते में खा जाना, सच की सुई इत्यादि ।

कुल मिलाकर, ऐंट-मैन एंड द वेस्प एक अच्छी फ़िल्म है और क्योंकी यह अवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर की तड़प को शांत करने के लिए उसके ठीक बाद आई है इसलिए इसे देखना मनोरंजनदायक है । सही मायने में वॉल्ट डिज़्नी वैल्यू, जो इसकी खासियत है, के साथ आई ये एक हल्की-फ़ुल्की फ़िल्म है, यह एक ऐसी फिल्म है जो एमसीयू रिलीजज की सूची को पूरा करने के लिए देखी जा सकती है जो आखिरकार अगली एवेंजर्स फिल्म के मैन प्लॉट में शामिल होगी ।

क्योंकी संजू अभी तक अच्छा प्रदर्शन कर रही है, और दूसरी बॉलीवुड फ़िल्में जैसे सूरमा रिलीज हो रही है और उसे भी सही मात्रा में स्क्रीन संख्या मिली, इसलिए बॉक्सऑफ़िस पर ऐंट-मैन एंड द वेस्प को दर्शक जुटाने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है ।